Lucknow News: गोल्डन ऑवर में ब्लैक स्पॉट पर मिले एंबुलेंस, तो बचेगी जान
लखनऊ (ब्यूरो)। प्रदेश भर में ब्लैक स्पॉट दुर्घटना का सबब बन रहे हैं, जिसके कारण मौतों का आंकड़ा भी बढ़ रहा है। इन आंकड़ों को कम करने के लिए परिवहन विभाग अब स्वास्थ्य विभाग की मदद लेगा। जिसके तहत ब्लैक स्पॉट पर होने वाली दुर्घटनाओं में गोल्डन पीरियड में एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराई जाएगी ताकि समय रहते घायल की जांच बचाई जा सके। अधिकारियों के मुताबिक, इस बाबत स्वास्थ्य विभाग से जरूरी जानकारी शेयर की जा चुकी है।पहली बार घटा मौतों का आंकड़ा
रोड सेफ्टी सेल के डेटा के अनुसार, 2022 में 41,746 दुर्घटनाएं और 22,592 मौतें हुई थीं, जबकि 2023 में 44,534 दुर्घटनाएं और 23,652 मौतें दर्ज की गई थीं, जहां मृतकों के आंकड़ों में 4.7 प्रतिशत का इजाफा हुआ था। हालांकि, 2023 की पहली तिमाही में 5,971 मौतों के सापेक्ष 2024 की पहली तिमाही में यह आंकड़ा घटकर 5,698 हो गया है। पहली बार मौतों के आंकड़ों में कमी को लेकर अधिकारी भी उत्साहित है। अधिकारियों की माने तो इसे देखते हुए आने वाले समय में इसे और कम करने को लेकर काम किया जा रहा है। जिसके तहत खासतौर पर ब्लैक स्पॉट पर एंबुलेंस सेवा उपलब्ध कराने की तैयारी चल रही है।गोल्डन पीरियड में पहुंच सके एंबुलेंस
पुष्पसेन सत्यार्थी, अपर परिवहन आयुक्त, सड़क सुरक्षा के मुताबिक, 2023 के आंकड़ों के मुताबिक प्रदेश में करीब 1100 से अधिक ब्लैक स्पॉट हैं, जहां सबसे ज्यादा दुर्घटनाओं के कारण मौतें हो रही हैं। अगर यहां पर गोल्डन पीरियड में एंबुलेंस मिल जाये तो घायलों की समय रहते जान बचाई जा सकती है। इसी को देखते हुए मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई बैठक में स्वास्थ्य विभाग से इस बाबत मदद के निर्देश मिले हैं, जिसके तहत स्वास्थ्य विभाग को सभी ब्लैक स्पॉट के जानकारी उनके लोकेशन के साथ उपलब्ध करा दिया गया है ताकि 10 मिनट के भीतर एंबुलेंस पहुंच सके, जिसे गोल्डन पीरियड भी कहा जाता है।हेल्थ चेकअप भी कराया जा रहाइसके अलावा सभी सरकारी और कॉमर्शियल ड्राइवर्स का स्वास्थ्य विभाग की मदद से हेल्थ चेकअप और आई चेक भी कराया जा रहा है, ताकि समय रहते हेल्थ इश्यू को दूर किया जा सके और सड़क दुर्घटनाओं पर लगाम लगाई जा सके।ब्लैक स्पॉट पर गोल्डन पीरियड में एंबुलेंस सेवा पहुंच सके, इसके लिए स्वास्थ्य विभाग से लिस्ट शेयर की जा चुकी है, ताकि समय रहते घायलों की जान बचाई जा सके।पुष्पसेन सत्यार्थी, अपर परिवहन आयुक्त, सड़क सुरक्षा