Lucknow News: डिजिटल युग में हर सुविधा ऑनलाइन होती जा रही है। इसका असर मेडिकल फील्ड में भी देखने को मिल रहा है। बड़े-बड़े क्लीनिक व अस्पताल अब अपनी वेबसाइट के जरिए मरीजों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। डिजिटल युग में हर सुविधा ऑनलाइन होती जा रही है। इसका असर मेडिकल फील्ड में भी देखने को मिल रहा है। बड़े-बड़े क्लीनिक व अस्पताल अब अपनी वेबसाइट के जरिए मरीजों को मेडिकल सुविधा उपलब्ध कराने का काम कर रहे हैं। हालांकि, कई बार लोग इन वेबसाइट्स के चक्कर में फंसकर धोखा भी खा जाते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ऑनलाइन मेडिकल सेवा लेने से पहले उक्त अस्पताल या क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन, वैधता, डॉक्टर की डिग्री आदि चेक कर लेनी चाहिए ताकि फर्जीवाड़े से बचा जा सके।ऑनलाइन पैसा कमाने का जरिया


इंडियन मेडिकल एसोसिएशन, लखनऊ के वीपी डॉ। अमित अग्रवाल बताते हैं कि एक डॉक्टर्स वर्षों से प्रैक्टिस करता चला आ रहा है। ऐसे में उसकी पब्लिसिटी आज भी अधिकतर 'वर्ड ऑफ माउथ' यानि एक मरीज द्वारा दूसरे मरीजों को जानकारी देने के साथ ही हो रही है। पर समय के साथ डिजीटल युग में सबकुछ ऑनलाइन होता जा रहा है। बड़े व कार्पोरेट अस्पतालों के बारे में तो लोगों को पहले से ही पता होता है। ऐसे में उनके साथ तो कोई समस्या नहीं होती है, पर जो नए छोटे क्लीनिक या अस्पताल आदि होते हैं, लोगों को आंख बंदकर उनकी वेबसाइट पर विश्वास नहीं करना चाहिए। इनमें से अधिकतर वेबसाइट्स गलत जानकारी ही देती हैं, जो मेडिकल एथिक्स के खिलाफ है। यह पैसा कमाने का फोरम बनकर रहा गया है। वेबसाइट पर 90 पर्सेंट रिव्यू गलतडॉ। अमित आगे बताते हैं कि कुछ वेबसाइट्स ऐसी भी होती हैं जिनपर कई क्लीनिक व अस्पतालों की डायरेक्ट्री होती है। पर ऐसी अधिकतर वेबसाइट्स पर जो रिव्यू नजर आते हैं, उनमें पैसा देकर लिखाए गए रिव्यू पहले नजर आते हैं। उनमें से 90 पर्सेंट रिव्यू गलत होते हैं इसलिए बहुत सोच समझकर ही ऑनलाइन किसी क्लीनिक या अस्पताल का चयन करना चाहिए। हालांकि, यह सच यह भी है कि 90 पर्सेंट डॉक्टर सही होते हैं, केवल 10 पर्सेंट ही गलत होते हैं इसलिए हर डॉक्टर को एक जैसा नहीं मानना चाहिए।इन बातों का रखें ध्यान

राजधानी में निजी अस्पतालों के नोडल इंचार्ज डॉ। एपी सिंह के मुताबिक, ऑनलाइन सर्च के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। सरकारी अस्पतालों में ऑनलाइन अपाइंटमेंट के लिए राष्ट्रीय सरकारी सेवा पोर्टल व एप का इस्तेमाल किया जा सकता है। कुछ सरकारी अस्पतालों में ऑन कॉल भी अपाइंटमेंट की सुविधा मिलती है। पर बात निजी क्लीनिक व अस्पताल आदि की हो तो इसको लेकर बेहद सतर्कता बरतनी चाहिए। ऑनलाइन वेबसाइट सर्च करने के दौरान बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। वेबसाइट पर अस्पताल या क्लीनिक का रजिस्ट्रेशन नंबर, डॉक्टर का नाम, डिग्री व विशेषज्ञता के साथ अन्य जानकारी होनी चाहिए। साथ ही ऑनलाइन रिव्यू पर भरोसा नहीं करना चाहिए। अगर उस शहर में कोई जानने वाला है तो उससे भी जानकारी करनी चाहिए।इन बातों में न आएं-मेडिकल डायरेक्ट्री वाली वेबसाइट के झांसे में न आएं।-पेड रिव्यू के चक्कर में न फंसें।-कई वेबसाइट्स महज कमाई का जरिया होती हैं।-बिना डॉक्टर की डिग्री, विशेषज्ञता आदि लिखी वेबसाइट से दूर रहें।-शहर में कोई परिचित हो तो उससे जानकारी हासिल करें।इन बातों का रखें ध्यान-वेबसाइट पर रजिस्ट्रेशन नंबर लिखा हो।-सभी डॉक्टर का नाम, डिग्री, विशेषज्ञता आदि लिखी हो।-अस्पताल के बारे में पूरी जानकारी दी गई हो।वेबसाइट पर 90 पर्सेंट रिव्यू गलत होते हैं, लोगों को इनपर आंख मूंदकर विश्वास नहीं करना चाहिए। कई वेबसाइट कमाई का जरिया बन गईं हैं इसलिए बेहद सोच समझ कर ही इनका चयन करना चाहिए।-डॉ। अमित अग्रवाल, वीपी, आईएमए-लखनऊनिजी क्लीनिक व वेबसाइट सर्च के दौरान सावधानी बरतनी चाहिए। केवल रिव्यू के आधार पर झांसे में नहीं आना चाहिए। वेबसाइट पर गलत जानकारी देना नियमों के विरुद्ध है।-डॉ। एपी सिंह, नोडल अधिकारी

Posted By: Inextlive