Lucknow News: खुद कराएं कमर्शियल बिल्डिंग का फायर ऑडिट या मार्च से एक्शन के लिए रहें तैयार
लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आपके पास कमर्शियल बिल्डिंग है और आपको सेल्फ फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट की जरूरत है, तो यह खबर आपके लिए है। दरअसल, अब फायर विभाग ऐसी बिल्डिंग्स को खुद से ही नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (एनओसी) नहीं जारी करेगा, बल्कि यह बिल्डिंग के मालिक को ही किसी थर्ड पार्टी से फायर ऑडिट करवाना होगा और फिर उससे मिले फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट को मुख्य अग्निशमन अधिकारी के कार्यालय में जमा करना होगा। ऐसे में अगर आपने यह काम अगले कुछ दिनों में नहीं कराया तो विभाग मार्च के आखिरी हफ्ते तक कार्यवाही शुरू कर देगा।20 दिन में शुरू होगी कार्रवाई
सीएफओ मंगेश कुमार ने बताया कि दमकल विभाग में अब एनओसी नाम की कोई चीज नहीं बची है। पहले लोग अपनी बिल्डिंग में फायर सेफ्टी से जुड़े सभी उपकरणों को लगा फायर विभाग से एनओसी ले लेते थे। पर अब नई नियमावली में यह व्यवस्था खत्म कर दी गई है। अब फायर विभाग लोगों से सेल्फ फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट लेगा, जो फायर ऑडिट करने वाली कंपनी से मालिक को लेना होगा। फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि इस लेकर ब्लूप्रिंट तैयार कर लिया गया है। जल्द ही टीमें ऐसे लोगों को चिन्हित कर कार्रवाई करना शुरू कर देंगी।हर 6 महीने में देना होगा सर्टिफिकेट
अगर फायर विभाग के अधिकारियों की तरफ से मुआयना करने पर बिल्डिंग में फायर सेफ्टी से जुड़ी कोई भी कमी नजर आती है, तो पहली बार नोटिस और उसके बाद जुर्माना या बिल्डिंग सीज करने की कार्रवाई की जाएगी। यह कार्रवाई अब खुद फायर विभाग कर सकेगा। फायर विभाग के अधिकारियों के मुताबिक, यह सर्टिफिकेट साल में दो बार यानी हर 6-6 महीने में देना दमकल विभाग में जमा करना होगा। वहीं, इसके अलावा अगर बिल्डिंग में भीषण आग लगती है कि इस आग की चपेट में आकर किसी की मौत होती है, तो इसका खामियाजा मालिकों को भुगतना पड़ेगा। मृतक के परिवार को मुआवजा बिल्डिंग मालिक को ही देना होगा।इलेक्ट्रिसिटी ऑडिट भी होगा जरूरी
फायर ब्रिगेड के अधिकारियों ने बताया कि बिल्डिंग मालिक को इलेक्ट्रिक्सिटी ऑडिट भी करवाना जरूरी होगा। इसके पीछे की वजह बिल्डिंग में सालों से इलेक्ट्रिक उपकरणों की जांच नहीं होती है। ऐसे में बिल्डिंग में शार्ट सर्किट की वजह से आग लगने की संभावना बढ़ जाती है। इसीलिए नए नियमावली के तहत सभी कमर्शियल बिल्डिंग मालिकों को इलेक्ट्रिसिटी ऑडिट करना होगा। इस ऑडिट से पता चल जाएगा कि इलेक्ट्रिक वायर में किसी तरह की खामियां तो नहीं है। वहीं, अगर बिल्डिंग में इलेक्ट्रिसिटी ऑडिट नहीं कराई जाती है, तो उसके भी खिलाफ 133 की कार्रवाई की जाएगी।यह भी जानिए- बिल्डिंग को किसी सर्टिफाइड एजेंसी से करवाना होगा फायर ऑडिट।- सेफ्टी सर्टिफिकेट को अपने क्षेत्र के फायर स्टेशन में जमा करना होगा।- फायर विभाग कभी भी कर सकता है दिए गए सर्टिफिकेट की जांच।- सर्टिफिकेट देने पर भी अगर कमी मिली तो फायर विभाग करेगा कार्रवाई।- समय-समय पर अधिकारी बिल्डिंग का निरीक्षण कर करेंगे जांच।ये होगा फायदा- पुराने बिल्डिंग की इलेक्ट्रिसिटी की हो सकेगी जांच।- सभी कमर्शियल बिल्डिंग के पास होंगे फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट।- बिल्डिंगों में आग लगने की संभावनाएं हो सकेंगी कम।- फायर ब्रिगेड खुद कर सकेगा कार्यवाही।- बिल्डिंग में इलेक्ट्रिक वायर से लेकर अन्य खामियों को किया जा सकेगा दूर।