Lucknow News: आजकल के समय में सिर्फ बड़ों को ही प्रेशर नहीं झेलना पड़ता बल्कि बच्चों पर भी पढ़ाई का बहुत प्रेशर बढ़ रहा है। ऐसे में बच्चे कई बार दिन के साथ-साथ रात में भी पढ़ाई करते हैैं। कुछ बच्चे ऐसे भी हैैं जो देर रात तक जाग कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का यूज करते हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। आजकल के समय में सिर्फ बड़ों को ही प्रेशर नहीं झेलना पड़ता बल्कि बच्चों पर भी पढ़ाई का बहुत प्रेशर बढ़ रहा है। ऐसे में बच्चे कई बार दिन के साथ-साथ रात में भी पढ़ाई करते हैैं। कुछ बच्चे ऐसे भी हैैं जो देर रात तक जाग कर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स का यूज करते हैं। इसके कारण उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। लखनऊ विश्वविद्यालय के जूलॉजी विभाग में की गई एक रिसर्च में भी यह पाया गया कि देर रात तक जगने से कई बीमारियां हो सकती हैैं।बच्चों की बिगड़ रही बायोलॉजिकल क्लॉक


एलयू के जूलॉजी विभाग की प्रोफेसर डॉ। शैली मलिक ने बताया कि रिसर्च में पाया गया कि 12-20 साल तक के बच्चों की बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ रही है। इसका मतलब है कि वे रात में समय से नहीं सो रहे हैैं और न ही समय से जग रहे हैैं। रिसर्च के मुताबिक, कोविड के बाद से ऐसा ज्यादा देखने को मिला है।बच्चों में बढ़ रहा सोशल जेट लैग

बहुत बार ऐसा होता है कि पूरे हफ्ते रात में देर तक जागने से लोगों की नींद पूरी नहीं हो पाती है। इसकी वजह से लोग छुट्टी वाले दिन ज्यादा सो कर अपनी नींद पूरी करते हैैं। इस प्रक्रिया को सोशल जेट लैग कहते हैैं। डॉ। शैली ने बताया कि बच्चों में ये काफी बढ़ रहा है। बच्चे रात में काफी देर से सोते हैं, लेकिन सुबह स्कूल जाने के लिए उन्हें जल्दी उठना पड़ता है, जिसकी वजह से उनकी नींद पूरी नहीं हो पाती। छुट्टी के दिन वे देर तक सोकर नींद की कमी को पूरा करते हैैं। जो बच्चे समय पर सोते हैैं और समय से उठते हैैं उनमें सोशल जेट लैग की समस्या नहीं होती।बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ने से होती हैैं ये समस्याएंइस रिसर्च में ये भी पता चला कि अगर किसी की बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ती है तो उसके शरीर और दिमाग पर भी असर पड़ता है।- रात में शरीर में मिलाटोनिन हार्मोन्स ज्यादा बनते हैैं जो अच्छी नींद के लिए बहुत जरूरी हैं। दिन के समय कॉर्टिसोल हार्मोन्स का लेवल ज्यादा रहते है। इन्हें स्ट्रेस हार्मोन्स भी कहते हैैं। बायोलॉजिकल क्लॉक बिगड़ने से मिलाटोनिन कम बनता है और कॉर्टिसोल ज्यादा जिससे लोगों में स्ट्रेस बढ़ जाता है।- देखा गया है कि जो रात में देर तक जागते हैैं उनमें कई बार ओबेसिटी की भी समस्या होती है। ऐसा इसलिए होता है क्योंकि अकसर देर रात में लोग जंक फूड खा लेते हैैं।

- इसके अलावा लोगों को हाइपरटेंशन और हाई बीपी की भी समस्या हो रही है। कैसे करें सुधार- समय से सोएं और समय से उठें, जिससे बायोलॉजिकल क्लॉक सही रहेगी और इन समस्याओं में कमी दिखेगी।- सोने से एक घंटे पहले इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को खुद से दूर कर लें। देर रात तक फोन चलाने से नींद देर में आती है जोकि बायोलॉजिकल क्लॉक को बिगाड़ देती है।- हेल्दी खाना खाने से और समय से खाने से ओबेसिटी जैसी समस्या से बचा जा सकता है।

Posted By: Inextlive