Lucknow news: अर्थराइटिस से खराब हो गए थे बुजुर्ग दंपती के घुटने केजीएमयू में सफल प्रत्यारोपण। चलना तक हो गया था दूभर जटिल सर्जरी के बाद अस्पताल से मिली छुट्टी।

लखनऊ (ब्यूरो)। केजीएमयू के नाम एक नई उपलब्धि दर्ज हो गई है। आस्टियो अर्थराइटिस से पीडि़त 75 वर्षीय बुजुर्ग दंपती के घुटने खराब हो गए थे, जिसकी वजह से दोनों का चलना दूभर हो गया था। केजीएमयू के आर्थो विभाग के डाक्टरों ने जटिल सर्जरी कर दंपती को न सिर्फ दर्द से छुटकारा दिलाया, बल्कि प्रत्यारोपण पूरी तरह से सफल भी रहा। उन दोनों के स्वास्थ्य में तेजी से सुधार हुआ है और बुजुर्ग दंपती अब धीरे-धीरे चलने भी लगे हैं।

गोरखपुर के रहने वाले हैं
डा। नरेंद्र कुशवाहा ने बताया कि गोरखपुर निवासी बुजुर्ग जयकरन के दोनों घुटने खराब हो गए थे और उन्हें भीषण दर्द था। उनकी पत्नी कृष्णा देवी का तो एक घुटना बिल्कुल काम नहीं कर रहा था, जबकि दूसरा 50 प्रतिशत खराब हो गया था। जिससे उन्हें काफी परेशानी हो रही थी। दोनों को आस्टियो अर्थराइटिस की बीमारी थी। पत्नी पहले पति के घुटनों का प्रत्यारोपण कराना चाहती थीं, ताकि वह उनकी देखभाल कर सकें।

टल रही थी सर्जरी
वहीं, पति खुद से पहले पत्नी का दर्द दूर करना चाहते थे। इसकी वजह से लगभग डेढ़ साल से सर्जरी टल रही थी। हालांकि, परिवारीजन स्थानीय डाक्टर की सलाह पर केजीएमयू के हड्डी रोग विभाग पहुंचे। डा। कुशवाहा के मुताबिक, बुजुर्ग दंपती के घुटनों की एमआरआइ कराई गई तो पता चला कि पति के दोनों और पत्नी का एक घुटना खराब हो गया था।

प्रत्यारोपण की सलाह दी
ऐसे में दोनों लोगों को प्रत्यारोपण की सलाह दी गई। परिवारीजन की सहमति के बाद पहले पति जयकरन के दोनों घुटनों का प्रत्यारोपण किया गया। इसके बाद पत्नी कृष्णा देवी के एक घुटने का प्रत्यारोपण किया गया। दोनों का ट्रांसप्लांट पूरी तरह से सफल रहा।

आधुनिक उपकरणों से प्रत्यारोपण
डा। कुशवाहा ने बताया कि सर्जरी सफल होने के बाद बुजुर्ग दंपती जब अपने पैरों पर खड़े हुए और कुछ कदम चले तो उनकी आंखों में आंसू थे। मरीजों की उम्र अधिक होने के चलते आधुनिक उपकरण की मदद से प्रत्यारोपण किया गया है। बुजुर्ग दंपती के ट्रांसप्लांट पर कुल ढाई लाख रुपये का खर्च आया है। निजी अस्पताल में इसका खर्च लगभग 10 लाख रुपये आता।

Posted By: Inextlive