अब डेंटल ट्रीटमेंट में लेजर तकनीक का भी यूज हो रहा है। जिसकी मदद से कम समय में काम पूरा होने के साथ जल्द हीलिंग भी होती है। केजीएमयू में यह सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा डेंटल इमरजेंसी के बारे में भी बताया गया।


लखनऊ (ब्यूरो)। डेंटल साइंस में लगातार नए इंवेंशन होने के साथ-साथ ट्रीटमेंट के एडवांस तरीके सामने आ रहे हैं। इसी को देखते केजीएमयू के डेंटल साइंस फैकल्टी द्वारा डेंटल साइंस एंड ओरल हेल्थ कांफ्रेंस का आयोजन किया गया। जिसमें लेजर के डेंटल साइंस में उपयोगिता, फेशियल एस्थेटिक और डेंटल एमरजेंसी आदि के बारे में बताया और सिखाया गया, जिसका फायदा मरीजों को मिलेगा।मिलेगी मनचाही मुस्कान
इस कार्यक्रम में राजस्थान, पंजाब, गुजरात सहित अन्य प्रदेशों के 450 से अधिक लोगों ने भाग लिया। इसमें 10 वर्कशॉप कराई गयीं। डॉ। पवित्र रस्तोगी ने बताया कि डेंटल साइंस के लेटेस्ट ट्रेंड के बारे में बीडीएस स्टूडेंट्स को ट्रेनिंग दी गई। जिसमें लेजर तकनीक और इंप्लांट से लेकर फेशियल एस्थेटिक आदि के बारे में विस्तार से बताया गया कि कैसे इनकी मदद से चेहरे की सुंदरता को बढ़ाया जा सकता है। जिसमें आपकी स्माइल को रि-कंस्ट्रक्ट करने के साथ डेंटल गम को भी रिशेप किया जा सकता है ताकि आपको एकदम परफेक्ट स्माइल मिल सके। इसके अलावा दांत का कलर बदला तो कैसे ब्लीच करें, दांत कोना टूटा हो तो कैसे और किस मैटिरियल से दोबारा बनाये। प्राइवेट में एक दांत पर 10-15 हजार रुपये खर्च होता है, जबकि केजीएमयू में यह महज हजार-1200 रुपये में हो जाता है। ऐसे में, आप अपने चेहरे की मुस्कान अपने मन के अनुसार पा सकते हैं, जो अभी तक सिर्फ पैसे वाले लोग कराया करते थे।लेजर का फायदा अधिकअब डेंटल ट्रीटमेंट में लेजर तकनीक का भी यूज हो रहा है। जिसकी मदद से कम समय में काम पूरा होने के साथ जल्द हीलिंग भी होती है। केजीएमयू में यह सुविधा दी जा रही है। इसके अलावा डेंटल इमरजेंसी के बारे में भी बताया गया। जिसके तहत अगर ट्रीटमेंट के दौरान मरीज बेहोश हो गया, एनेस्थिसिया लगाया वो रिएक्ट कर रहा है, बीपी शूट कर गया तो कैसे क्या करें, ड्रग क्या दें आदि के बारे में सिखाया गया।बायोप्सी लेना भी बतायास्टूडेंट्स को ओरल कैंसर के बारे में समझाया गया, जिसके तहत ओरल कैंसर को कैसे चेक करें और बायोप्सी कैसे लें भी सीखाया गया ताकि उन्हें इलाज में मदद मिल सके।

Posted By: Inextlive