Lucknow News: आईसीयू-वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों में इंफेक्शन का खतरा सबसे अधिक होता है। जिसके चलते करीब 30-40 प्रतिशत वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों इंफेक्शन हो जाता है। इन मरीजों को इंफेक्शन से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है।


लखनऊ (ब्यूरो)। आईसीयू-वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों में इंफेक्शन का खतरा सबसे अधिक होता है। जिसके चलते करीब 30-40 प्रतिशत वेंटिलेटर पर भर्ती मरीजों इंफेक्शन हो जाता है। इन मरीजों को इंफेक्शन से बचाने के लिए अतिरिक्त सावधानी बरतने की जरूरत होती है। मरीज को छूने से पहले साबून से हाथ धोएं। यह नियम डॉक्टर व पैरामेडिकल समेत अन्य सभी पर लागू है। यह सलाह संजय गांधी पीजीआई में शुक्रवार को इमरजेंसी मेडिसिन विभाग के डॉ। तनमय घटक ने इंडियन सोसाइटी ऑफ क्रिटिकल केयर मेडिसिन द्वारा आयोजित क्रिटिकॉन-2024 के दौरान दी।अधिक समय तक होते हैं भर्ती


कार्यक्रम के दौरान डॉ। तनमय ने कहा कि आईसीयू में 30 से 40 फीसदी मरीजों को वेंटिलेटर एसोसिएटेड निमोनिया, सेंट्रल लाइन एसोसिएटेड इंफेक्शन, यूटीआई हो जाता है। नतीजतन, मरीजों को अस्पताल में अधिक समय तक भर्ती रखने की जरूरत पड़ती है। वर्कशॉप में 600 से अधिक डॉक्टर व छात्र-छात्राओं ने इंफेक्शन से बचाव के बारे में सीखा।*************************************************पीजीआई में सर्वर ने रुलाया, मरीज परेशान

संजय गांधी पीजीआई में आए दिन सर्वर खराब होने की समस्या सामने आती है। शुक्रवार को भी सर्वर ठप होने से मरीजों और तीमारदारों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। रजिस्ट्रेशन से लेकर जांच के लिए फीस जमा करने और दवा लेने तक में उन्हें घंटों लाइन में खड़ा रहना पड़ा। सर्वर दोबारा एक्टिव होने के बाद लोगों को राहत मिली। सर्वर जाने की वजह से हुई देरी के चलते डॉक्टर्स को देर शाम तक मरीजों को देखना पड़ा। शुक्रवार होने के कारण ओपीडी में मरीजों की भीड़ काफी ज्यादा थी। हालांकि, पीजीआई के निदेशक प्रो। आरके धीमन का कहना था कि सर्वर की समस्या ठीक करा ली गई थी और किसी को भी कोई समस्या नहीं होने दी गई।

Posted By: Inextlive