LUCKNOW NEWS: साइबर क्रिमिनल्स अब लोगों को डिजिटल अरेस्ट करने के लिए पुलिस थानों के सीयूजी नंबरों का भी यूज कर रहे हैं. ऐसा ही एक मामला राजधानी में आया है।

लखनऊ (ब्यूरो)। आलमबाग थाना के इंस्पेक्टर का सीयूजी नंबर हैक कर एक इंजीनियर को साइबर ठगों ने डिजिटल अरेस्ट किया। इसका खुलासा तब हुआ जब इंजीनियर ने इंस्पेक्टर के नंबर पर काल की। इस मामले की एफआईआर आलमबाग थाने में दर्ज की गई है।

दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट
आलमबाग इंस्पेक्टर शिव शंकर के मुताबिक, पटना निवासी 70 वर्षीय जय प्रकाश ने उन्हें काल कर बताया कि, उन्हें ट्राई के अफसर का फोन आया और बताया गया कि उनके मोबाइल नंबर से लखनऊ के कुछ बैंकों में खाता खोल कर भारी रकम जमा की गई है। वे मनी लांड्रिंग के केस में सह आरोपी हैं। ईडी के अफसर उनसे बात करेंगे। इसके बाद आलमबाग थाने के सीयूजी नंबर से उन्हें कॉल आई और दो घंटे तक डिजिटल अरेस्ट करा गया। फोन कटने पर जब रिटायर्ड इंजीनियर ने उन्हें काल की तो सच्चाई सामने आई।

सीयूजी नंबर की स्पूफिंग
इंस्पेक्टर के अनुसार, न सिर्फ डिजिटल अरेस्ट कर बल्कि अन्य तरीकों का भी यूज कर लोगों को ठगने के लिए थाने के नंबर का यूज किया गया है। मामला दर्ज किया गया है और साइबर सेल ने जांच शुरू कर दी है। थाना प्रभारी के सीयूजी नंबर की स्पूफिंग कर लोगों को काल कर हड़की में लिया जा रहा है। जल्द ही अपराधी को ट्रेस कर लिया जाएगा। इससे पहले भी हजरतगंज थाने के सीयूजी नंबर को हैक कर ठगी की गई थी।

पहले भी आए हैं मामले
इससे पहले भी साइबर अपराधियों ने स्पूफिंग काल का यूज बड़े अधिकारियों को ठगने के लिए यूज किया था। एक वर्ष पहले यूपी के तत्कालीन डीजीपी के नंबर से कानपुर के दो थानेदारों को काल की गई थी। थानेदारों से अनैतिक काम करने को कहा गया। पहले तो थानेदारों ने काल करने वाले को डीजीपी ही समझा लेकिन सच्चाई जल्द सामने आ गई। वर्ष 2015 में तत्कालीन सीएम अखिलेश यादव के निजी सचिव के नंबर से राज्य के कई डीएम और मंडलायुक्तों को काल की गई थी। इन सभी से भी अनैतिक कार्य करने को कहा गया। एक-दो अधिकारियों ने बताए काम को कर भी दिया। बाद में जब जांच हुई तो पता चला कि ये स्पूफिंग कॉल थी।

हो सकती है तीन साल की सजा
साइबर एक्सपर्ट शिशिर यादव के मुताबिक, थाने या पुलिस अधिकारी के सीयूजी नंबर से काल कर लोगों को ठगने की कोशिश करना और फिर जब पीडि़त उसी नंबर पर काल करे तो वह असल अधिकारी के पास पहुंचे तो इसे काल स्पूफिंग कहते हैं। यह ऐसी तकनीक है, जिससे अपने नंबर की पहचान छिपाते हुए किसी भी अन्य व्यक्ति के नंबर को हैक करके उससे काल की जाती है। काल स्पूफिंग इंडियन टेलीग्राफ एक्ट के तहत प्रतिबंधित है। ऐसा करते पाए जाने पर 25 हजार रुपये जुर्माना, तीन साल जेल या दोनों दंड का प्रावधान है।

Posted By: Inextlive