Lucknow News: राजधानी में प्राधिकरण के कई ऐसे अपार्टमेंट्स हैैं जहां पर मूलभूत सुविधाओं जैसे लिफ्ट जलनिकासी इलेक्ट्रिसिटी बैकअप सीपेज-लीकेज इत्यादि समस्याएं व्याप्त हैैं। आवंटियों की ओर से कई बार शिकायतों के निस्तारण की मांग भी की गई।


लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप एलडीए के किसी अपार्टमेंट में फ्लैट खरीदते हैैं तो रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी होने से पहले ही आपसे प्राधिकरण की ओर से फ्लैट की कीमत, मेंटीनेंस व अन्य मदों में एक मुश्त राशि जमा करा ली जाती है। जिसके बाद आवंटियों को उम्मीद रहती है कि अगर अपार्टमेंट में कोई समस्या आई तो उसे तत्काल दूर करा लिया जाएगा, लेकिन राजधानी में प्राधिकरण के कई ऐसे अपार्टमेंट्स हैैं, जहां पर मूलभूत सुविधाओं जैसे लिफ्ट, जलनिकासी, इलेक्ट्रिसिटी बैकअप, सीपेज-लीकेज इत्यादि समस्याएं व्याप्त हैैं। आवंटियों की ओर से कई बार शिकायतों के निस्तारण की मांग भी की गई। प्राधिकरण ने कुछ कदम भी उठाए, लेकिन समस्याएं पूरी तरह दूर नहीं हुई हैैं, जिससे आवंटी परेशान हैैं।इस तरह लिया जाता है पैसा


प्राधिकरण की ओर से आवंटियों से मेंटीनेंस के नाम पर तीन साल के लिए एकमुश्त राशि जमा कराई जाती है। यह राशि प्रति फ्लैट के साइज के आधार पर सवा रुपये प्रति स्क्वॉयर फिट प्रति माह के आधार पर ली जाती है। उदाहरण के लिए अगर आपका सुपर एरिया 1300 स्क्वॉयर फिट है तो आपसे प्रति माह 1625 रुपये के हिसाब से तीन साल के आधार पर एडवांस में पैसा जमा कराया जाएगा। मतलब, आपको कुल धनराशि 58 हजार 500 रुपये जमा करनी होगी। इसके साथ ही कॉर्पस फंड के नाम पर भी फ्लैट के साइज के हिसाब से प्रति आवंटी 48 से 60 हजार रुपये जमा कराए जाते हैैं।आरडब्ल्यूए की भी भूमिकाजिन अपार्टमेंट्स में आरडब्ल्यूए का गठन नहीं हुआ है और अगर वहां पर कोई समस्या सामने आती है तो आवंटियों की ओर से सीधे एलडीए में कंपलेन दर्ज कराई जाती है। इसके बाद एलडीए की ओर से संबंधित समस्याओं का समाधान किया जाता है, वहीं ऐसे अपार्टमेंट्स, जहां आरडब्ल्यूए गठित है, वहां पर आरडब्ल्यूए की ओर से प्रति फ्लैट 1500 रुपये प्रति महीने मेंटीनेंस चार्ज के रूप में लिए जाते हैैं। इसके बाद आरडब्ल्यूए की ओर से ही अपार्टमेंट की समस्याओं को दूर किया जाता है।यहां पड़ती है कॉर्पस फंड की जरूरत

अगर किसी अपार्टमेंट में कोई बड़ा मेंटीनेंस वर्क कराना होता है, जिसमें नई लिफ्ट लगाया जाना, नया जेनसेट लगवाना, अपार्टमेंट में कलरिंग इत्यादि तो इस राशि का वहन कार्पस फंड से मिलने वाले ब्याज से कराया जाता है। हालांकि, इससे पहले आरडब्ल्यूए की ओर से इस प्रस्ताव को अपनी बोर्ड मीटिंग में पास कराना होता है, फिर उसे एलडीए में देना होता है। इसके बाद एलडीए और संबंधित आरडब्ल्यूए की संयुक्त मीटिंग होती है। इसके बाद एलडीए की ओर से निर्णय लिया जाता है कि मेंटीनेंस का वर्क कब तक कराया जाएगा।ये हैैं अपार्टमेंट्स की प्रमुख समस्याएं1-लिफ्ट सुविधा-सृष्टि, स्मृति समेत कई अपार्टमेंट्स में लिफ्ट को लेकर आए दिन समस्या सामने आती रहती है।2-लीकेज-सीपेज-गोमतीनगर और जानकीपुरम के अपार्टमेंट्स में लीकेज-सीपेज की समस्या कॉमन है।3-बेसमेंट में पानी भर जाना-अपार्टमेंट्स के बेसमेंट में पानी भर जाने से आवंटी परेशान होते हैैं।4-इलेक्ट्रिसिटी बैकअप-कई बार अपार्टमेंट्स में इलेक्ट्रिसिटी बैकअप की भी समस्या सामने आती है।5-सुरक्षा के इंतजाम-गार्ड की सुविधा तो है लेकिन संख्या कम होने से कई बार सुरक्षा पर सवालिया निशान सामने आते हैैं।6-स्ट्रीट डॉग्स की समस्या-जानकीपुरम के अपार्टमेंट्स में स्ट्रीट डॉग्स की समस्या सबसे अधिक है। सृष्टि में तो कई आवंटी स्ट्रीट डॉग्स के हमले का शिकार हो चुके हैैं।अपार्टमेंट्स में कई तरह की समस्याएं व्याप्त हैैं। इन समस्याओं को दूर करने के लिए कई बार मांग की जा चुकी है, लेकिन समस्या जस की तस है। प्राधिकरण को इन समस्याओं को दूर करने के लिए ध्यान देना होगा।उमाशंकर दुबे, अध्यक्ष, लखनऊ जनकल्याण महासमिति

Posted By: Inextlive