Lucknow News: लाइन चार्ज के नाम पर बिजली कनेक्शन की दरों में होने वाले इजाफे की आशंका से बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। दरअसल उपभोक्ता परिषद की ओर से मुद्दा उठाए जाने के बाद विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन से कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है।


लखनऊ (ब्यूरो)। लाइन चार्ज के नाम पर बिजली कनेक्शन की दरों में होने वाले इजाफे की आशंका से बिजली उपभोक्ताओं को राहत मिल सकती है। दरअसल, उपभोक्ता परिषद की ओर से मुद्दा उठाए जाने के बाद विद्युत नियामक आयोग ने पावर कारपोरेशन से कई बिंदुओं पर जवाब मांगा है। उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन की तरफ से विद्युत नियामक आयोग में विद्युतीकृत क्षेत्र के लिए 150 किलो वाट तक उपभोक्ताओं के कनेक्शन की दर को फिक्स करने के लिए जो प्रस्ताव दाखिल किया गया था। उसमें लाइन चार्ज में जो वृद्धि प्रस्तावित की गई थी, उसकी वजह से आने वाले समय में उपभोक्ताओं पर बोझ पड़ सकता था। उपभोक्ता परिषद की तरफ से 20 सितंबर को दाखिल विरोध प्रस्ताव पर विद्युत नियामक आयोग ने अब कार्यवाही शुरू कर दी है। इसी क्रम में उत्तर प्रदेश विद्युत नियामक आयोग की तरफ से पावर कारपोरेशन से से बिंदुवार विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है। 40 मीटर परिधि का दायरा


उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि 150 किलो वाट तक 250 मीटर की परिधि में विद्युतीकृत क्षेत्र में पावर कॉरपोरेशन द्वारा जो प्रस्ताव दाखिल किया गया था, वह एकतरफा है। उसे प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं खासतौर पर 40 मीटर की परिधि वाले बिजली उपभोक्ताओं के कनेक्शन की दरों में व्यापक बढ़ोत्तरी हो रही थी। इसको लेकर उपभोक्ता परिषद पूरी तरीके से एक्टिव था। उन्होंने बताया कि पावर कारपोरेशन के प्रस्ताव के विरोध में आयोग के सामने परिषद का विरोध प्रस्ताव दाखिल करना पड़ा।बिजली टाइप का रखें ध्यान, बिजली बिल पर दिखेगा असरअगर आप बिजली कनेक्शन लेने जा रहे हैैं तो सबसे पहले अपने बिजली टाइप को जान लें। इसके आधार पर ही बिजली कनेक्शन लें ताकि आपको बिजली बिल के भार का सामना न करना पड़े। पावर कारपोरेशन की ओर से उपभोक्ताओं को इस संबंध में जागरूक किया जा रहा है। उपभोक्ता अपने विद्युत प्रयोग के अनुसार, सप्लाई टाइप चुन सकते हैैं। ये टाइप करीब 11 प्रकार के होते हैैं। इसमें आवासीय से लेकर कॉमर्शियल और स्ट्रीट लाइट से जुड़े कनेक्शन भी शामिल होते हैैं। उप्र राज्य विद्युत नियामक आयोग द्वारा विद्युत मूल्य की दरें निर्धारित की जाती हैैं। अधिकतर उपभोक्ताओं को पता ही नहीं होता है कि उन्हें किस टाइप के अंतर्गत बिजली कनेक्शन दिया गया है। जिसकी वजह से कई बार उपभोक्ता परेशान भी होते हैैं।इस तरह समझें टाइप

टाइप कनेक्शनएलएमवी-1 घरेलूएलएमवी-2 कॉमर्शियलएलएमवी-3 स्ट्रीट लाइटिंगएलएमवी-4 सार्वजनिक-निजी संस्थानएलएमवी-5 निजी नलकूपएलएमवी-6 लघु-मध्यम उद्योगएलएमवी-7 पब्लिक वॉटर वर्क्सएलएमवी-8 राजकीय नलकूपएलएमवी-9 अस्थाई कनेक्शनएलएमवी-10 विभागीय कर्मचारियों के कनेक्शनएलएमवी-11 विद्युत वाहन चार्जिंग स्टेशनघरेलू-अस्थाई कनेक्शनआम उपभोक्ताओं की ओर से सबसे अधिक घरेलू और अस्थाई कनेक्शन ही लिए जाते हैैं। इसके साथ ही कॉमर्शियल कनेक्शन लेने वालों की संख्या भी काफी रहती है। इन उपभोक्ताओं को पता नहीं होता है कि उन्हें किस टाइप के अंतर्गत कनेक्शन लेना है। ऐसे में उपभोक्ताओं की ओर से दूसरे टाइप में कनेक्शन ले लिया जाता है, जिसकी वजह से लोड बढ़ता है और इसका असर बिजली बिल पर देखने को मिलता है और उपभोक्ता की जेब पर असर पड़ता है।

Posted By: Inextlive