Lucknow News: राजधानी में धोखाधड़ी करने वालों का जाल किस कदर फैला हुआ है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ में दर्ज होने वाले मामलों में 70 प्रतिशत मामले ठगी व धोखाधड़ी से संबंधित होते हैं जबकि मात्र 30 प्रतिशत केस ही स्ट्रीट क्राइम व अन्य अपराध के होते हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में धोखाधड़ी करने वालों का जाल किस कदर फैला हुआ है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि लखनऊ में दर्ज होने वाले मामलों में 70 प्रतिशत मामले ठगी व धोखाधड़ी से संबंधित होते हैं, जबकि मात्र 30 प्रतिशत केस ही स्ट्रीट क्राइम व अन्य अपराध के होते हैं। इन 70 प्रतिशत केस में साइबर क्राइम, ठगी, टप्पेबाजी और धोखाधड़ी के मामले सबसे ज्यादा है। यहां जमीन की खरीद फरोख्त की धोखाधड़ी से लेकर जॉब के नाम पर ठगी, कांट्रैक्ट दिलाने के नाम पर ठगी भी शामिल है। ठगी के अलग अलग गैैंग भी एक्टिव है और हर गैैंग की मॉडस ऑपरेंडी भी अलग है।लालच का जाल फेंक कर फंसाते हैं शिकार को


ठगी के शिकार किसी जोर जबरदस्ती से नहीं बल्कि लालच के जाल में फंस कर अपना सबकुछ लूट देते है। अलग-अलग गैैंग अलग-अलग तरीके से उन्हें लालच देकर अपना शिकार बनाते हैं। हर बार ठगी का ट्रेंड चेंज भी होता है। कभी इंवेस्टमेंट कर दो गुना करने का झांसा देकर कभी प्रापर्टी में इंवेस्ट करने तो कभी कम कीमत पर अलग-अलग वेबसाइट्स पर सामान खरीदने व बेचने का झांसा देकर लोगों को लूटा जाता है।बेरोजगारों को भी बना रहे शिकार

शातिर ठग केवल पैसे वाले लोगों को ही नहीं बल्कि बेरोजगारों को भी ठगी का शिकार बना रहे हैं। वे उन्हें रोजगार का लालच देकर अपने जाल में फंसाते हैं। ऑनलाइन से लेकर ऑफलाइन प्राइवेट जॉब से लेकर सरकारी जॉब तक लालच देकर उनके घरों से मोटी रकम वसूलते हैं। कई मजबूरी में अपनी जमीन बेच कर ब्याज पर पैसा लेकर उन्हें इस लालच में पैसा देते हैं कि उन्हें रोजगार मिल जाएगा। विश्वास में लेने के लिए उन्हें फर्जी नियुक्त पत्र तक थमा दिया जाता है।कैसे विश्वास में लेते हैं शातिर ठग

शातिर ठग अलग-अलग तरीके से काम करते है। जैसे जॉब के नाम पर ठगी करने वाले राजधानी से दूर आस-पास के जिलों को जाल में फंसाते हैं। इसके लिए उनके पास एजेंट होते हैं। एजेंट विक्टिम से पहले फोन पर बात कराता है, बात करने वाले ठग अपने आपको संबंधित विभाग का कर्मचारी व अफसर बताता है। फिर उन्हें उस ऑफिस में बुलाया जाता है। सरकारी ऑफिस की बिल्डिंग काफी बड़ी होने और वहां कोई रोक-टोक न होने के चलते किसी को उनपर शक भी नहीं होता है। पीड़ित को पहले ही बात दिया जाता है कि किसी के सामने अफसर व कर्मचारी से चर्चा न करें नहीं तो बात फैल जाएगी और काम फंस जाएगा। ऑफिस की कैंटीन या परिसर के किसी दूसरे हिस्से में मीटिंग होती है। बाहर से आने वाले विभाग के कैंपस में होने के चलते फंस जाते हैं।साइबर फ्रॉड में चेहरा भी नहीं आता सामनेसाइबर फ्रॉड का तरीका मैनुअल ठगी से बिल्कुल अलग है। इसमें न तो मैनुअल मीटिंग होती है और न ही चेहरा सामने आता है। दूर देश में बैठे साइबर क्रिमिनल्स अलग-अलग तरीके से फ्रॉड करते हैं। ऑनलाइन घोटाले, स्पैम साइबर फ्रॉड के लिए क्रिमिनल्स ईमेल, मैसेज या वेबसाइट बनाकर ऐसा दिखाने की कोशिश करते हैं कि वो सही कंपनी या व्यक्ति हैं। लोग इनके झांसे में जाकर अपनी जानकारी लीक कर देते हैं और धोखे के शिकार हो जाते हैं। इंटरनेट धोखाधड़ी में स्पैम, घोटाले, स्पाइवेयर, फिशिंग या इंटरनेट बैंकिंग धोखाधड़ी शामिल हो सकती है।हर गैंग का अलग तरीकानाइजीरियन गैंगतरीका- फिशिंग, जॉब फ्रॉड, मेल एंड स्पूफिंग, लाटरी फ्रॉड, वेब फ्राड।पुलिस के अनुसार पिछले एक दशक के दौरान कई ऑनलाइन फ्रॉड में इस गैंग के शामिल होने की पुष्टि हुई है। लखनऊ में साइबर सेल ने दो, आगरा में एक और नोएडा में कई नाइजीरियन लोगों को गिरफ्तार किया है।रोमानियन गैंगतरीका- ऑनलाइन एटीएम क्लोनिंग से फ्रॉड
यह गैंग भी काफी समय से एक्टिव है। इसने राजधानी में एटीएम क्लोनिंग से करोड़ की ठगी की है। इन्होंने पीएनबी के एटीएम में स्कीमर मशीन लगाई थी। इस गैंग के मेंबर टूरिस्ट बनकर सर्दी के मौसम में दिल्ली और मुंबई आते हैं और ठगी करके चले जाते हैं।झारखंड का गैंगतरीका- टेलीफोन से करते हैं ठगीझारखंड के जामताड़ा से ऑपरेट होने वाला यह गैंग बैंक कर्मचारी बनकर लोगों को फोन कर इनाम का लालच देता है। अकाउंट की डिटेल मांगता है और ओटीपी शेयर होते ही खाते से पैसा उड़ा देता है। इस गैंग का कोई भी सदस्य अब तक पकड़ा नहीं गया है।गोंडा मनकापुर गैंगतरीका- एटीएम क्लोनिंग कर ठगीगोंडा के मनकापुर से चल रहे इस गैंग के आधा दर्जन सदस्य अब तक गिरफ्तार किए जा चुके हैं। इस गैंग पर गैंगस्टर की कार्रवाई भी की जा चुकी है। ये गैंग बेरोजगार युवकों को फ्रॉड की ट्रेनिंग भी देता है। कई शहरों में यह गैंग ठगी की वारदातें कर चुका है।कई और गैंग हैं एक्टिव
फ्रॉड के मामले में कई गैंग एक्टिव हैं। ऑनलाइन और साइबर फ्रॉड के मामले में शातिर दिल्ली, मुंबई जैसे दूर दराज इलाके में बैठ कर फ्रॉड कर रहे हैं जबकि मैनुअल ठगी में साउथ इंडिया और राजस्थान का गैंग एक्टिव है।

Posted By: Inextlive