Lucknow Crime News: केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के बाहर अवैध एंबुलेंस का खेल पुलिस की सरपरस्ती में चल रहा है। इसका खुलासा तब हुआ जब अवैध एंबुलेंस संचालक व चौकी इंचार्ज के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ। मोबाइल रिकार्डिंग के दो अलग-अलग ऑडियो वायरल हुए हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। Lucknow Crime News: केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के बाहर अवैध एंबुलेंस का खेल पुलिस की सरपरस्ती में चल रहा है। इसका खुलासा तब हुआ जब अवैध एंबुलेंस संचालक व चौकी इंचार्ज के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत का ऑडियो वायरल हुआ। मोबाइल रिकार्डिंग के दो अलग-अलग ऑडियो वायरल हुए हैं। जिसके बाद डीसीपी चौक ने मामले को संज्ञान में लेते हुए चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई कर उसे हटा दिया।वायरल ऑडियो में क्या हुई बातचीतपहला ऑडियोएंबुलेंस संचालक-सर, आप राजेश को गाली क्यों बक रहे हैं?चौकी इंचार्ज-हमने कहां गाली दी है, हम वहां नहीं थे।एंबुलेंस संचालक-बृजेश गार्ड के सामने आप ने गोली दी है।चौकी इंचार्ज-हमने कहा कि जब हम वहां आएं तो गेट से हट जाया करो।एंबुलेंस संचालक-आपको पैसा नहीं दे रहे तो गाली क्योंचौकी इंचार्ज-उल्टी बात मत किया करो।एंबुलेंस संचालक-आप पैसा लो लेकिन गाली मत बको।


चौकी इंचार्ज-मैैं कोई जबरदस्ती करता हंू?एंबुलेंस संचालक-जितने दिन पैसा लिया तो कुछ नहीं, अब पैसा नहीं दे रहे तो गाली बक रहे हैं।दूसरा ऑडियोचौकी इंचार्ज-कहां पर हो भाई?एंबुलेंस संचालक-सो रहे हैं साहब।चौकी इंचार्ज-आज मुलाकात करो।एंबुलेंस संचालक-अभी तो महीना शुरू हुआ है।चौकी इंचार्ज-शुरू नहीं हुआ, जो पिछला खत्म हुआ, उसका बताओ।

एंबुलेंस संचालक-उसका तो निपटा दिया था।चौकी इंचार्ज-वह तो पिछले वाले का निपटाया था, इसलिए कहते हैं कि मंथ टू मंथ रखा करो, कभी भी वाला नहीं रखो।एंबुलेंस संचालक-अरे सर, 10 तारीख तो होने दीजिए।चौकी इंचार्ज-10 नहीं 5 तारीख है, कल ही चाहिए, फिर मत आना, मैैं मना कर दूंगा दारोगा जी को अंदर नहीं आओगे।एंबुलेंस संचालक-10 तारीख तक हो जाएगा साहब।चौकी इंचार्ज-10 तारीख नहीं, कल शाम को बाहर जाना है, मुझे जरूरत है।तीन चौकी इंचार्ज पर अब तक गिर चुकी है गाजट्रामा के बाहर अवैध एंबुलेंस का खेल काफी पुराना है। 2020 से लेकर अब तक तीन बार इस खेल का खुलासा भी अलग अलग माध्यमों से हुआ। जिसके बाद पुलिस अफसरों ने संज्ञान लेकर अब तक तीन चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई की। पर कुछ दिन सख्ती के बाद दोबारा वही खेल शुरू हो जाता है। अवैध एंबुलेंस का संचालन करने वाले इस नेक्सेस को चलाते हैं और पैसों के लालच में पुलिसकर्मी भी इसमें शामिल हो जाते हैं।ट्रामा के बाहर चलता है खेल

केजीएमयू के ट्रामा सेंटर के बाहर अवैध एंबुलेंस का लंबे समय से खेल रहा है। हर बार सख्ती बढ़ने पर दिखाए की कार्रवाई भी होती है। 2020 में मामले ने तूल पकड़ा तो पुलिस ने 14 एंबुलेंस पर कार्रवाई कर उसे सील कर दिया। जबकि हॉस्पिटल के बाहर रोड किनारे हर अवैध एंबुलेंस का रेट फिक्स होता है। नाम न छापने की शर्त पर एक एंबुलेंस ड्राइवर ने बताया कि 25 सौ रुपये हर एंबुलेंस का फिक्स रहता है।एंबुलेंस वाले भी करते हैं जमकर खेलपुलिस की मिलीभगत से अवैध एंबुलेंस की पार्किंग के नाम पर पैसा वसूला जाता है, लेकिन ये अवैध एंबुलेंस भी अस्पताल के कुछ कर्मचारियों की मिलीभगत से सरकारी हॉस्पिटल से मरीजों को प्राइवेट हॉस्पिटल में शिफ्ट करने का भी खेल खेलते हैं। जिसमें उनका मोटा कमीशन फिक्स रहता है। दूसरे प्रदेशों से आने वाले मरीजों के साथ यह खेल होता है।एंबुलेंस से शव को भी ढोया जा रहा
स्थानीय दुकानदारों व एंबुलेंस में काम करने लोगों ने बताया कि एंबुलेंस में न केवल मरीजों को लाने ले जाने का खेल होता बल्कि एंबुलेंस से शवों को भी ढोया जाता है। शव के मुंह में मास्क लगाकर वह बुकिंग कर लेते जाते हैं। मास्क लगाकर वे शव को मरीज बना देते हैं। मृतक के परिजनों को लाश के वास्ते वाली गाड़ी से एंबुलेंस सस्ती पड़ती है। वहीं, हॉस्पिटल के बाहर एक लाश के वास्ते वाली गाड़ी भी खड़ी होती है, जिसे दिखावे के रूप में वहां खड़ा किया जाता है।ऐसे होता है खेलकेजीएमयू ट्रामा में नेपाल जैसे पड़ोसी देश के अलावा यूपी के कई जिलों के अलावा दूसरे राज्यों से भी मरीज आते हैं। प्राइवेट एंबुलेंस संचालक इन्हें अपना शिकार बनाते हैं और बताते हैं कि प्राइवेट अस्पताल में आपको बेहतर इलाज मिलेगा। जैसे ही तीमारदार प्राइवेट अस्पताल जाने को राजी होते हैं, एंबुलेंस चालक उस अस्पताल को फोन कर मरीज के बारे में बताता है और कमीशन की सेटिंग करता है। प्राइवेट अस्पतालों में इन मरीजों से काफी पैसा वसूला जाता है।कई बार की गई शिकायतकेजीएमयू व ट्रॉमा सेंटर के बाहर दर्जनों प्राइवेट एंबुलेंस गाड़िया घंटों खड़ी रहती हैं। कई बार मरीजों को अंदर तक से ले जाने की शिकायतें आई हैं। जिसमें कई बार संस्थान के ही कर्मचारियों का नाम सामने आ चुका है। जिसके बाद केजीएमयू प्रशासन द्वारा कई बार पुलिस से लेकर सीएमओ तक में इसकी शिकायत भी की जा चुकी है, लेकिन यह खेल बंद नहीं हो सका है।

Posted By: Inextlive