Lucknow News: लंबे इंतजार के बाद अब उम्मीद नजर आ रही है कि आने वाले वक्त में कुकरैल नदी स्वच्छ नजर आएगी। इसकी वजह यह है कि लंबे समय से इस नदी के लिए 'बीमारी' बने एक दर्जन से अधिक नालों का 'इलाज' कर दिया गया है। इसके साथ ही यह भी व्यवस्था बना दी गई है कि दोबारा नालों का गंदा पानी नदी में न गिरे।


लखनऊ (ब्यूरो)। लंबे इंतजार के बाद अब उम्मीद नजर आ रही है कि आने वाले वक्त में कुकरैल नदी स्वच्छ नजर आएगी। इसकी वजह यह है कि लंबे समय से इस नदी के लिए 'बीमारी' बने एक दर्जन से अधिक नालों का 'इलाज' कर दिया गया है। इसके साथ ही यह भी व्यवस्था बना दी गई है कि दोबारा नालों का गंदा पानी नदी में न गिरे। इस बाबत रिपोर्ट शासन के पास भी भेज दी गई है।करीब 17 नाले गिर रहे थे


पहले कुकरैल नदी में दो दर्जन से अधिक नाले गिर रहे थे, जिसकी वजह से पॉल्यूशन का लेवल तेजी से बढ़ रहा था। नगर निगम की ओर से इस दिशा में ठोस कदम उठाते हुए प्रयास किए गए और पहले चरण में 10 से अधिक नालों को बंद कराया गया। इसके बाद 17 अन्य नालों को बंद करने के लिए कार्ययोजना तैयार करने का काम शुरू किया गया।यहां गिर रहे थे नाले

नगर निगम द्वारा कराए गए सर्वे से साफ हुआ था कि गोमती नदी से सी मैप-पुलिया, कुकरैल पिकनिक स्पॉट रोड के मध्य 17 नालों का अशोधित सीवेज कुकरैल नदी में जा रहा था। इसे रोकने के लिए ही कदम उठाया गया था। कुकरैल रिवर आईएंडडी परियोजना, जिसकी लागत 6765.04 लाख थी, के अंतर्गत प्लान तैयार किया गया था।ये कदम उठाया गयाइस योजना के अंतर्गत 17 नालों का आईडी स्ट्रक्चर निर्मित कर इनके माध्यम से प्राप्त अशोधित सीवेज को लगभग छह किमी की लंबाई में सीवर लाइन बिछाकर गोमती नदी के किनारे पूर्व से स्थित कुकरैल सीवेज पंपिंग स्टेशन में पहुंचाया जा रहा है। इसके बाद कुकरैल सीवेज पंपिंग स्टेशन से पंपिंग कर भरवारा स्थित 345 एमएलडी एसटीपी के माध्यम से शोधित किया जा रहा है।अन्य नालों पर भी नजरनगर निगम की ओर से कुकरैल व गोमती में प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से गिरने वाले अन्य नालों पर भी नजर रखी जा रही है। इसके लिए कई प्वाइंट्स पर सर्वे भी कराया जा रहा है। इसके साथ ही गोमा व कुकरैल नदी में गिरने वाले वेस्ट को रोकने के लिए भी कदम उठाए जा रहे हैैं। कुकरैल नदी व गोमती नदी के किनारों पर सफाई रखने के लिए भी विशेष इंतजाम किए जा रहे हैैं। पब्लिक से भी अपील की जा रही है कि नदियों में सीधे वेस्ट न फेंके। दोनों ही नदियों के किनारों पर डस्टबिन भी लगवाने की तैयारी हो रही है।कुकरैल के आसपास ग्रीनरी

एलडीए, नगर निगम और वन विभाग की ओर से कुकरैल नदी के उद्गम स्थल से लेकर उसके मूविंग प्वाइंट्स पर ग्रीनरी भी विकसित करने की योजना तैयार की गई है। कुकरैल बंधे के आसपास ग्रीनरी भी डेवलप की जा रही है। इसके साथ ही अगर कुकरैल के आसपास कहीं भी गंदगी नजर आती है तो तत्काल उसे हटवाया भी जाएगा। कुकरैल के आसपास इस तरह से डेवलपमेंट कराए जाने की योजना तैयार की गई है, जिसका फायदा पब्लिक को मिल सके। कुकरैल बंधे के आसपास बैठने की व्यवस्था, प्रकाश व्यवस्था के इंतजाम कराए जा रहे हैैं।

Posted By: Inextlive