राजधानी में शुक्रवार को सिंदूर खेला संग मां दुर्गा को विदाई दी गई और इसी के साथ ही दुर्गा पूजा महोत्सव का समापन हो गया। इससे पूर्व कई जगहों पर विसर्जन यात्रा से पहले कन्या भोज का भी आयोजन किया गया।


लखनऊ (ब्यूरो)। महिलाओं ने पान के पत्ते से मां दुर्गा के गालों को स्पर्श कर उनकी मांग व माथे पर सिंदूर लगाया और उनसे सदा सुहागन रहने की आशीर्वाद लिया। शुक्रवार को सुबह से ही दुर्गा पंडालों में माता की पूजा अर्चना के लिए श्रद्धालुओं की भीड़ जुटने लगी थी। मायके से ससुराल विदा ट्रांसगोमती दशहरा एवं दुर्गा पूजा समिति के संयोजक ने बताया कि मान्यता है कि मां दुर्गा की मांग भर कर उन्हें मायके से ससुराल विदा किया जाता है। कहते हैं कि मां दुर्गा पूरे साल में एक बार अपने मायके आती हैं और पांच दिन मायके में रुकने के बाद विजयदशमी पर अपने ससुराल लौट जाती हैं।

हर तरफ सिंदूर खेला की धूम
छावनी पूजा समिति की ओर से सिंदूर खेला में महिलाओं ने बढ़-चढ़ कर हिस्सा लिया। वहीं बंगाली क्लब की ओर से आयोजित दुर्गा पूजा समारोह में भी महिलओं ने सिंदूर खेला रस्म निभाकर माता को विदा किया। बादशाहनगर पूजा कमेटी, सेवाग्राम कॉलोनी व शास्वत सामाजिक और सांस्कृतिक संस्थान की ओर से विकास नगर में दुर्गा पंडाल में भी सिंदूर खेला का कार्यक्रम हुआ।

Posted By: Inextlive