LUCKNOW NEWS; ट्रामा में बवाल के बाद जिम्मेदार पर नहीं होता है कोई एक्शन यहां मामले को दबाने की कोशिश की जाती है। जांच सिर्फ मामला शांत करने के लिए बैठाई जाती है। अधिकारी नियमानुसार कार्रवाई की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते हैं।

लखनऊ (ब्यूरो)।

केस 1
21 अप्रैल: केजीएमयू के रैन बसेरा में कैंसर पीडि़त महिला की मौत हो गई। परिजन उसे इमरजेंसी में भर्ती करवाना चाह रहे थे लेकिन भर्ती नहीं हो सकी। मौत के बाद परिजनों ने हंगामा किया। मरीज का पर्चा और कोई जांच न होने की बात कहकर मामले को दबा दिया गया।

केस 2
दिसंबर 2023: ट्रामा में दो महिला मरीज गंभीर अवस्था में आईं। आरोप था कि मरीज को वेंटीलेटर होने के बावजूद नहीं दिया गया। जिससे दोनों की मौत हो गई। जांच बैठाई गई लेकिन कुछ हुआ नहीं।

केस 3
मई 2019: लापरवाही से मरीज की मौत हो गई। परिजनों ने इसका विरोध किया तो गार्ड द्वारा लाठियों से पीटा गया। जांच बैठाई गई लेकिन हुआ क्या, इसकी जानकारी नहीं मिली।

ये चंद केस यह बताने के लिए काफी हंै कि केजीएमयू ट्रामा मरीजों के साथ होने वाले गलत व्यवहार और लापरवाही पर जांच तो बैठाता है लेकिन कोई एक्शन नहीं लेता है। यहां मामले को दबाने की कोशिश की जाती है। जांच सिर्फ मामला शांत करने के लिए बैठाई जाती है। अधिकारी नियमानुसार कार्रवाई की बात कहकर अपनी जिम्मेदारी से मुक्त हो जाते हैं।

जांच कमेटी के नाम पर होता है खेल
केजीएमयू ट्रामा सेंटर में आए दिन बवाल की सूचना आती रहती है। कभी डाक्टर य नर्स द्वारा अभद्रता तो कभी गार्ड द्वारा मारपीट की घटनाएं यहां होती हैं। संस्थान प्रशासन कार्रवाई की बात करता है। जांच के नाम पर केवल खानापूर्ति होती है। अगर मामला तूल पकड़ लेता है तो कभी-कभी संविदाकर्मियों को हटा दिया जाता है। असली आरोपियों को बचा लिया जाता है। मरीज और तीमारदार कुछ दिन तो मामले की जानकारी लेने यहां आते हैं, इसके बाद वे भी थक-हारकर बैठ जाते हैं।

नियमानुसार होती है कार्रवाई
संस्थान के अधिकारियों के मुताबिक जांच के बाद जो रिपोर्ट आती है, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाती है। जिसमें, बैड एंट्री, सैलरी काटना या फिर निष्कासन तक किया जाता है। यह कार्रवाई उनके लॉग बुक में चढ़ाई जाती है। जिससे आगे की पढ़ाई और ट्रेनिंग में इसका असर पड़ता है। इससे डॉक्टर की रेप्युटेशन पर भी असर पड़ता है। जिसका खामियाजा आगे चलकर उठाना पड़ता है।

कोट
जांच कमेटी की रिपोर्ट के अनुसार कार्रवाई की जाती है। संस्थान मरीजों को बेहतर सुविधाएं देने के लिए प्रतिबद्ध है।
- डॉ सुधीर सिंह, प्रवक्ता, केजीएमयू

Posted By: Inextlive