Lucknow News: राजधानी में भाई-बहन के आपसी प्रेम और अटूट प्यार का पर्व भाई-दूज पूरे उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। यह पर्व कार्तिक मास शुक्ल पक्ष यम द्वितीया वाले दिन मनाया जाता है। जहां बहनों ने भाई के माथे पर रोली-चंदन लगाकर मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में भाई-बहन के आपसी प्रेम और अटूट प्यार का पर्व भाई-दूज पूरे उत्साह और धूमधाम के साथ मनाया गया। यह पर्व कार्तिक मास शुक्ल पक्ष यम द्वितीया वाले दिन मनाया जाता है। जहां बहनों ने भाई के माथे पर रोली-चंदन लगाकर मिठाई खिलाकर मुंह मीठा कराया। साथ ही ईश्वर से उनकी लंबी आयु और मंगलमय जीवन की कामना मांगी। वहीं, भाईयों ने भी भेंट देकर बहनों की रक्षा का संकल्प लिया।सुबह से चलती रही तैयारी


भाई-दूज के अवसर पर बहने सुबह से ही तैयारियों में जुट गईं, जहां उन्होंने मिठाई और फलों की खरीदारी की। वहीं, भाईयों के घर जाकर शुभ मुहूर्त में भाई को टीका लगाकर पर्व मनाया। साथ ही मीठा खिलाकर उनकी लंबी उम्र और अच्छे स्वास्थ की कामना की। इस दौरान छोटे-छोटे बच्चों में जबरदस्त क्रेज देखने को मिला, जो समय पर तैयार होकर अपनी बहनों द्वारा टीका लगाये जाने का इंतजार करते नजर आये। इस दौरान घरों में भाईयों के पसंद के पकवान भी बनाये गये।फल और मिठाई की दुकान पर रही भीड़

भाई-दूज पर्व को लेकर मिठाईयों की दुकान सुबह से ही सजकर खुल चुकी थी, जहां लोगों को खरीदारी करते हुए देखा जा सकता था। हर कोई अपनी-अपनी पसंद की मिठाईयां खरीद रहा था। कुछ ऐसा ही नजारा फल बेचने वालों के यहां भी देखने को मिला, जहां महिलाएं सेब, केला, मौसम्मी, अनार आदि खरीदती नजर आईं।*********************************************पारंपरिक तौर से मनाई गई चित्रगुप्त जयंतीराजधानी में रविवार को चित्रगुप्त जयंती पूरी श्रद्धा और विश्वास के साथ मनाई गई। यम द्वितीया केदिन कायस्थ समाज परंपरागत तरीके से जयंती मनाई गई। झूलेलाल घाट स्थित मंदिर में लोगों ने भगवान चित्रगुप्त का पूजन किया। तो वहीं, घरों में पूजन संग कलम-दवात की पूजा की गई। चित्रगुप्त जयंती के अवसर पर कायस्थ समाज द्वारा झूलेलाल वाटिका में हवन-पूजन के साथ भगवान की आरती की गई और प्रसाद बांटा गया। वहीं, चित्रगुप्त नगर स्थित मंदिर में भी पूजन कार्यक्रम आयोजित किया गया। वहीं, घरों में भी भगवान चित्रगुप्त की प्रतिमा-तस्वीर पर फूल व माला चढ़ाकर पूजन किया। साथ ही बही खाता, लेखा-जोखा व कलम-दवात की पूजा की गई और प्रसाद का वितरण किया गया।

Posted By: Inextlive