Lucknow News: केजीएमयू के 20वें दीक्षांत समारोह में 15 मेधावियों को दिए जाएंगे मेडल
लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू का 20वां दीक्षांत समारोह 17 अगस्त दिन शनिवार को आयोजित किया जाएगा। इसबार समारोह में 15 मेधावियों को मेडल दिए जाएंगे। जहां संस्थान का प्रतिष्ठित हिवेट, चांसलर मेडल समेत कुल 15 मेडल एमबीबीएस छात्रा देवांशी कटियार को मिलेंगे। इस दौरान कुलाधिपति व गवर्नर आनंदीबेन पटेल, मुख्य अतिथि आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ। राजीव बहल, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और राज्यमंत्री मयंकेश्वर शरण सिंह मौजूद रहेंगे। यह जानकारी वीसी डॉ। सोनिया नित्यानंद ने बुधवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान दी।15 मेधावी होंगे सम्मानित
वीसी डॉ। सोनिया नित्यानंद ने बताया कि दीक्षांत समारोह शाम 5 बजे केजीएमयू के अटल बिहारी वाजपेई साइंटिफिक कंवेंशन सेंटर में होगा। समारोह की तैयारियां तेज कर दी गई हैं। समारोह में 15 मेधावियों को गवर्नर आनंदी बेन पटेल के हाथों मेडल दिया जाएगा, जिसमें 8 छात्र और 7 छात्राएं शामिल हैं। पांच साल में पहली बार छात्र छात्राओं से आगे निकले हैं। इसके अलावा, समारोह में 1152 छात्र-छात्राओं को डिग्री भी प्रदान की जाएगी। इसमें पीएचडी, डीएम, एमसीएच, एमडी, एमएस, डिप्लोमा, एमबीबीएस, डेंटल, मास्टर ऑफ हॉस्पिटल एडमिनिस्ट्रेशन आदि कोर्स शामिल हैं।डॉक्टरों को मिलेगी डीएचसी की उपाधि
वीसी ने बताया कि देश के दो प्रमुख डॉक्टरों को डीएचसी की उपाधि से नवाजा जाएगा। जिसमें आईसीएमआर के महानिदेशक डॉ। राजीव बहल और पीजीआई से एमसीएच की डिग्री लेने वाले यूरोलॉजिस्ट डॉ। आशुतोष तिवारी शामिल हैं।बोले मेधावीमेडिकल पेशे में भी महिला सुरक्षा बेहद जरूरीमैं ग्राम तमरापुर, कानपुर की रहने वाली हूं। मैंने देहरादून में 12वीं तक की पढ़ाई पूरी की है। मैं परिवार की 7वें नंबर की डॉक्टर हंू। डॉक्टर बनने की प्रेरणा मुझे परिवार से ही मिली। आगे मैं सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हूं। मुझे लगता है कि यदि कुछ बदलाव लाना है तो निर्णायक पद पर होना जरूरी है। वर्तमान के समय में महिला सुरक्षा बड़ा मुद्दा बना हुआ है। डॉक्टरी पेशे में भी इस ओर सुधार की जरूरत है। मेरे फादर शिवशंकर कटियार डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सेंटर से रिटायर्ड हैं और मदर सरिता कटियार श्रीनगर में पॉलिटेक्निक कॉलेज में प्रिंसिपल हैं। भाई शांतनु कटियार यूएस में मास्टर्स की पढ़ाई कर रहा है।-देवांशी कटियार, हिवेट व चांसलर विनरघर की पहली डॉक्टर
मैं लखनऊ के कृष्णा नगर की रहने वाली हूं। मुझे 6 गोल्ड और 1 ब्रॉन्ज मेडल मिलेंगे। डॉक्टर पेशे में जाने की प्रेरणा मुझे हाईस्कूल के दौरान टीचर से मिली। इस दौरान पैरेंट्स का पूरा सहयोग मिला। नीट की तैयारी में टीचर ने पूरी मदद की। मैं परिवार की पहली डॉक्टर हंू। आगे मुझे मेडिसिन में जाने की इच्छा है। आज के दौर में डॉक्टरी पेशे में बड़े बदलाव की जरूरत है। कार्य स्थल खास कर महिलाओं की विशेष सुरक्षा के इंतजाम होने चाहिए। मरीजों और तीमारदारों को भी सहयोगी बनना चाहिए। मेरे फादर संतोष कुमार यूपी ग्रामीण सहकारिता बैंक में मैनेजर और मदर निर्मला देवी हाउस वाइफ हैं।-आकांक्षा, मेडलिस्टघर वालों ने कभी प्रेशर नहीं दियामैं बीडीएस छात्रा हूं और रायबरेली की रहने वाली हूं। मेरे फादर जय प्रकाश चौधरी रायबरेली आईटीआई में इंजीनियर और मदर रेखा चौधरी हाउस वाइफ हैं। मैं एमबीबीएस करना चाहती थी, लेकिन कुछ नंबर से चूक गई इसलिए बीडीएस में दाखिला लिया। कभी भी घर वालों ने कोई प्रेशर नहीं दिया। मेरा डॉक्टर बनने का सपना साकार होने वाला है। आगे मुझे पीजी की तैयारी करनी है।-मोनिका चौधरी, मेडलिस्ट