- बच्चों में बुखार आने पर अगर ऑक्सीजन लेवल कम-ज्यादा हो तो न हों परेशान

- तीन से चार दिन में बुखार न उतरे तो बच्चे को तुरंत दिखाएं डॉक्टर को

LUCKNOW: राजधानी में बड़ी संख्या में बच्चे वायरल का शिकार हैं और उनके ऑक्सीजन लेवल में कमी आने से पैरेंट्स परेशान हो रहे हैं। हालांकि डॉक्टर्स का कहना है कि बच्चों के ऑक्सीजन लेवल में उतार-चढ़ाव आता ही है। इसका कारण यह है कि ऑक्सीमीटर उनका ऑक्सीजन लेवल ठीक से नहीं नाप पाता है। उनकी उंगलियों का छोटा होना भी इसका एक कारण है। ऐसे में पैरेंट्स को डरने नहीं, सतर्क रहने की जरूरत है। डॉक्टर्स का कहना है कि अगर बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो और तीन दिन से अधिक तेज बुखार हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

लोग जागरूक हुए हैं

कोरोना काल में लोग ऑक्सीजन लेवल को लेकर जागरूक हो गए हैं। अधिकतर लोगों के घरों में ऑक्सीमीटर है। केजीएमयू के पीडियाट्रिक डिपार्टमेंट की एचओडी प्रो। शैली अवस्थी ने बताया कि बच्चों में बुखार तेज होने पर ऑक्सीजन की खपत बढ़ जाती है। दूसरा लंग्स में कंजेशन होने से भी ऑक्सीजन की जरूरत बढ़ जाती है। कई बार ऑक्सीजन लेवल बच्चों में कम देखने को मिलता है। ऐसे में डरें नहीं, यह रूटीन मेनेजमेंट से ठीक हो जाता है।

नहीं आती सही रीडिंग

प्रो। शैली अवस्थी ने बताया कि बच्चों का ऑक्सीजन लेवल चेक करने के लिए लोग उनकी उंगलियों में ठीक से ऑक्सीमीटर नहीं लगा पाते हैं। जिससे रीडिंग गड़बड़ हो जाती है। अगर बच्चे को तेज बुखार के साथ सांस लेने में दिक्कत हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। बच्चों में ऑक्सीजन लेवल 94 से 99 नार्मल माना जाता है। बुखार की वजह से ये कुछ ऊपर नीचे हो सकता है।

उंगलियां छोटी होने से दिक्कत

लोहिया संस्थान के पीडियाट्रिशियन डॉ। शशांक सिंह ने बताया कि ऑक्सीमीटर से बच्चों की रीडिंग नहीं लेनी चाहिए। छोटे बच्चों के साथ ऐसा संभव नहीं है। उनकी उंगली छोटी होती है और मशीन में उनकी उंगली एक मिनट तक रखनी होती है। ऐसे में ऑक्सीजन लेवल में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है।

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तो हो जाएं सतर्क

- बच्चों की पसलियां तेज चलने लगें

- बच्चा खाना-पीना कम कर दे

- तीन दिन से अधिक बुखार बना रहे

- कफ और सर्दी की समस्या न खत्म हो

- सांस लेने में दिक्कत होना

- दवा खाने के बाद भी बुखार न उतरे

- कमजोरी का बने रहना

नोट- बच्चों में ये समस्याएं रहने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

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बच्चों में बुखार होने पर ऑक्सीजन की खपत बढ़ जाती है। दूसरा ठीक से मशीन न लगाने से रीडिंग गड़बड़ आती है। ऐसे में घबराने की जगह डॉक्टर से संपर्क करें।

प्रो। शैली अवस्थी, केजीएमयू

कई बार बच्चों को ऑक्सीमीटर सही से न लगने के कारण रीडिंग में दिक्कतें आती हैं। ऐसे में पैंरेंट्स को डरना नहीं चाहिए। समस्या अधिक हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

डॉ। शशांक सिंह, लोहिया संस्थान

Posted By: Inextlive