Lucknow News: प्रदेश के विभिन्न जनपदों में गत वर्षों की तुलना में इस साल मलेरिया के अधिक मरीज मिलना चिंता का विषय है। इस साल इस बीमारी के बढ़ने का प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन है। अगर ध्यान दें तो पहले बारिश और उसके बाद डेंगू बुखार का प्रकोप शुरू होता था।


लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश के विभिन्न जनपदों में गत वर्षों की तुलना में इस साल मलेरिया के अधिक मरीज मिलना चिंता का विषय है। इस साल इस बीमारी के बढ़ने का प्रमुख कारण जलवायु परिवर्तन है। अगर ध्यान दें तो पहले बारिश और उसके बाद डेंगू बुखार का प्रकोप शुरू होता था। जबकि अब पूरे साल डेंगू के मरीज मिलते रहते हैं। यह जानकारी संयुक्त निदेशक, राष्ट्रीय वेक्टर जनित रोग नियंत्रण कार्यक्रम डॉ। विकास सिंघल ने दी है। लखनऊ में मिले 543 मरीजस्वास्थ्य विभाग के अनुसार साल 2021-22 में मलेरिया के 7,039 मरीज और 2022-23 में मलेरिया के 13,603 मरीज समाने आये थे। जबकि इस साल अप्रैल से अब तक 9,627 मलेरिया के मरीज सामने आ चुके हंै। मलेरिया के लगातार बढ़ते मामलों ने विभाग की चिंता को बढ़ा दिया है।कई कदम उठाए जा रहे
डॉ। सिंघल ने बताया कि मलेरिया से निपटने के लिए लगातार विभिन्न गतिविधियां और प्रयास किए जा रहे हैं। प्रदेश के सभी सरकारी, निजी अस्पतालों एवं लैब द्वारा चिन्हित मलेरिया रोगियों का विवरण रियल टाइम के आधार पर यूडीएसपी पोर्टल पर अपलोड किया जा रहा है। इसके अलावा प्रदेश के आयुष्मान आरोग्य मंदिरों, सीएचसी एवं जिला अस्पतालों में रैपिड डायग्नोस्टिक टेस्ट किट के मध्यम से मलेरिया की जांच की जा रही है। जबकि सीएचसी एवं जिला अस्पतालों में आरडीटी के साथ साथ माइक्रोस्कोपिक जांच भी की जा रही है।मलेरिया के ये होते हैं लक्षण-जाड़ा लगकर बुखार आना-मांसपेशियों में दर्द-जोड़ों में दर्द-उल्टी-थकान-जी मिचलाना-दस्त लगनाइन जिलों में मिली सर्वाधिक मरीज-बदायूं में 2750-बरेली में 1347-हरदोई में 1333-सीतापुर में 850-शाहजहांपुर में 623-लखनऊ में 543-लखीमपुर में 485-पीलीभीत में 362

Posted By: Inextlive