डेंगू मरीजों में एईएस का कारण क्या है इसके बारे अधिक जानकारी नहीं है। इस समस्या में मरीज को बेहोशी आने के साथ झटके महसूस होने लगते हैं। ऐसे में अगर बुखार लगातार तेज बना हुआ है तो विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में इस समय डेंगू का प्रकोप फैला हुआ है। सरकारी समेत निजी अस्पतालों में बेड डेंगू मरीजों से भरे हैं। इस बीच पता चला है कि डेंगू का डंक मरीजों के दिमाग पर भी असर डाल रहा है। डेंगू मरीजों में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (एईएस) की समस्या भी मिल रही है। कई मरीज वेंटिलेटर तक पहुंच चुके हैं, जिसने डॉक्टरों को भी चिंतित कर दिया है। डॉक्टरों के मुताबिक, इस बार एईएस के मामले ज्यादा देखने को मिल रहे हैं।खतरनाक हो सकते हैं नतीजे


डेंगू एक मच्छरजनित वायरल बीमारी है, जो चार डेंगू वायरस सीरोटाइप में से किसी एक के कारण होती है। जब डेंगू का असर खतरनाक स्तर तक बढ़ जाता है, तो इसका वायरस दिमाग पर भी असर डालने लगता है, जिसे एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम कहते हैं। इसमें मरीज को तेज बुखार के साथ झटका आना और बेहोशी जैसे हालात देखने को मिलते हैं। अगर समय रहते इलाज न किया जाये तो मरीज की मौत तक हो सकती है।करीब दो दर्जन मामले आए

केजीएमयू मेडिसिन विभाग के प्रोफेसर और एमएस डॉ। डी हिमांशु के मुताबिक, डेंगू का वायरस दिमाग पर भी असर दिखाना शुरू कर देता है। अस्पताल में एईएस के कई मरीज मेडिसिन विभाग और न्यूरोलॉजी विभाग में सामने आ चुके हैं। बीते एक माह की बात की जाये तो अबतक 25 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। इसमें हर उम्र और वर्ग के मरीज है। 20-22 साल के बच्चे भी शामिल हैं। अधिकतर मरीज वेंटिलेटर पर भर्ती किए जा चुके हैं, राहत की बात यह है कि किसी भी मरीज की मौत नहीं हुई है।एहतियात बरतने की जरूरतडॉ। डी हिमांशु के मुताबिक, डेंगू मरीजों में एईएस का कारण क्या है, इसके बारे अधिक जानकारी नहीं है। इस समस्या में मरीज को बेहोशी आने के साथ झटके महसूस होने लगते हैं। ऐसे में अगर बुखार लगातार तेज बना हुआ है तो विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। कोई भी समस्या होने पर तत्काल अपने डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।कई मामले सामने आ चुके हैं

लोहिया संस्थान के एमएस डॉ। विक्रम सिंह के मुताबिक, संस्थान में एईएस के केस आ रहे हैं, पर उनकी संख्या कम है। अबतक 5-6 मामले सामने आए हैं। हालांकि, उन मरीजों में केवल एक ही मरीज को वेंटिलेटर पर भर्ती करना पड़ा है। राहत की बात यह है कि किसी भी मरीज की हालत गंभीर नहीं है। लोगों को डेंगू से बचाव के प्रति जागरूक रहना चाहिए। अगर बुखार नहीं उतर रहा है तो डेंगू की जांच डॉक्टर की सलाह पर जरूर करवाएं। साथ ही खुद को हाएड्रेटेड रखने के लिए लिक्विड डाइट जरूर लेते रहें।डेंगू का वायरस मरीजों के दिमाग पर भी असर कर रहा है, जिसकी वजह से मर्ज गंभीर हो रहा है। लोगों को विशेष एहतियात बरतनी चाहिए। -डॉ। डी हिमांशु, एमएस, केजीएमयू

Posted By: Inextlive