Harmilap Building Accident In Lucknow: एलडीए की प्राथमिक जांच में निर्माण सामग्री पर उठ रहे सवाल, नक्शे में भी मिलीं खामियां
लखनऊ (ब्यूरो)। Harmilap Building Accident In Lucknow: ट्रांसपोर्ट नगर में बिल्डिंग गिरने से हुई आठ लोगों की मौत के बाद इस हादसे का सच सामने लाने में मौके पर पड़ा मलबा ही सबसे अहम सुराग बनेगा। मलबे की जांच से यह पता चल जाएगा कि बिल्डिंग निर्माण में किस स्तर की निर्माण सामग्री का यूज किया गया है। हादसे के बाद से ही निर्माण सामग्री की गुणवत्ता को लेकर सवाल उठ रहे हैैं। गुजरात से आने वाली टीम भी कई बिंदुओं पर जांच शुरू कर रही है। इसके साथ ही एलडीए की ओर से शुरू की गई नक्शा संबंधी जांच में कई खामियां मिली हैैं। यह भी मामला सामने आया है कि इमरजेंसी कंडीशन में जिस रास्ते को खाली छोड़ा जाना चाहिए था, वहां पर निर्माण था। हालांकि, कंपलीट जांच के बाद ही सही तस्वीर सामने आ सकेगी।इतनी जल्दी कैसे गिरी बिल्डिंग
बिल्डिंग का निर्माण बहुत पुराना नहीं था। ऐसे में सवाल उठना लाजिमी है कि जिस बिल्डिंग का नक्शा वर्ष 2010 में पास हुआ हो और वो बिल्डिंग 2024 में ही गिर गई। हो सकता है कि जलभराव की वजह से नींव कमजोर हो गई हो लेकिन वहां पर कई और भी बिल्डिंग्स हैैं, जो सालों पुरानी हैैं लेकिन वे अभी सेफ जोन में हैैं।
एलडीए टीम कर रही जांचसोमवार को एलडीए टीम भी मौके पर पहुंची और कई बिंदुओं पर जांच की। प्राथमिक तौर पर देखा जा रहा है कि जो नक्शा स्वीकृत हुआ था, क्या उसके अनुरूप ही निर्माण हुआ है या नहीं। इसके साथ ही बेसमेंट की क्या कंडीशन थी। उन प्वाइंट्स को भी मार्क किया जा रहा है, जहां जलभराव की समस्या सामने आई थी। मौके पर पहुंची टीम ने नक्शे के आधार पर मिलान भी शुरू कराया है, जिसमें कुछ खामियां सामने आई हैैं। अब बिंदुवार तरीके से जांच हो रही है।इन पर भी होगा एक्शनटीपीनगर पूरा कॉमर्शियल एरिया है। यहां पर एक दर्जन से अधिक ऐसी इमारते हैैं, जो दो भूखंड जोड़कर बनाई गई हैैं। एलडीए की ओर से ऐसी इमारतों की तरफ ध्यान नहीं दिया जाता है। नियमानुसार, ऐसा नहीं किया जा सकता है। एलडीए की ओर से अब कॉमर्शियल एरिया में ऐसी बिल्डिंग बनाने वालों की लिस्ट तैयार कराई जा रही है और उनके खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।