Defence Expo 2020: हवा में अचूक निशाना लगाने वाली है आकाश मिसाइल, इन वेपंस के साथ डीआरडीओ का बज रहा डंका
लखनऊ(ब्यूरो)। Defense Expo 2020 एक्सपो स्थल पर लगी प्रदर्शनी में डीआरडीओ पवेलियन में विदेशी डेलीगेट्स रुचि जाहिर करते दिखायी पड़ रहे हैं। इन स्टॉल में सरफेस टू एयर मिसाइल आकाश, अवाक्स राडार और निर्भय क्रूज मिसाइल मेहमानों का सबसे ज्यादा ध्यान बटोर रहे हैं। इसके अलावा डीआरडीओ के अन्य रक्षा उत्पादों ने भी अपनी दमदार उपस्थिति दर्ज कराई है। आइये आपको बताते हैं डीआरडीओ के ऐसे ही हथियारों के बारे में जिन्होंने दुनिया भर में खुद को बेहतरीन साबित किया है।
आकाश मिसाइलडीआरडीओ ने इंटीग्रेटेड गाइडेड मिसाइल डेवलपमेंट प्रोग्राम के हिस्से के तौर पर आकाश का डेवलप किया है। इस मिसाइल में ऐसी बैट्री लगी हुई है, जिससे एक साथ कई निशानों का पता लगाकर उन पर हमला किया जा सकता है। आकाश सुपरसोनिक स्पीड 2.5 मैक की गति से अपने टारगेट को नेस्तनाबूद करने वाली आकाश मिसाइल जमीन से हवा में अचूक मार का माद्दा रखती है। आकाश फाइटर जेट विमानों, कू्रज मिसाइलों और हवा से सतह में मार करने वाली मिसाइलों जैसे हवाई निशानों को पल भर में नाकाम बनाने में सक्षम है। आकाश की तुलना रक्षा विशेषज्ञ अमेरिकन एमआईएम-104 पैट्रियट से करते हैं। यह 30 किलोमीटर दूर तक के विमानों को निशाना बनाने में सक्षम है। यह मिसाइल 60 किलोग्राम तक युद्धक सामग्री साथ लेकर चलने में सक्षम है। मिसाइल पूरी तरह कमांड गाइडेड है। निर्भय क्रूज मिसाइल
स्वदेशी तकनीक से विकसित निर्भय सब सोनिक क्रूज मिसाइल निर्भय 0.7 मैक की गति से उड़ते हुए एक हजार किलोमीटर दूरी तक सटीक निशाना लगा सकती है। साथ ही यह मिसाइल अपने साथ 300 किलोग्राम तक परमाणु पेलोड ले जाने में भी सक्षम है। छह मीटर लंबी और 0.52 मीटर व्यास वाली निर्भय का वजन 1500 किलोग्राम है। इस मिसाइल की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यह धरती से कुछ ही मीटर की ऊंचाई पर उड़ने से यह आसानी से राडार की पकड़ में नहीं आती। यानी इसे मिसाइल डिफेंस सिस्टम से भी रोकना मुश्किल है।
डीआरडीओ द्वारा विकसित अवाक्स (एयरबॉर्न अर्ली वार्निग एंड कंट्रोल सिस्टम) राडार सिस्टम विमानों में लगायी जाने वाली टोही प्रणाली है। अवाक्स सिस्टम की विशेषता यह है कि यह हवा में 300 किलोमीटर दूर से भी दुश्मनों के खेमे में चल रही हलचल का पता लगा सकता है। इस सिस्टम में लगा राडार बेहद सेंसेटिव है, जिसकी देखने, सुनने और सूंघने की अद्भुत क्षमता है। आम विमान हों, दुश्मन के लड़ाकू विमान हों या फिर मिसाइल, दुश्मनों की हवाई सीमा को भेदते हुए यह अंदर तक की चीजों का पता लगाकर सटीक जानकारी मुहैया कराता है।
रूस्तम-2डीआरडीओ द्वारा विकसित रूस्तम-2 मानवरहित हल्का लड़ाकू विमान है। एक बार में 24 घंटे तक उड़ान भरने में सक्षम देश के सशस्त्र बलों के लिये टोही मिशन का भी काम कर सकात है। इस मानवरहित विमान को अमेरिका के प्रिडेटर ड्रोन की तरह मानवरहित लड़ाकू विमान के रूप में उपयोग में लाया जा सकता है। इसका वजन दो टन है। यह 225 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से उड़ते हुए 350 किलो वजन के हथियारों को ले जा सकता है। इसमें सिंथेटिक अपार्चर राडार, मेरीटाइम पेट्रोल राडार और टक्कर रोधी प्रणाली लगी हुई है। 26 से 35 हजार फीट की ऊंचाई पर बिना आवाज किये उड़ान भरते हुए यह दुश्मन की 250 तस्वीरें ले सकता है।इस्तार
डीआरडीओ द्वारा विकसित इस्तार विमान इंटेलिजेंस, सर्विलांस और टारगेट एग्जिबिशन का मिश्रण है। यह विमान इस सर्विलांस विमान की खासियत यह है कि यह दुश्मन की टोह लेने के बाद उसकी सूचना देने के साथ-साथ यह जमीन पर मौजूद कमांडर को यह भी बताता है कि उसे दुश्मन की इस हलचल का किन हथियारों से जवाब देना चाहिये। इस्तार अपनी फीड सैटेलाइट, विमान, यूएवीए, हेलीकॉप्टर और सेना के मैदानी टोही वाहन को एक साथ सूचनाएं भेज सकता है। यह इन सभी को अपनी पोजिशन बदलने को लेकर भी आगाह करता है।
एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल अमोघ को युद्ध के दौरान टैंको को नेस्तनाबूद करने के लिये डिजाइन किया गया है। 2.8 किलोमीटर की दूरी से यह मिसाइल टैंकों पर अचूक निशाना लगाती है। इसे एचएएल द्वारा विकसित लाइट कॉम्बैट हेलीकॉप्टर पर लोड किया जाता है। थर्मल इमेज सेंसर से लैस इस मिसाइल की तुलना रक्षा विशेषज्ञ फ्रांस की एंटी टैंक मिसाइल मिलान से करते हैं। इसके दूसरे वर्जन को जमीन से भी फायर किया जा सकता है।- प्रदर्शनी में डीआरडीओ के हथियारों में विदेशी डेलीगेट्स दिखा रहे दिलचस्पी- आकाश मिसाइल, अवाक्स राडार, निर्भय कू्र ज मिसाइल बटोर रहे सबसे ज्यादा ध्यानpankaj.awasthi@inext.co.in