पेंडेंसी के अलावा बड़ी संख्या में आवेदकों के आवेदन निरस्त भी हो रहे हैं। फेसलेस व्यवस्था शुरू होने के बाद से अब तक 12730 आवेदन निरस्त हो चुके हैं। ये ऐसे आवेदक हैं जिनके टेस्ट के दौरान अलग गतिविधि रिकॉर्ड हुई जिसके चलते आवेदन निरस्त हो गया।


लखनऊ (ब्यूरो)। परिवहन विभाग की ऑनलाइन लर्निंग डीएल बनवाने की सुविधा आवेदकों के लिए मुसीबत साबित हो रही है। फेसलेस डीएल सॉफ्टवेयर की दिक्कत ने आवेदकों की मुसीबतें बढ़ा दी हैं। आलम यह है कि लर्नर लाइसेंस की परीक्षा के दौरान किसी भी गतिविधि पर आवेदन निरस्त हो जा रहे हैं। ऐसा तब हो रहा है जब आवेदक लर्नर लाइसेंस की परीक्षा पास कर ले रहा है। मगर परीक्षा देने के दौरान किसी गतिविधि की आहट अथवा कुछ दिखायी पड़ जाने पर आवेदन निरस्त हो जा रहा है। बताते चलें कि परिवहन विभाग ने छह जनवरी 2022 से लर्निंग डीएल की फेसलेस व्यवस्था शुरू की थी। पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर लखनऊ आरटीओ व बाराबंकी में शुरू की गयी इस व्यवस्था को प्रदेश भर में लागू किया गया।50 प्रतिशत ही होते हैं सफल


वहीं बीते एक जून से पूरे प्रदेश में लर्निंग लाइसेंस की व्यवस्था को 100 प्रतिशत फेसलेस के तौर पर लागू कर दिया गया। बीते छह जनवरी से 15 जून तक के आंकड़ों पर नजर डालें तो पूरे प्रदेश में फेसलेस लर्निंग लाइसेंस के कुल 2,12,187 आवेदन आए हैं। इस अविध में लर्निंग लाइसेंस हासिल करने वाले आवेदकों की कुल संख्या 1,16,571 है। आंकड़ों के आधार पर कहा जा सकता है कि ऑनलाइन लर्निंग लाइसेंस की फेसलेस व्यवस्था में करीब 50 प्रतिशत आवेदक ही सफल साबित हो रहे हैं। ऐसे में, यह कहना गलत न होगा कि आवेदकों को फेसलेस व्यवस्था के जरिए लर्नर लाइसेंस हासिल करने में कड़ी मशक्कत करनी पड़ रही है।पास होने के बाद भी निरस्त

फेसलेस व्यवस्था के जरिए लर्नर लाइसेंस के लिए आवेदकों को ऑनलाइन परीक्षा देनी होती है। इसके लिए आधार के माध्यम से आवेदन के बाद विभाग डॉक्यूमेंट्स की जांच करता है। प्रपत्रों के वेरीफिकेशन के बाद आवेदकों को उनके रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर आईडी पासवर्ड भेजा जाता है। इस आईडी पासवर्ड को लॉगइन कर आवेदकों को परीक्षा देनी होती है। जानकारी के अनुसार, लर्नर लाइसेंस की परीक्षा में पास होने वाले आवेदकों के आवेदन भी निरस्त हो जा रहे हैं। आवेदक जब मोबाइल अथवा कम्प्यूटर पर परीक्षा देते हैं तो यह फेसलेस सॉफ्टवेयर में रिकॉर्ड होता है। रिकॉर्ड के दौरान अगर किसी की आवाज आ जाती है अथवा आवेदक के पीछे से कोई दो से तीन बार गुजर जाता है और उसकी तस्वीर आ जाती है या किसी और का कंधा ही दिखायी पड़ जाता है तो पास होने के बावजूद ऐसे आवेदकों का आवेदन निरस्त हो जा रहा है। यही नहीं परीक्षा के दौरान पीछे गमला भी दिखायी पड़ जाने पर आवेदन निरस्त हो जा रहा है। इसके चलते आवेदक परेशान हो रहे हैं। पेंडेंसी भी बढ़ा रही मुसीबतफेसलेस डीएल की पेंडेंसी भी आवेदकों के साथ परिवहन विभाग की भी मुसीबत बढ़ा रही है। आलम यह है कि आरटीओ व एआरटीओ कार्यालयों में बड़े पैमाने पर फेसलेस डीएल के हजारों आवेदन पेंडिंग पड़े हुए हैं। इनमें प्रपत्रों के वेरीफिकेशन समेत टेस्ट यानि परीक्षा व अप्रूवल तक शामिल हैं, जिनमें पेंडेंसी बनी हुई है। छह जनवरी से 15 जून तक आंकड़ों के अनुसार इस अवधि में 8,730 आवेदकों के प्रपत्रों के वेरीफिकेशन पेंडिंग पड़े हैं। इसके साथ ही 30,880 आवेदक ऐसे हैं जिनके टेस्ट यानि परीक्षा की प्रक्रिया अधूरी है। साथ ही, इस अवधि में 13,426 आवेदकों के लर्नर लाइसेंस अप्रूवल पेंडिंग हैं।निरस्त भी हो रहे आवेदन

पेंडेंसी के अलावा बड़ी संख्या में आवेदकों के आवेदन निरस्त भी हो रहे हैं। फेसलेस व्यवस्था शुरू होने के बाद से अब तक 12,730 आवेदन निरस्त हो चुके हैं। ये ऐसे आवेदक हैं जिनके टेस्ट के दौरान अलग गतिविधि रिकॉर्ड हुई, जिसके चलते आवेदन निरस्त हो गया। प्रपत्रों को सही तरीके से अपलोड न किए जाने के चलते हजारों आवेदन रिवर्ट भी हो रहे हैं। इस अवधि में रिवर्ट होने वाले आवेदकों की संख्या 34,314 है। ये ऐसे आवेदक हैं जिन्होंने स्वहस्ताक्षरित आधार नहीं अपलोड किया अथवा आधार की जगह कोई और प्रपत्र अपलोड कर दिया।फेसलेस लर्नर लाइसेंस के आवेदन निरस्त होने की आवेदकों की शिकायतों का एनआईसी के साथ मिलकर परीक्षण किया जाएगा। सॉफ्टवेयर की दिक्कतों और आवेदकों की शिकायतों पर मंथन किया जाएगा ताकि वास्तविक समस्या का पता चल सके। - देवेंद्र त्रिपाठी, अपर परिवहन आयुक्त, आईटी

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