Lucknow News: दीपावली पर दो दिनों तक हुई जबरदस्त आतिशबाजी का असर एक ओर जहां शहर की एयर क्वालिटी पर दिखा तो वहीं हर साल की तरह इस बार भी पटाखों की वजह से घायल हुए लोगों की संख्या काफी रही। इस बीच आतिशबाजी के शोर के चलते हिंसक हुए डॉग्स ने भी लोगों को घायल किया।


लखनऊ (ब्यूरो)। दीपावली पर दो दिनों तक हुई जबरदस्त आतिशबाजी का असर एक ओर जहां शहर की एयर क्वालिटी पर दिखा, तो वहीं हर साल की तरह इस बार भी पटाखों की वजह से घायल हुए लोगों की संख्या काफी रही। इस बीच आतिशबाजी के शोर के चलते हिंसक हुए डॉग्स ने भी लोगों को घायल किया। राजधानी में दीपावली के दौरान दो दिनों में 250 से भी ज्यादा लोग डॉग बाइट्स के शिकार हुए, जिनमें करीब 30 पर्सेंट बच्चे शामिल थे। अस्पतालों में पहुंचे डॉग बाइट्स के मामले


बलरामपुर अस्पताल, सिविल अस्पताल, लोकबंधु अस्पताल समेत अन्य सरकारी अस्पतालों की इमरजेंसी में 250 से अधिक मरीज एंटी रैबीज टीका लगवाने पहुंचे। इसके अलावा सीएचसी-पीएचसी में भी मरीज टीका लगवाने पहुंचे। सरकारी संस्थानों में टीका फ्री में लगाया जाता है। डॉक्टर्स के मुताबिक, पटाखों के शोर से कई बार डॉग्स डर जाते हैं, जिसकी वजह से वो डर के चलते अग्रेसिव होकर काट लेते हैं।यहां आये इतने मरीज

बलरामपुर अस्पताल की ओपीडी और इमरजेंसी मिलाकर 110 से अधिक लोग एंटी रैबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंचे। अकेले दीपावली वाले दिन 39 लोगों को इंजेक्शन लगाया गया। वहीं, सिविल अस्पताल में दो दिनों में 32 लोगों को एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाया गया। सीएमएस डॉ। राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि आम दिनों में 8-10 नए एंटी रैबीज इंजेक्शन लगते हैं, पर दीपावली के दिनों में संख्या थोड़ी अधिक रही।दो दिन में 24 डॉग बाइट्स के केसलोकबंधु अस्पताल की बात करें तो यहां पर दो दिनों के भीतर 24 डॉग बाइट के मामले सामने आये। एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि सभी मरीजों को एंटी रैबीज इंजेक्शन लगाया गया है। राहत की बात यह रही कि कोई भी मरीज गंभीर नहीं था। डॉग बाइट को हल्के में नहीं लेना चाहिए। रैबीज होने पर मरीज की मौत भी हो सकती है इसलिए समय रहते इंजेक्शन लगवा लेना चाहिए।डर के कारण अग्रेसिव हो जाते हैं डॉग्स

वेटरनरी डॉ। विकास सिंह बताते हैं कि आतिशबाजी के दौरान तेज आवाज के चलते कई बार डॉग्स डर जाते हैं, जिसकी वजह से वे अचानक अग्रेसिव हो जाते हैं और किसी को भी काट लेते हैं। ये समस्या स्ट्रीट डॉग्स के अलावा पालतू डॉग्स में भी हो सकती है। इसके अलावा, मेटिंग सीजन भी चल रहा है, जिसकी वजह से भी कई बार डॉग्स अग्रेसिव हो जाते हैं। इस दौरान डॉग्स से थोड़ा बचकर रहना चाहिए चूंकि रैबीज आमतौर पर स्ट्रीट डॉग्स के काटने से अधिक होता है क्योंकि इनका कोई टीकाकरण नहीं होता है। पर कई बार पालतू डॉग्स को इनसे इंफेक्शन हो जाता है इसलिए डॉग्स का समय पर वैक्सीनेशन करवाते रहना चाहिए।

Posted By: Inextlive