Lucknow News: कहते हैं जब आप किसी बच्चे के जीवन में शिक्षा का उजाला भरते हैं तो वह पूरे समाज को रोशन करने का काम करता है। दरअसल शिक्षित समाज ही देश को विकास के पथ पर ले जाने का काम करता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। कहते हैं जब आप किसी बच्चे के जीवन में शिक्षा का उजाला भरते हैं तो वह पूरे समाज को रोशन करने का काम करता है। दरअसल, शिक्षित समाज ही देश को विकास के पथ पर ले जाने का काम करता है। देश का भविष्य संवारने का कुछ ऐसा ही काम राजधानी के आशीष सिंह भी कर रहे हैं, जो इंडियन पोस्टल सर्विस में काम करने के साथ-साथ वे गांव के बच्चों को न केवल फ्री में पढ़ा रहे हैं बल्कि यथासंभव उनकी मदद भी कर रहे हैं। इसका नतीजा यह हुआ है कि उनके पढ़ाए कई बच्चे आज अच्छी नौकरी कर अपना नाम रोशन कर रहे हैं।बीते 14 वर्षों से फ्री में पढ़ा रहे


आशीष सिंह बताते हैं कि वह सेंट्रल गवर्नमेंट के इंडियन पोस्टल डिपार्टमेंट के आरएमएस में बतौर शार्टिंग असिस्टेंट तैनात हैं। उनका ऑफिस जीपीओ में है। वह बताते हैं कि मुझे करीब 14 साल हो गया है जॉब करते हुए। उसी दौरान मैंने देखा कि आसपास के गांव के बच्चों के पास पढ़ाई के लिए कोई अच्छी सुविधा नहीं है, जिसकी वजह से कई बच्चे पूरी पढ़ाई नहीं कर पाते थे। यही सोचकर उनको अपने घर पर ही पहले शौकिया तौर पर पढ़ाना शुरू कर दिया। धीरे-धीरे बच्चों की संख्या बढ़ती गई और यह सिलसिला चलता गया।घर से हुई शुरुआतआशीष बताते हैं कि हरौनी के लतीफ नगर में मेरा घर है। वहीं के आसपास के गांव के बच्चों को फ्री में पढ़ाता हूं। जैसे-जैसे बच्चे बढ़ते गये तो एक फ्रेंड की बिल्डिंग में क्लास रूप बनाया, जिसमें फ्रेंड ने भी काफी मदद की थी और वहां मां तारा इंस्टिट्यूट ऑफ लर्निंग के नाम से क्लासेस शुरू कर दीं। मैं वहां 9वीं से 12वीं क्लास तक के बच्चों को साइंस, मैथ्स, इंग्लिश, हिंदी आदि सब्जेक्ट पढ़ाता हूं। इस समय मेरे पास 50 से अधिक बच्चे हैं। जब कभी मैं बिजी होता हंू तो उसके लिए एक टीचर भी रख लिया है, जिसका खर्च मैं अपनी सैलरी से उठाता हूं। इसके अलावा बच्चों को कॉपी, पेन, पेंसिल, बुक्स आदि भी अपने स्तर से ही उपलब्ध करवाता हूं। अगर किसी बच्चे को कोई अतिरिक्त मदद की जरूरत होती है तो जो संभव हो पाता है, वह करने की कोशिश करता हूं।500 से अधिक बच्चों का संवार चुके हैं भविष्य

आशीष बताते हैं कि वह अभी तक 500 से अधिक बच्चों को फ्री में पढ़ा चुके हैं, जिनमें से कई अब नौकरी भी रहे हैं। वे आज भी उनसे मिलने आते हैं और दूसरे बच्चों की मदद भी करते हैं। बच्चों को गवर्नमेंट स्किल ट्रेनिंग दी जा रही है ताकि बच्चे समय के साथ चल सकें। उनका मानना है कि गरीब बच्चों को सही दिशा और दशा मिले तो वे बहुत आगे निकल सकते है।

Posted By: Inextlive