गुरु तेग बहादुर महाराज के 400 प्रकाश पर्व के पर्व में आयोजित इस समारोह में आप सभी को बधाई देता हूं। जब हम सिख गुरुओं की बात करते हंै तो हम सब को इस बारे में बहुत स्पष्ट होना होगा कि वास्तविक भारत के इतिहास की हम बात कर रहे हैं। मध्यकालीन इतिहास सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान के बिना अधूरा है। जिन्होंने विपरित स्थितियों में अपने बलिदान सेवा त्याग से भारत में ओज और तेज भरने का काम किया। ये बातें शनिवार को सिख सभ्याचारक मेला व सम्मान समारोह के दौरान मुख्य अतिथि सीएम योगी आदित्यनाथ ने बताई।


लखनऊ (ब्यूरो)। सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा, उस समय की विरासत आज भी हमारे पास है। उसे एक भव्य रूप देने की जरूरत है। उन्होंने पंजाबी अकादमी से कहा है कि प्रतियोगिताएं स्कूलों में कराना चाहिए, ताकि सिख गुरुओं के त्याग और बलिदान के बारे में सभी जान सकें। हमे अपने अतीत, गुरु परंपरा को सम्मानित करने का काम कर रहे है। उन्होंने भारत को भारत बनाने में योगदान दिया है। हमे अपनी जीवंतता को बनाकर रखना होगा। आयोजन के दौरान डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्या, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक, मंत्री बलदेव सिंह औलख और मंजिंदर सिंह सिरसा, मेयर संयुक्ता भाटिया, विधायक नीरज बोहरा और अर्पणा यादव समेत अन्य लोग मौजूद रहे।मेले में दिखा विविध रंग


आयोजन के दौरान सांस्कृतिक मंत्रालय की ओर से गुरु तेग बहादुर के जीवन पर चित्र प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। वहीं, गुरु गोबिंद सिंह स्टडी सर्कल की ओर से साहित्य स्टाल, झूले, गेम्स, फूड फस्टिवल और हुनर हाट का आयोजन किया गया। जहां मेले में आये लोगों ने न केवल शॉपिंग करी। बल्कि पंजाबी व्यंजनों का जमकर लुत्फ भी उठाया।दिखाए हैरतअंगेज कारनामें

कार्यक्रम का मुख्य आकर्षण वीर खालसा दल की हैरतअंगेज प्रस्तुति शामिल रही। जिसमें दल के कलाकारों द्वारा सिख मार्शल आर्ट का प्रर्दशन किया गया। इसमें तलवारबाजी, भाला करतब, भाला की नोक पर घूमना आदि एक से बढ़कर एक करतब दिखाकर वहां मौजूद लोगों को दांतों तले उंगली दबाने पर मजबूर कर दिया।

Posted By: Inextlive