Lucknow News: एक अनपढ़ नटवर लाल ने सबसे काबिल जमात आईएएस अफसरों को अपने 'मायाजाल' फंसाकर ठग लिया। वह सीएम का सचिव बनकर कभी ट्रांसफर रुकवाने के नाम पर तो कभी सीएम ऑफिस में कंप्लेन को दबाने के नाम पर वसूली करता था।


लखनऊ (ब्यूरो)। किताबी ज्ञान न होने के बाद भी एक अनपढ़ नटवर लाल ने सबसे काबिल जमात आईएएस अफसरों को अपने 'मायाजाल' फंसाकर ठग लिया। वह सीएम का सचिव बनकर कभी ट्रांसफर रुकवाने के नाम पर तो कभी सीएम ऑफिस में कंप्लेन को दबाने के नाम पर वसूली करता था। ठगी की वारदात करने से पहले पूरा होमवर्क करता था, डिटेल हासिल करने के बाद ही अपने टारगेट पर वार करता था। आखिरी टारगेट एसडीएम बस्ती थे, हालांकि इस बार दांव उलटा पड़ गया और वह एसटीएफ के हत्थे चढ़ गया। पूछताछ में उसने कई चौंकाने वाली बातें पुलिस टीम को बताईं।डीएम व सीडीओ को किया था टारगेट


कुछ दिन पहले बस्ती जिले के सीडीओ को एक कॉल आई, जिसके कॉलर ट्यून में सीएम योगी आदित्यनाथ का नाम डिस्प्ले कर रहा था। कॉलर ने सीडीओ से कहा कि मैं सीएम सचिव बोल रहा हूं। आपकी एक कंप्लेन पंचम तल में आई है, जिसकी जांच के आदेश होने वाले हैं। कहिए तो मैं शिकायतकर्ता और आपके बीच की मीटिंग करवा दूं, लेकिन इसके लिए कुछ खर्च करना पड़ सकता हैं। सीडीओ से कॉलर ने कहा कि वह दूसरे दिन कॉल करेगा तब तक सोच समझ लें। इसी दिन उसने बस्ती जिले के ही डीएम को कॉल कर दी और कहा कि आपका ट्रांसफर होने वाला है, लिस्ट बनने जा रही है कहिए तो इसे रुकवा दूं।डीएम के वेरिफाई करने पर खुला राजबस्ती जिले के कोतवाली इंस्पेक्टर विजय दुबे के मुताबिक, डीएम को कॉलर संदिध लगा, जिस पर उन्होंने तत्काल लखनऊ में कॉल कर अपने आप को अफसर बताने वाले को वेरिफाई किया। जिस पर कालर फर्जी निकला था। जिसके बाद कोतवाली में उसके खिलाफ एक केस रजिस्टर्ड किया गया और बस्ती पुलिस के साथ-साथ एसटीएफ ने भी कालर की गिरफ्तारी के लिए टीम गठित कर दी। एसटीएफ ने संडे को अफसरों को कॉल करने वाला विवेक शर्मा उर्फ विवेक चौधरी उर्फ विवेक तिवारी को बस्ती से अरेस्ट किया गया। नटवरलाल विवेक इस बार एक एसडीएम को ठगने की प्लानिंग कर रहा था।180 अफसरों के मुंह जुबानी याद हैं सीयूजी नंबर

बस्ती के कोतवाली इंस्पेक्टर विजय दुबे ने बताया कि आरोपी मूलरूप से आगरा का रहने वाला है। सूत्रों के मुताबिक, एसटीएफ और पुलिस ने जब उससे पूछताछ की तो हैरान करने वाली बातें सामने आई। आरोपी नटवरलाल ज्यादा पढ़ा लिखा नहीं है फिर भी उसके शातिर दिमाग में ठगने के कई आइडिया चलते रहते हैं। नटवरलाल विवेक ने एसटीएफ को बताया कि वह एक दर्जन सिम रखे हुए था। उनका सीरियल नंबर 945440 और 945441 से मिलता जुलता था। इसके अलावा उसे मुंह जुबानी पुलिस व जिला प्रशासन के अफसरों के करीब 180 नंबर याद हैं। 6 जिले में दर्ज हैं फ्रॉड के 15 केसपूछताछ में नटवरलाल ने कबूल किया कि वह अब तक करीब 20 आईएएस अफसरों को ठगने के लिए कॉल कर चुका है, जिसमें कई जिलों के डीएम तक रहे हैं। सूत्रों के मुताबिक, ठग ने बताया कि कई अफसरों ने उसके झांसे में आकर उसे पैसे भी दिए थे। हालांकि, कई अफसरों को जब वह संदिग्ध लगा तो उसके खिलाफ एफआईआर भी दर्ज करवाई। आरोपी विवेक के खिलाफ धारा 420 के तहत बलरामपुर में 5, मथुरा में 4, अलीगढ़ व हरदोई में 2-2, बांदा व कानपुर में 1-1 मुकदमा दर्ज है।ठगी के लिए करता था होमवर्क

उसने बताया कि वह अफसरों को कॉल करने से पहले न्यूज के अलग-अलग प्लेटफॉर्म के जरिए यह जानकारी लेता था कि किस अफसर के खिलाफ कंप्लेन सीएम ऑफिस में हुई है, किस जिले में क्या क्या चल रहा था। ट्रांसफर होने की किन-किन जिलों में अफसरों की संभावनाएं हैं। जब जानकारी मिल जाती तब वह अफसरों को कॉल कर सबसे पहले खुद को सीएम सचिव बताता था। इसके बाद वह कुछ को तबादला होने तो कुछ को सीएम ऑफिस में कंप्लेन मिलने की बात बताता कर जाल में फंसता था। इसके बाद ट्रांसफर और जांच रुकवाने के नाम पर उनसे पैसों की डिमांड भी करता था।

Posted By: Inextlive