Lucknow News: गोल्ड और सिल्वर के रेट में आई गिरावट का पॉजिटिव असर इंवेस्टमेंट के रूप में सामने आया है। एक तरफ जहां बड़े कस्टमर्स इंवेस्टमेंट प्वाइंट ऑफ व्यू से गोल्ड परचेज कर रहे हैैं वहीं जिनके यहां सहालग के मौसम में शादियां वगैरह होनी हैं वे अभी से गोल्ड ज्वैलरी की एडवांस परचेसिंग कर रहे हैैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। गोल्ड और सिल्वर के रेट में आई गिरावट का पॉजिटिव असर इंवेस्टमेंट के रूप में सामने आया है। एक तरफ जहां बड़े कस्टमर्स इंवेस्टमेंट प्वाइंट ऑफ व्यू से गोल्ड परचेज कर रहे हैैं, वहीं जिनके यहां सहालग के मौसम में शादियां वगैरह होनी हैं, वे अभी से गोल्ड ज्वैलरी की एडवांस परचेसिंग कर रहे हैैं। पब्लिक के रिस्पांस की वजह से सराफा मार्केट में पिछले छह माह से छाया सन्नाटा छंटता हुआ नजर आ रहा है और सराफा कारोबारी भी राहत की सांस ले रहे हैैं।साढ़े दस हजार की गिरावट


केंद्रीय बजट में एक्साइज ड्यूटी कम किए जाने के बाद से गोल्ड और सिल्वर के रेट्स में गिरावट देखने को मिल रही है। अभी तक गोल्ड के रेट्स में 4550 रु। प्रति दस ग्राम गिरावट दर्ज की गई है, वहीं सिल्वर के रेट में 10 हजार 500 रुपये प्रति किलो गिरावट दर्ज की गई है। गोल्ड और सिल्वर के रेट्स में आई गिरावट की वजह से खरीदारों की संख्या में भी दो से तीन गुना इजाफा देखने को मिल रहा है।एडवांस में हो रही खरीदारी

अभी सहालग शुरू होने में लंबा समय है। इसके बावजूद जिनके यहां शादी हैं या कोई बड़ा फंक्शन है, वे लोग अभी से ही ज्वैलरी की खरीद कर रहे हैैं। खरीदारों को लगता है कि आने वाले दिनों में फिर से गोल्ड के रेट बढ़ सकते हैैं, इस वजह से अभी से ही खरीदारी कर रहे हैैं। वहीं, अगर बड़े कस्टमर्स (बिग इंवेस्टर्स) की बात करें तो उनका रुझान बुलियन खरीदारी पर है।यह होता है बुलियनमार्केट में बुलियन का मतलब प्योर गोल्ड की खरीदारी है। बुलियन में खरीदारी का फायदा यह है कि इसमें मेकिंग चार्जेस या अन्य कोई भी चार्ज नहीं लगता है। इसकी वजह से इंवेस्टमेंट प्वाइंट ऑफ व्यू से इसकी बिक्री बढ़ रही है। सीधे शब्दों में बात करें तो बुलियन प्योर गोल्ड के रूप में बिस्कुट या ब्रेड की शक्ल में होता है। इसे पूरा या कई हिस्सों में परचेज किया जा सकता है।कारोबार में दोगुना इजाफासहालग का सीजन न होने के बावजूद इस समय सराफा कारोबार का ग्राफ दोगुना तक बढ़ गया है। उदाहरण के लिए पहले जहां रोज 50 कस्टमर्स गोल्ड परचेजिंग के लिए आते थे, वहीं अब यह संख्या 100 के पार है। सराफा कारोबारियों को उम्मीद है कि आने वाले दस से बीस दिनों में कस्टमर्स और इंवेस्टर्स के ग्राफ में और भी अधिक इजाफा देखने को मिल सकता है।जीएसटी लग सकती है

सराफा सेक्टर में यह भी चर्चा है कि आने वाले वक्त में गोल्ड और सिल्वर में जीएसटी का आंकड़ा बढ़ सकता है। वर्तमान समय में गोल्ड और सिल्वर पर तीन प्रतिशत जीएसटी लग रही है, लेकिन आने वाले वक्त में यह तीन प्रतिशत से बढ़कर बारह प्रतिशत हो सकती है। तभी लोग अभी से ही गोल्ड की परचेसिंग ज्यादा कर रहे हैैं।गोल्ड क्वाइंस की बढ़ी डिमांडगोल्ड के रेट कम होने की वजह से गोल्ड क्वाइंस की भी डिमांड बढ़ रही है। सराफा कारोबारियों का कहना है कि क्वाइन डिमांड में भी तीन से चार प्रतिशत की उछाल देखने को मिल रही है। फेस्टिव सीजन के आसपास इस सेगमेंट में और भी अधिक बढ़ोत्तरी देखने को मिल सकती है।निश्चित रूप से इस समय कस्टमर्स का पॉजिटिव रिस्पांस देखने को मिल रहा है। करीब छह महीने के बाद कारोबार में उछाल देखने को मिल रही है। प्योर गोल्ड में इंवेस्टमेंट का ट्रेंड बढ़ा है साथ ही लोग एडवांस में ज्वैलरी परचेसिंग भी कर रहे हैैं।आदीश कुमार जैन, वरिष्ठ उपाध्यक्ष, सराफा एसोसिएशन चौक
गोल्ड और सिल्वर के रेट्स में कमी आने की वजह से खरीदारों का फुटफॉल भी तेजी से बढ़ा है। प्योर गोल्ड में लोग इंवेस्टमेंट कर रहे हैैं। सामान्य दिनों के मुकाबले इस समय कारोबार के ग्राफ में दो गुना तक वृद्धि देखने को मिल रही है।राहुल गुप्ता, सराफा कारोबारी

Posted By: Inextlive