Lucknow News: मंडे लेट नाइट नजर हुसैनगंज स्थित होटल राज में आग लग गई। घटना के बाद होटल स्टाफ अपनी जान बचाकर भाग निकला। होटल में रुके गेस्ट बालकनी और छज्जे पर चढ़कर लोगों से जान बचाने की गुहार लगाते रहे। मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के जवानों ने सीढ़ी लगाकर 39 लोगों को रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई।


लखनऊ (ब्यूरो)। मंडे लेट नाइट नजर हुसैनगंज स्थित होटल राज में आग लग गई। घटना के बाद होटल स्टाफ अपनी जान बचाकर भाग निकला। होटल में रुके गेस्ट बालकनी और छज्जे पर चढ़कर लोगों से जान बचाने की गुहार लगाते रहे। मौके पर पहुंचे फायर ब्रिगेड के जवानों ने सीढ़ी लगाकर 39 लोगों को रेस्क्यू कर उनकी जान बचाई। फायर ब्रिगेड के अफसरों ने जब जांच शुरू की तो वहां मानक के नाम पर खामियां ही खामियां नजर आईं। साफ जाहिर है कि शहर में चारबाग के होटल विराट और एसएसजे इंटरनेशनल, हजरतगंज में होटल लेवाना अग्निकांड में कई लोगों की जान जाने के बाद भी लापरवाही अभी भी जारी है।बिजली के पैनल में लगी थी आग


सीएफओ मंगेश कुमार ने ट्यूज्डे को होटल का निरीक्षण किया। उन्होंने बताया कि बेसमेंट में बने बिजली के पैनल से आग लगी थी। सीढ़ियों के जरिए कमरों में धुआं भर गया था। होटल में आग से बचाव के लिए कुछ उपकरण लगे हुए हैं, लेकिन सिर्फ खानापूर्ति के लिए। स्मोक सेंसर काम नहीं कर रहे थे। ऐसे में होटल मालिक से दस्तावेज मांगे गए हैं। अगर दो दिन में दस्तावेज नहीं उपलब्ध करवाए गए तो होटल मालिक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

धुआं भरने से सांस लेने में होने लगी थी दिक्कतहुसैनगंज चौराहे के पास 30 कमरों के होटल राज में मंडे लेट नाइट करीब एक बजे आग लग गई। स्मोक सेंसर न होने के कारण धुआं पूरे होटल में फैल गया। कमरों में रुके गेस्ट को सांस लेने में दिक्कत हुई तो भगदड़ और चीख-पुकार मच गई। कमरा नंबर 206 में रुके बदायूं निवासी मनोज के मुताबिक, धुआं भरने से सांस लेने में दिक्कत होने लगी। कमरे से बाहर निकला तो चीख-पुकार मची थी। कमरा नं 305 में रुके बरेली निवासी मुकेश चंद्रा ने बताया कि अचानक दम घुटने लगा। सभी लोग जान बचाने के लिए बाहर की तरफ भागे तो कुछ भी दिखाई नहीं दे रहा था। जिस रास्ते से आए थे वहां निकलना तो दूर खड़ा होना मुश्किल था। खिड़की खोलने पर कुछ राहत की सांस ली।गेस्ट ने कहा होटल स्टाफ ने नहीं की मददगेस्ट को चीख-पुकार मचाता देख होटल स्टाफ बाहर की तरफ भाग गया। कोई भी व्यक्ति मदद के लिए आगे नहीं आया। कमरे में ठहरने वालों ने बताया कि स्टाफ चाहता तो कई लोगों को बाहर निकाल सकता था, लेकिन कोई भी मदद को आगे नहीं आया।संकरी गलियों में बने होटल

चारबाग, हुसैनगंज, नाका समेत कई इलाकों में फायर मानक पूरे किए बिना ही होटल संचालित हो रहे हैं। आग लगने पर होटल से निकलने के लिए पर्याप्त रास्ता तक नहीं है। यही नहीं, होटल के पास तक फायर विभाग की गाड़ियां भी नहीं पहुंच सकतीं। किसी होटल में फायर एग्जिट नहीं हैं। किसी भी होटल में फायर के मानक तक पूरे नहीं हैं। अधिकांश में स्मोक डिटेक्टर ही नहीं है। ऐसे में आग लगने पर फायर अलार्म नहीं बजता है। सीढ़ियों पर बिजली के तार तक लटक रहे हैं।अधिकांश होटलों को नए फायर कानून के तहत नोटिस दी जा चुकी है। उनके खिलाफ सराय एक्ट में कार्रवाई की जाएगी। कई होटल को पहले भी नोटिस दी जा चुकी है।-मंगेश कुमार, चीफ फायर अफसर

Posted By: Inextlive