Lucknow News: नगर निगम की ओर से राजधानी में दौड़ रहे ऑटो-टेंपो और ई रिक्शा को भी लाइसेंस के दायरे में लाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है और मंगलवार को होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा।


लखनऊ (ब्यूरो)। नगर निगम की ओर से राजधानी में दौड़ रहे ऑटो-टेंपो और ई रिक्शा को भी लाइसेंस के दायरे में लाने की कवायद की जा रही है। इसके लिए कार्ययोजना तैयार कर ली गई है और मंगलवार को होने वाली कार्यकारिणी की बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा। इस प्रस्ताव पर मुहर लगते ही सवारी वाहन भी लाइसेंस के दायरे में आ जाएंगे।अभी निगम का कोई हस्तक्षेप नहींअभी नगर निगम का सवारी वाहनों में कोई भी हस्तक्षेप नहीं है। निगम की ओर से सवारी वाहनों से कोई भी लाइसेंस फीस नहीं ली जाती है। जबकि सवारी वाहनों की ओर से नगर निगम के स्टैैंड्स का यूज किया जाता है। इसे ध्यान में रखते हुए ही नगर निगम की ओर से अब सवारी वाहनों को भी लाइसेंस शुल्क के दायरे में लाने की कवायद की गई है।800 से एक हजार


निगम प्रशासन की ओर से सवारी वाहनों से लिए जाने वालेे शुल्क को भी निर्धारित किया गया है। ई रिक्शा व अन्य सवारी वाहनों से 800 रुपये से लेकर एक हजार रुपये तक लाइसेंस शुल्क लिया जा सकता है। यह लाइसेंस एक साल के लिए जारी किए जाएंगे। इसके बाद सवारी वाहन मालिक को फिर से लाइसेंस नवीनीकरण कराना होगा। अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उसके खिलाफ जुर्माना संबंधी कार्रवाई भी की जाएगी जो 500 रुपये तक हो सकती है।लंबे समय से तैयारीनिगम प्रशासन की ओर से पहले भी सवारी वाहनों को लाइसेंस प्रक्रिया के अंतर्गत लाने की तैयारी की गई थी लेकिन कुछ तकनीकी कारणों की वजह से ऐसा नहीं हो सका। अब एक बार फिर से इस प्रस्ताव को कार्यकारिणी की बैठक में लाया जा रहा है। कार्यकारिणी की बैठक में स्वीकृति मिलते ही इसे सदन के समक्ष लाया जाएगा फिर वहां से अप्रूवल मिलते ही लाइसेंस प्रक्रिया शुरू कर दी जाएगी।निगम को फायदासवारी वाहनों के लाइसेंस शुल्क के दायरे में आने से सबसे बड़ा फायदा यह है कि नगर निगम को रेवेन्यू संबंधी लाभ भी होगा। इस समय नगर निगम प्रशासन की ओर से रेवेन्यू बढ़ाने के लिए हर बिंदु पर काम किया जा रहा है। इसी के अंतर्गत 77 प्वाइंट्स पर पार्किंग की नई व्यवस्था भी होने जा रही है।इस पर भी मंथन

म्युटेशन शुल्क को लेकर भी कार्यकारिणी की बैठक में प्रस्ताव रखा जा रहा है। प्रयास है कि म्युटेशन शुल्क को लेकर उपविधि बना दी जाए। जिसके बाद म्युटेशन शुल्क की धनराशि करीब दस हजार तक निर्धारित हो जाएगी। इसका सीधा फायदा उन भवन स्वामियों को मिलेगा। उपविधि बनने के बाद प्रक्रिया बेहद आसान हो जाएगी, जिसका सीधा फायदा भवन स्वामियों को मिलेगा और अधिक संख्या में लोग म्युटेशन करा सकेंगे।

Posted By: Inextlive