स्वच्छता मानकों पर लखनऊ नगर निगम का होगा टेस्ट
लखनऊ (ब्यूरो)। एक बार फिर से स्वच्छता सर्वेक्षण की परीक्षा शुरू हो चुकी है। इस बार 10 बिंदु जारी किए गए हैैं, जिनमें लखनऊ नगर निगम को परफॉर्म करना होगा और उस परफॉर्मेंस के आधार पर ही नंबर दिए जाएंगे। इसी के आधार पर रैैंकिंग तय होगी। इन बिंदुओं में मुख्य रूप से वेस्ट कलेक्शन, परिवहन, साफ-सफाई इत्यादि शामिल हैैं। वर्तमान समय में कई बिंदुओं पर तो स्थिति कुछ ठीक है, लेकिन कईयों पर अभी काम किया जाना बाकी है।ये बिंदु हैैं मुख्य रूप से शामिल1-रेजिडेंशियल एरिया में सफाई-आवासीय एरिया में साफ-सफाई की कंडीशन देखी जाएगी2-कॉमर्शियल एरिया में सफाई-मार्केट्स में रोड स्वीपिंग की स्थिति के आधार पर अंक दिए जाएंगे3-डोर टू डोर वेस्ट कलेक्शन-कितने घरों से नियमित रूप से वेस्ट कलेक्ट किया जा रहा है, इसके आधार पर स्कोरिंग4-वेस्ट परिवहन-घरों या मार्केट से कलेक्ट होने वाले वेस्ट को ले जाने की व्यवस्था
5-वेस्ट प्रोसेसिंग-जो वेस्ट शिवरी या अन्य कहीं जा रहा है तो उसमें से कितने वेस्ट की प्रोसेसिंग हो रही है6-पब्लिक फीडबैक सिस्टम-पब्लिक की शिकायतों के लिए क्या व्यवस्था है7-टॉयलेट्स की कंडीशन-सार्वजनिक टॉयलेट्स में प्रॉपर पानी या अन्य सुविधाओं की स्थिति8-प्रतिबंधित प्लास्टिक-प्लास्टिक का यूज कितना हो रहा है या नहीं9-ओपन डंपिंग प्वाइंट्स-रोड साइड डंपिंग प्वाइंट्स हैैं या नहीं
10-पब्लिक अवेयरनेस-स्वच्छता को लेकर पब्लिक को कितना जागरूक किया गयावर्तमान स्थितिअब अगर उक्त बिंदुओं को वर्तमान स्थिति से जोड़ते हुए देखा जाएगा तो स्थिति कुछ इस प्रकार है1-आवासीय और कॉमर्शियल एरिया में रोड स्वीपिंग की व्यवस्था के लिए प्रयास हो रहे हैैं। अभी 33 वार्डों में बेहतर सफाई के लिए टेंडर होने जा रहा है।2-100 से अधिक ओपन डंपिंग प्वाइंट्स समाप्त हो चुके हैैं। गुरुवार को जोन चार कैलाश कुंज में नए पोर्टेबल कॉम्पैक्टर ट्रांसफर स्टेशन की शुरुआत हुई है।3-प्रतिबंधित प्लास्टिक का यूज जारी है, इस दिशा में नियमित अभियान की जरूरत है।4-पब्लिक को स्वच्छता के प्रति अवेयर करने को लेकर जोनवार जागरूकता कार्यक्रम चलाना होगा।5-वेस्ट परिवहन के लिए बड़ी और छोटी गाड़ियां लगी हैैं।6-शिवरी प्लांट में 4 लाख मीट्रिक टन वेस्ट का निस्तारण हुआ है, हालांकि अभी 14 लाख मीट्रिक टन ढेर लगा है।7-पब्लिक शिकायत दर्ज करा सके, इसके लिए एप और कंट्रोल रूम की सुविधा, मॉनीटरिंग की जरूरत।8-मार्केट्स में बेहतर सफाई के लिए अभियान चलाया जा रहा है।रैैंकिंग हुई थी डाउन
पिछले स्वच्छता सर्वेक्षण के परिणामों की बात करें तो पिछले साल निगम की रैैंकिंग 44 थी। इससे पहले नगर निगम 12वें और 17वें स्थान पर रहा था। अगर दसों बिंदुओं पर बेहतर काम कर लिया गया तो साफ है कि इस बार रैैंकिंग में उछाल देखने को मिल सकता है। अभी नगर निगम के पास तीन से चार महीने का समय है। हालांकि, इस बार यह भी ध्यान रखना होगा कि एसबीएम (स्वच्छ भारत मिशन) टीम की ओर से हर महीने की पांच तारीख को फील्ड असेसमेंट कर मार्किंग की जाएगी।स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर तैयारियां शुरू कर दी गई हैैं। हर बिंदु पर काम किया जा रहा है। हमारा प्रयास यही है कि इस बार रैकिंग पहले से बेहतर आए।डॉ। अरविंद राव, अपर नगर आयुक्तबारिश का पानी भरा खाली प्लॉट्स में, हजारों लोग परेशानपिछले दिनों हुई बारिश एक बड़ी आबादी के लिए अभी तक मुसीबत बनी हुई है। इसकी वजह यह है कि बारिश के दौरान खाली प्लॉट्स में जो पानी भरा था, वो अभी तक नहीं निकल सका है। इसकी वजह से एरिया में संक्रामक बीमारियों के फैलने का खतरा मंडरा रहा है साथ ही भीषण बदबू से हजारों लोग परेशान हैैं। पीड़ित लोगों ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर समस्या से राहत दिलाए जाने की मांग की है।यह है मामला
घनी आबादी वाले इस्माइलगंज सेकंड वार्ड के कई मोहल्लों में न तो प्रॉपर सफाई हो रही है न ही खाली प्लॉट्स को लेकर कोई कदम उठाया जा रहा है। स्थानीय निवासियों ने बताया कि खाली प्लॉट सिरदर्द बने हुए हैैं। पिछले दिनों जो बारिश हुई थी, उसका पानी अभी तक खाली प्लॉट्स में भरा हुआ है। पानी से उठती दुर्गंध से घर के अंदर तक रहना मुश्किल हो गया है। इसके साथ ही डेंगू इत्यादि बीमारियों के भी फैलने का खतरा है। इस संबंध में निगम प्रशासन को पहले भी अवगत कराया गया लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई।हजारों लोग गुजरते हैैंस्थानीय निवासियों ने बताया कि जहां पर पानी भरा हुआ है, वो मुख्य मार्ग के पास है। यहां से रोजाना 10 हजार से अधिक लोग गुजरते हैैं। पहले भी कई बार इस तरह की समस्या सामने आ चुकी है लेकिन अभी तक समस्या के स्थाई समाधान के लिए ठोस कदम नहीं उठाया गया है। पूर्व पार्षद रुद्र प्रताप सिंह, सीताराम मिश्रा इत्यादि ने बताया कि जल निकासी की कोई व्यवस्था नहीं है। इसकी वजह से बारिश होने पर हालात बेहद ही खराब हो जाते हैैं। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह को पत्र लिखकर समस्या से निजात दिलाए जाने की मांग की गई है।