लखनऊ में जो फैला है बुखार कई वायरस हैं इसके जिम्मेदार
लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में इन दिनों बुखार का कहर तेजी से फैल रहा है। विभिन्न सरकारी अस्पतालों में इन दिनों आने वाले मरीजों में करीब 30 फीसद मरीज बुखार के ही हैं। मरीज जोड़ों में दर्द, सिर दर्द और प्लेटलेट्स घटने तक की शिकायत कर रहे हैं। हालांकि इनमें से बड़ी संख्या में लोग डेंगू व चिकनगुनिया की जांच में निगेटिव आ रहे हैं।
जल्द जांच कराने से बचेडॉक्टर्स के अनुसार इस समय कई तरह के वायरस सक्रिय हैं, जिसके चलते बुखार फैल रहा है। ऐसे में जल्दबाजी में जांच करने से बचना चाहिए। ये बुखार सात से दस दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। बिना डॉक्टर की सलाह से कोई भी दवा इस बुखार में न लें।
एंटीबॉडी बनने में पांच दिन लगते हैं
केजीएमयू, बलरामपुर, सिविल, लोकबंधु और लोहिया आदि अस्पतालों में 25 से 30 फीसदी मरीज बुखार की शिकायत लेकर पहुंच रहे हैं । केजीएमयू के एमएस और मेडिसिन विभाग के डॉ। डी हिमांशु ने बताया कि इस समय कई तरह के वायरस फैले हैं। जिससे बड़ी संख्या में बुखार के मरीज आ रहे हैं। कई बार डेंगू व चिकनगुनिया का टेस्ट कराने के बावजूद रिपोर्ट निगेटिव आ रही है क्योंकि टेस्ट अगर चार दिन के अंदर करते हैं तो रिपोर्ट निगेटिव आती है। ऐसे में चार दिनों के बाद दोबारा जांच कराई जाती है। वहीं, चिकनगुनिया के लिए पहले चार दिन के भीतर पीसीआर टेस्ट कराया जाता है क्योंकि डेंगू व चिकनगुनिया के मामलों में एंटीबॉडी पांच दिन के बाद बनती है। इसलिए टेस्ट चार दिन के बाद ही करवाना चाहिए।
डॉ। हिमांशु के मुताबिक बीते साल डेंगू के मरीजों की भर्ती काफी हुई थी। कई अस्पतालों में बेड तक नहीं मिल रहे थे। इसबार ऐसा नहीं है। डेंगू पॉजिटिव आ रहे हैं लेकिन भर्ती करने की जरूरत नहीं पड़ रही है। वहीं, डेंगू एक बार हुआ तो दोबारा होता है लेकिन दो साल के अंदर नहीं होता है। डेंगू के चार स्ट्रेन होते हैं। ऐसे में एक बार होने से दोबारा अगर होता है तो वो अन्य स्टे्रन की वजह से हो सकता है। यह ज्यादा खतरनाक हो सकता है।
बुखार की कई वजह हो सकती हैं
केजीएमयू में माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ। शीतल वर्मा ने बताया कि यह समय सीजनल फ्लू का भी चल रहा है। वायरल के लक्षण भी कई बार डेंगू या चिकनगुनिया के जैसे हो सकते हैं। अगर इनकी रिपोर्ट निगेटिव है तो बुखार की वजह कोई और वायरस हो सकता है। इस समय इन्फलुएंजा, पैरा इन्फेलुएंजा, टायफाइड, मलेरिया, हेपेटाइटिस ए या बी की वजह से भी बुखार आ सकता है। और इनके लक्षण एक जैसे हो सकते हैं। इसीलिए डेंगू या चिकनगुनिया होने पर पहले एंटीजन टेस्ट कराना चाहिए। इसके चार दिनों के बाद ही आईजीएम एलाइजा टेस्ट कराना चाहिए। बुखार सात से दस दिन में अपने आप ठीक हो जाता है। याद रखें हर बुखार डेंगू या चिकनगुनिया नहीं होता है। इसलिए घबराये नहीं, लक्षण अनुसार आराम करें और डॉक्टर से सलाह लेकर अपना ट्रीटमेंट करवाएं।