Lucknow News: रंगमंच से रुपहले पर्दे पर छाये लखनऊ के कलाकार
लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के रंगमंच को अभिनय की नर्सरी कहा जाये तो यह गलत नहीं होगा, क्योंकि यहां होने वाली कार्यशालाओं में लोग अपने अभिनय करियर की नींव मजबूत करते हैं। राजधानी में होने वाली इन रंगमंच की कार्यशालाओं ने कई सशक्त रंगकर्मी भी दिए हैं, जो आज रंगमंच से लेकर रूपहले पर्दे तक पर भी अपनी चमक बिखेर रहे हैंएक्टिंग से निर्देशन तक का सफरवरिष्ठ रंगकर्मी सूर्यमोहन कुलश्रेष्ठ रंगमंच की दुनिया में किसी परिचय के मोहताज नहीं है। उन्होंने 1974 में रंगमंच की दुनिया में कदम रखा और आज खुद में एक अकादमी से कम नहीं है। उन्हें अकादमी अवार्ड भी मिल चुका है। इसके अलावा वह नार्वे, पाकिस्तान, स्वीडन, जर्मनी आदि देशों में नाटक का मंचन कर चुके हैं। वह अभिनय के साथ-साथ निर्देशन भी कर चुके हैं।साइंटिस्ट से रंगकर्मी तक का सफर
सीडीआरआई में बायोकेमिस्ट्री विभाग के हेड रहे डॉ। अनिल रस्तोगी भी रंगमंच का एक जाना पहचाना नाम हैं। वह आज 80 वर्ष की उम्र में भी अपने अभिनय का लोहा मनवा रहे हैं। उन्होंने 1972 में दर्पण संस्थान से जुड़ते हुए अभिनय की शुुरुआत की है। वह अब तक 96 से अधिक नाटकों के कई शोज कर चुके हैं। इसके अलावा, वह 60 से अधिक फिल्में और 13 वेब सीरीज में भी काम कर चुके हैं, जिनमें उन्होंने राजपाल यादव, अनुपम खेर, तापसी पन्नू, ऋषि कपूर जैसे दिग्गजों के साथ स्क्रीन शेयर की है।अभिनय के साथ लेखन में भी माहिरवरिष्ठ रंगकर्मी ललित सिंह पोखरिया 1987 से अभिनय के साथ नाट्य लेखन का काम कर रहे हैं। उनके लिखे नाटकों के कई शोज कई शहरों में हो चुके हैं। उन्होंने 85 नाटक और करीब 50 नुक्कड़ नाटक लिखे हैं। वह क्रांति पथ, कालापानी, आखेट आदि नाट्य संग्रह की रचना कर चुके हैं। उनके अभिनय और लेखन की महारत की हर कोई दाद देता है। वह नए कलाकारों को अभिनय की बारीकियां भी सिखाते हैं।नई पौध तैयार कर रहे
बात अगर अभिनय की बारीकियां सीखने की हो तो यायावर रंगमंडल का नाम सबसे पहले आता है। 1991 में बना यह संस्थान अभिनय की नई पौध तैयार करने का काम कर रहा है। रंगकर्मी जितेंद्र मित्तल के बेटे पुनीत मित्तल अब इसे संभाल रहे हैं। जहां वे बच्चों से लेकर नव युवकों को नाट्य अभिनय की बारीकियों को सिखाकर सशक्त बना रहे हैं। यहां अभिनय की कार्यशाला का आयोजन भी लगातार किया जाता रहता है। यहां से निकले रोहित चौधरी, सीमा सिंह, हेमा व रवींद्र जैसे कलाकार रूपहले पर्दे पर अपनी चमक बिखेर रहे हैं।