Lucknow News: एलडीए की अध्यक्ष-मंडलायुक्त डॉ. रोशन जैकब ने गुरुवार को प्राधिकरण भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में जन सामान्य की समस्याओं की सुनवाई की। इस मौके पर प्राधिकरण के वीसी प्रथमेश कुमार अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।


लखनऊ (ब्यूरो)। एलडीए की अध्यक्ष-मंडलायुक्त डॉ। रोशन जैकब ने गुरुवार को प्राधिकरण भवन स्थित अपने कार्यालय कक्ष में जन सामान्य की समस्याओं की सुनवाई की। इस मौके पर प्राधिकरण के वीसी प्रथमेश कुमार, अपर सचिव ज्ञानेंद्र वर्मा, संयुक्त सचिव सुशील प्रताप सिंह आदि मौजूद रहे।भूखंडों की लॉटरी में शामिल नहीं हो पा रहेजनसुनवाई में बसंतकुंज योजना स्थित कैटिल कालोनी से आये लगभग 20 पशुपालकों ने प्रार्थना पत्र दिया कि प्राधिकरण द्वारा कराये गये सर्वे में उन लोगों के नाम छूट गये हैं। जिसके चलते वे लोग भूखंडों की लॉटरी में शामिल नहीं हो पा रहे हैं। इस पर मंडलायुक्त ने निर्देश दिये कि सक्षम अधिकारी के नेतृत्व में टीम गठित करते हुए एक बार पुन: स्थल का सर्वे करा लिया जाए। इसमें शिकायतकर्ताओं के स्थल पर भौतिक कब्जे व अभिलेखों का परीक्षण करा लिया जाए।अवैध कब्जा कर निर्माण
निशातगंज स्थित पेपरमिल कालोनी से आयी तरन्नुम खान व आशा शुक्ला ने प्रार्थना पत्र दिया कि वे लोग लगभग 22 साल से एलडीए द्वारा लीज रेंट पर आवंटित भवन संख्या-सी-12/1 एवं सी-12/4 में परिवार के साथ निवास कर रही हैं। आरोप है कि कुछ लोगों द्वारा उनके भवनों की छत पर अवैध रूप से कब्जा करके निर्माण कार्य कराया जा रहा है। इस पर मंडलायुक्त ने प्रवर्तन जोन-6 के जोनल अधिकारी शशिभूषण पाठक को तीन दिन के अंदर स्थल निरीक्षण करके नियमानुसार अवैध निर्माण के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इसके अलावा गंगा प्रसाद नामक व्यक्ति ने प्रार्थना पत्र दिया कि वह अपने परिवार के साथ बटलर कालोनी प्रांगण में झुग्गी बनाकर रहते थे। ध्वस्तीकरण अभियान के अंतर्गत उनका आवास ध्वस्त कर दिया गया। मंडलायुक्त ने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिये कि डूडा से जांच करा ली जाए और पात्रता पाये जाने पर आवेदक को विस्थापन नीति के तहत प्रधानमंत्री आवास आवंटित किया जाए।शमन मानचित्र के लिए आवेदनजनसुनवाई में कुछ लोगों ने प्रार्थना पत्र दिया कि उनके द्वारा प्राधिकरण में शमन मानचित्र के लिए आवेदन किया गया है। इसके बाद भी उनके निर्माण कार्यों के खिलाफ कार्रवाई प्रचलित की जा रही है। इस पर मंडलायुक्त ने निर्देश दिये कि विहित प्राधिकारी न्यायालय में दाखिल वाद में अगर विपक्षी द्वारा शमन मानचित्र, शमन शुल्क की रसीद आदि जमा कराई जाती है तो इसे साक्ष्य के रूप में लेते हुए विचार कर लिया जाए।

Posted By: Inextlive