गाड़ी लाने से पहले लेना होगा परमीशन
- पैरेंट्स को कैमरे के सामने करना होगा आरसी पर साइन
- प्रशासन ने मांगी जानकारी, कहां से मिली बाइक या कार LUCKNOW: किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के सरदार पटेल हॉस्टल के मेडिकोज में पिछले दो दिनों से खलबली मची हुई है। चर्चित सरदार पटेल हॉस्टल में मेडिकोज से उनकी बाइक या कार का मॉडल आरसी के साथ और मोबाइल का मॉडल, मोबाइल नम्बर सहित अन्य जानकारियों की मांग की गई है। सीपीएमटी पेपर लीक प्रकरण में दो मेडिकोज के जेल जाने के बाद ऐसी जानकारी मांगे जाने से मेडिकोज में हड़कम्प मचा हुआ है। पहले देनी होगी जानकारीसीपीएमटी में सॉल्वर के रूप में दो मेडिकोज के पकड़े जाने के बाद अब किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी प्रशासन सख्ती करने की तैयारी में है। केजीएमयू प्रशासन चाहता है कि स्टूडेंट महंगी बाइक और कार जो भी इस्तेमाल कर रहे हैं, उसे पैरेंट्स ने ही दिलाया है। केजीएमयू प्रशासन नहीं चाहता कि छात्र पेपर लीक कराने, सॉल्वर बनने या किसी और गलत एक्टिविटी में इंवॉल्व हों और उस कमाई से महंगी गाडि़यों का शौक पूरा कर रहे हों। अगर ऐसा है तो ऐसे छात्र अब केजीएमयू के हॉस्टल में नहीं रह सकेंगे। क्योंकि कुछ छात्रों के इन महंगे शौक को देखकर दूसरे छात्र दिग्भ्रमित हो सकते हैं।
हॉस्टल में रहते हैं क्7भ्0 मेडिकोज
केजीएमयू में हर वर्ष एमबीबीएस के लिए ख्भ्0 स्टूडेंट प्रवेश लेते हैं और बीडीएस में क्00 को एडमिशन मिलता है। इस प्रकार से केजीएमयू में इस समय क्ख्भ्0 एमबीबीएस और लगभग भ्00 बीडीएस स्टूडेंट रहते हैं। अकेले सरदार पटेल हॉस्टल में ही लगभग म्00 छात्र एक साथ रहते हैं। यह मांगी गई है इंफॉरमेशन केजीएमयू प्रशासन के अनुसार, जो भी स्टूडेंट हॉस्टल में रहते हैं, अगर वे बाइक या कार इस्तेमाल करते हैं तो इसकी इंफॉर्मेशन हॉस्टल प्रशासन को देनी होगी। नई और महंगी मोटरसाइकिल या कार लाने पर आरसी पर पैरेंट्स से सिग्नेचर कराना पड़ेगा। ताकि यह पता चल सके कि बाइक या कार उनके पैरेंट्स ने ही उपलब्ध कराई है। इसके लिए सरदार पटेल हॉस्टल में नोटिस बोर्ड पर आदेश की कापी भी लगाई गई है। जिसमें गाड़ी के मॉडल नम्बर, मोबाइल का मॉडल नम्बर, गाड़ी की आरसी और डीएल की फोटो कॉपी भी प्रशासन ने जमा करने को कहा है। कैमरे के सामने होंगे सिग्नेचरवीसी प्रो। रविकांत के मुताबिक प्रशासन जानना चाहता है कि स्टूडेंट्स के पास ये सुविधाएं कहां से आई। इसके लिए जरूरी है कि पैरेंट्स खुद हॉस्टल आएं और वीडियो कैमरे की निगरानी में ही आरसी पर सिग्नेचर किए जाएं। ताकि छात्रों द्वारा आरसी पर फर्जी साइन कराए जाने की बाते सामने न आएं। हम यह जानना चाहते हैं कि जो भी गाड़ी, मोबाइल या अन्य सामान स्टूडेंट यूज कर रहा है उसे पैरेंट्स ने ही उपलब्ध कराया है। ताकि भविष्य में मेडिकोज के सॉल्वर बनने या ऐसी किसी एक्टिविटी में नाम न आए।
तब नहीं खड़ी हो सकेगी गाड़ी अगर कोई स्टूडेंट बिना पैरेंट्स के दस्तखत कराए हॉस्टल में गाड़ी खड़ी करना चाहता है तो वह अब ऐसा नहीं कर सकेगा। वीडियो टेप से इसकी कंफर्मेशन के बाद ही गाड़ी को हॉस्टल के स्टैंड पर लाने की परमीशन मिलेगी। कोई स्टूडेंट ऐसा नहीं करता है तो उसे हॉस्टल से बाहर कर दिया जाएगा। एसपी हॉस्टल पर फोकस केजीएमयू प्रशासन पहले सरदार पटेल हॉस्टल पर फोकस कर रहा है। क्योंकि यही के छात्र सीपीएमटी में सॉल्वर के रूप में पकड़े गए हैं। केजीएमयू के इस नए क्राइटेरिया में जो छात्र फिट नहीं होंगे उन्हें हॉस्टल से बाहर कर दिया जाएगा। करनी होंगी इवनिंग क्लासेजकेजीएमयू प्रशासन के अनुसार, अगर कोई छात्र एग्जाम में फेल हुआ तो उसके लिए इवनिंग क्लासेस चलाई जाती हैं। फार्माकोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, बायोकेमेस्ट्री और फिजियोलॉजी में इवनिंग क्लासेस चलाई जाती हैं। सबसे ज्यादा छात्र इन्हीं डिपार्टमेंट्स में फेल होते हैं। अगर स्टूडेंट क्लास भी अटेंड नहीं करता और फेल होता है, इसका मतलब वह जानबूझकर गायब हो रहा है। अगर फेल भी है और वह इवनिंग क्लासेज में नहीं आ रहा है तो उन्हें भी हॉस्टल से बेदखल कर दिया जाएगा। ताकि हॉस्टल्स में अच्छा पढ़ाई का माहौल बना रहे।
प्रशासन यह जानना चाहता है कि बाइक या कार पैरेंट्स ने ही दिलाई है। किसी गलत एक्टिविटी से तो छात्र ये सब नहीं कर रहा है। इसके लिए पैरेंट्स को वीडियो कैमरे की निगरानी में आरसी पर साइन करने होंगे। उसके बाद ही हॉस्टल में प्रवेश मिलेगा। - प्रो। रविकांत, वीसी केजीएमयू