हर चार से पांच साल के बाद करियर के विकल्पों का ट्रेंड बदलता है लेकिन मेडिकल एक ऐसी फील्ड है जिसमें स्टूडेंट्स का चार्म हमेशा से बना हुआ है।


लखनऊ (ब्यूरो)। पढ़ाई और करियर को लेकर लगातार ट्रेंड बदल रहा है। मौजूदा समय में जहां कंप्यूटर साइंस की फील्ड का स्कोप बढ़ा है, तो वहीं स्टूडेंट्स इसके अलावा सिविल सेवा, अकेडमिक्स, मेडिकल, ह्यूमैनिटीज से जुड़े करियर में दिलचस्पी ले रहे हैं। यूपी, सीबीएसई और सीआईएससीई बोर्ड के इस साल के मेधावी स्टूडेंट्स के करियर विकल्पों को देखें तो ज्यादातर कंप्यूटर साइंस में बीटेक करना चाहते हैं। इसके अलावा सिविल सर्विसेज में जाने वाले स्टूडेंट्स की संख्या भी अच्छी खासी है। लोग हायर एजुकेशन में अकेडमिक्स फील्ड की तरफ भी अट्रैक्ट हो रहे हैं।अपग्रेडेड ब्रांच है इमरजिंग ऑप्शन


आईएससी बोर्ड में रैंक होल्डर तनिष्क सोनकर कंप्यूटर साइंस से बीटेक करना चाहते हैं। उनका कहना है कि आजकल सीएस को लेकर जॉब के मौके बढ़े हैं ऐसे में सीएस उन्हें बेहतर ब्रांच लगती है। तनिष्क की तरह सीबीएसई बोर्ड में 97 फीसदी अंक पाने वाले दिलप्रीत सिंह भी सॉफ्टवेयर इंजीनियर बनना चाहते हैं। उन्हें कंप्यूटर फील्ड में रुचि है और आगे वह इसी में करियर बनाना चाहते हैं। बीते साल आईएससी 2022 में ऑल इंडिया रैंक होल्डर सिमरन सिंह इस समय कंप्यूटर साइंस से बीटेक कर रही हैं। उनका कहना है कि बीते दो तीन साल से ट्रेडिशनल ब्रांच के मुकाबले कंप्यूटर साइंस की फील्ड में स्कोप बढ़ा है। यहां आईटी सेक्टर में अच्छा पैकेज ऑफर हो जाता है, इसलिए भी पीसीएम ग्रुप के स्टूडेंट्स में इंजीनियरिंग में कंप्यूटर साइंस का क्रेज बढ़ रहा है।50 फीसदी की पसंद सिविल सर्विसेजबोर्ड रिजल्ट 2023 की बात करें तो मेरिट में जगह बनाने वाले ज्यादातर स्टूडेंट्स में सिविल सर्विसेज अभी भी पहली पसंद बनी हुई है। सीबीएसई बोर्ड में 98.60 फीसदी अंक लाने वाली आयुषी चौहान सिविल सर्विसेज में जाना चाहती हैं। आयुषी के अलावा सिद्धी गुप्ता भी आईएएस बनकर लोगों की सेवा करना चाहती हैं। यूपी बोर्ड के अक्षत जैन भी आईएएस बनकर देश की सेवा करना चाहते हैं। अंशित पटेल ने अपने लिए आईपीएस का लक्ष्य चुना है। मुस्कान यादव, अक्षय कुमार यादव इंजीनियरिंग के बाद सिविल सेवा की तैयारी करना चाहते है। इन सभी स्टूडेंट्स का कहना है कि यहां नाम के साथ लोगों की सेवा का मौका मिलता है।अभी भी बरकरार है मेडिकल का चार्म

करियर काउंसलर कहते हैं कि हर चार से पांच साल के बाद करियर के विकल्पों का ट्रेंड बदलता है, लेकिन मेडिकल एक ऐसी फील्ड है जिसमें स्टूडेंट्स का चार्म हमेशा से बना हुआ है। आईएससी टॉपर अरयान कार्डियोलॉजिस्ट बनने के लिए नीट की तैयारी कर रहे हैं। वहीं यूपी बोर्ड की टॉपर शबाना भी डॉक्टर बनना चाहती हैं। उन्होंने भी नीट का एग्जाम दिया है। करियर काउंसलर का कहना है कि मेडिकल एक ऐसा प्रोफेशन है जिसका स्कोप कभी खत्म नहीं होगा। कोविड के बाद इस फील्ड में अलग-अलग करियर विकल्प भी तैयार हुए हैं। यह सेक्टर तेजी से ग्रो कर रहा है।हायर एजुकेशन में बढ़ा है ट्रेंडइन दिनों हायर एजुकेशन में प्रोफेसर बनने या रिसर्च में जाने का क्रेज बढ़ा है। करियर काउंसलर का कहना है कि अकेडमिक्स फील्ड में स्टूडेंट्स का काफी रुझान बढ़ा है। इनमें ज्यादातर ह्यूमैनिटीज के स्टूडेंट्स हैं। जो लोग हिस्ट्री, साइकोलॉजी समेत सोशल साइंस के सब्जेक्ट्स चुन रहे हैं वे ग्रैजुएशन के बाद पीजी, नेट व जेआरएफ क्वालीफाई करना चाहते हैं। इससे पहले यह ट्रेंड बेसिक व सेकंड्री टीचिंग के लिए बना था, जो काफी कम हुआ है।कंप्यूटर साइंस के अलावा एआई भी हिट

इस समय सीएस के अलावा कई कॉलेजों व यूनिवर्सिटीज ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, मशीन लर्निंग, रोबोटिक्स समेत कई नई ब्रांच शामिल की हैं। कॉमर्स में इन दिनों ट्रेडिशनल बीकॉम के अलावा इंटीग्रेटेड कोर्स चलन में हैं। कई आईआईएम आईपीमैट का कोर्स चला रहे हैं। इसमें बीबीए के साथ एमबीए भी शामिल है। इसके अलावा लॉ के कोर्स जैसे बीबीए के साथ लॉ, बीए के साथ लॉ जैसे इंटीग्रेडेट कोर्स चल रहे हैं। कई अन्य ऑड करियर है जैसे ह्यूमैनिटीज के स्टूडेंट्स साइकोलॉजिस्ट बनने में ज्यादा दिलचस्पी दिखा रहे हैं। जियोग्रॉफी के कई करियर विकल्प इन दिनों चलन में हैं।करियर का ट्रेंड बदल रहा है। अब स्टूडेंट्स ट्रेडिशनल करियर की बजाय इमरजिंग करियर पर अधिक फोकस कर रहे हैं। जैसे इन दिनों कंप्यूटर साइंस, लॉ, हेल्थ सेक्टर, रिसर्च, अकेडमिक्स में अच्छा स्कोप है।-प्रो। विवेक मिश्रा, करियर काउंसलरमौजूदा समय में स्टूडेंट्स एक स्पेसिफिक ब्रांच तक सीमित नहीं रह गए हैं। नई एजुकेशन पॉलिसी आने के बाद हायर एजुकेशन स्तर पर कई तरह के बदलाव हो रहे हैं। इन बदलावों के कारण मांग बदल रही है और उसी के अनुरूप स्टूडेंट्स अपना गोल सेट कर रहे हैं।-डॉ। सृष्टि श्रीवास्तव, नवयुग कन्या महाविद्यालय

Posted By: Inextlive