बीएसए के फर्जी सिग्नेचर के सहारे जारी किया प्रमाण पत्र
- प्रमाण पत्र प्राप्त करने के लिए यूज किया स्कैन सिग्नेचर
LUCKNOW: राजधानी के बेसिक शिक्षा अधिकारी प्रवीण मणि त्रिपाठी के फेक सिग्नेचर और कार्यालय के फर्जी लेटर के सहारे एक बार फिर से मान्यता प्रमाण पत्र जारी हो गया है। शुक्रवार को इसका खुलासा उस समय हुआ जब एक स्कूल संचालक इस प्रमाण पत्र के सहारे अपने लिए भी प्रमाण पत्र जारी करने की मांग को लेकर बीएसए ऑफिस पहुंच गया। बीएसए को जब मामले का संज्ञान हुआ तो उन्होंने इस मामले के जांच के आदेश दिए। जिसमें यह प्रमाण पत्र फर्जी पाया गया। मामला प्रकाश में आने के बाद बीएसए ने खंड शिक्षा अधिकारी से आख्या और संबंधित स्कूल को नोटिस जारी कर प्रमाण पत्र की मूल प्रति मांगी है। बीएसए को फर्जी प्रमाण पत्र दिखाकर मांगा प्रमाण पत्रबीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी ने बताया कि शुक्रवार को उनके ऑफिस में एक स्कूल संचालक सक्सेना मांटेसरी स्कूल मोह मदपुर पोस्ट अमराई गांव का मान्यता प्रमाण पत्र लेकर आया। उसने कहा कि इसी तरह उसके स्कूल को भी मान्यता प्रमाण पत्र जारी किया जाए। जांच में पता चला जो सक्सेना मांस्टेसरी स्कूल का प्रमाण पत्र फर्जी है। यह पत्र बख्शी का तालाब के खंड शिक्षा अधिकारी की आख्या के आधार पर बीएसए प्रवीण मणि त्रिपाठी के हस्ताक्षर पर फ्0 अप्रैल को जारी किया गया है। जिसमें लिखा है कि प्रमाणित किया जाता है सक्सेना मांस्टेसरी स्कूल मोह मदपुर पोस्ट अमराई गांव को प्राथमिक स्तर की मान्यता प्राप्प्त एवं कक्षाएं संचालित हैं। क्लास एक से पांच तक न्यूनतम पांच बैच पास आउट हो चुके हैं। जबकि बीएसए कार्यालय का कहना है कि पत्र पर कार्यालय की जो पत्रांक संख्या भ्क्फ्म् अंकित है, उस संख्या पर इस तरह का कोई पत्र ही नहीं जारी किया गया।
सक्सेना मांटेसरी स्कूल का मान्यता प्रमाणित करने का जो लेटर जारी हुआ है उस पर मेरे हो हस्ताक्षर बने हैं वह फर्जी तरीके के स्कैन किए गए हैं। स्कूल से प्रमाण पत्र की मूल प्रति मांगी है। साथ ही खंड शिक्षा अधिकारी बीकेटी से ख्ब् अप्रैल को जारी आ या की कॉपी मांगी गई है। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। प्रवीण मणि त्रिपाठी, बीएसए, लखनऊ ख्ब् अप्रैल को सक्सेना मांटेसरी स्कूल की मान्यता प्रमाणित करने संबंधी कोई भी आख्या मैने नहीं दी। छह महीने पहले मैंने स्कूल का निरीक्षण किया था उस समय स्कूल मान्यता देने लायक नहीं था, इसके लिए मेरे ऊपर दबाव भी बनाया गया। फिर भी मैंने कोई प्रमाण पत्र नहीं जारी किया।अश्विनी प्रताप सिंह, खंड शिक्षा अधिकारी बीकेटी