Lucknow News: बिजली के खंभों का यूज किसी भी अन्य वायर के लिए नहीं किया जा सकता। हालांकि शहर में ज्यादातर बिजली के खंभे टीवी केबिल या इंटरनेट के वायर के बोझ से दबे हुए हैैं। इसके बावजूद इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।


लखनऊ (ब्यूरो)। बिजली के खंभों का यूज किसी भी अन्य वायर के लिए नहीं किया जा सकता। हालांकि, शहर में ज्यादातर बिजली के खंभे टीवी केबिल या इंटरनेट के वायर के बोझ से दबे हुए हैैं। इसके बावजूद इनके खिलाफ कोई एक्शन नहीं लिया जा रहा है।हर जगह समस्याबिजली के खंभे पर केबिल और इंटरनेट लाइनों का जाल हर जगह देखा जा सकता है। कोई भी इलाका ऐसा नहीं है, जहां पर खंभों पर केबिल या इंटरनेट के तारों का जाल नजर न आता हो। गली मोहल्लों से लेकर प्रमुख मार्गों तक पर खुलेआम नियमों की धज्जियां उड़ते देखी जा सकती हैैं।ये होता है नुकसान


खंभे पर अतिरिक्त तारों का बोझ आने से उसकी लाइफ कम हो जाती है। इसके साथ ही अतिरिक्त तारों के बोझ की वजह से मेंटीनेंस कार्य इत्यादि में भी समस्या आती है। इसके साथ ही कई बार केबिल या इंटरनेट के तारों में स्पार्किंग होने से मेन बिजली तारों को भी नुकसान पहुंचता है।कराया गया था सर्वे

काफी समय पहले केबिल व इंटरनेट तारों को लेकर सर्वे भी कराया गया था। जिसके बाद पुराने लखनऊ एरिया में काफी मात्रा में केबिल व इंटरनेट वायरों को हटाया भी गया था। गुजरते वक्त के साथ स्थिति अब और भी ज्यादा खराब हो गई है। हर रूट पर इलेक्ट्रिक पोल्स पर केबिल व इंटरनेट वायरों का जाल देखा जा सकता है।खतरा भी रहता हैइलेक्ट्रिक पोल से अगर किसी भी अन्य प्रकार के तार बंधे हुए हैैं तो ये उन कर्मचारियों के लिए भी खतरा हैैं, जो तार बांधते हैैं। अगर तार बांधते वक्त करंट आ जाए तो उनकी जिंदगी के लिए भी खतरा उत्पन्न हो सकता है। इसके बावजूद निजी कर्मचारी अपनी जान हथेली में रखकर केबिल और इंटरनेट वायर खंभों से बांध रहे हैैं।चार्ज लेने की भी थी तैयारीइलेक्ट्रिक पोल्स का यूज करने वालों से चार्ज भी लेने की तैयारी हुई थी। इसके लिए शासन स्तर से निर्देश भी दिए गए थे। अभी तक ये व्यवस्था भी पूरी तरह से इंप्लीमेंट नहीं हो सकी है।निगम से अनुमति लेकर ही इंटरनेट कंपनियों द्वारा बिजली के पोल का प्रयोग सुरक्षा मानकों का पालन करते हुए किया जा सकता है। इसका उल्लंघन पाए जाने पर संबंधित कंपनियों को नोटिस देकर केबल उतरवा दी जाती है।भवानी सिंह खंगारौत, एमडी, मध्यांचल डिस्कॉम

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