उम्मीद जताई जा रही थी कि कार्यकारिणी के चुनाव में क्रॉस वोटिंग हो सकती है। कईयों को उम्मीद थी कि अगर ऐसा होता है तो इसका लाभ उन्हें मिल सकता है लेकिन पूरे चुनाव में क्रॉस वोटिंग जैसी कोई बात सामने नहीं आई।


लखनऊ (ब्यूरो)। हंगामे के बीच शहर सरकार की कार्यकारिणी का गठन हुआ। कार्यकारिणी में 10 भाजपा के और दो सदस्य सपा के निर्विरोध निर्वाचित हुए। कांग्रेस और बसपा का एक भी सदस्य कार्यकारिणी में शामिल नहीं हो सका। सदन में सीट व्यवस्था को लेकर भाजपा के ही वरिष्ठ पार्षद धरने पर भी बैठ गए, हालांकि, साथी पार्षदों ने उन्हें समझा बुझाकर शांत किया। इसके बाद नामांकन और फिर अंतिम चयन की प्रक्रिया शांतिपूर्ण तरह से संपन्न हुई।कांग्रेस पार्षद के बयान से हंगामा


सदन में मौजूद कांग्रेस पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने पहले चुनाव लडऩे का मन बनाया था, लेकिन बाद में पर्याप्त सदस्य संख्या 11 न होने की वजह से वो चुनाव में नहीं उतर सके। इसके बाद कांग्रेस पार्षद ने कांग्रेस का इतिहास दोहराते हुए कहा कि पूर्व पीएम पीवी नरसिम्हाराव ने अटल जी को जेनेवा भेजा था और राजीव गांधी ने महिलाओं को 33 प्रतिशत आरक्षण दिलाया। इसकी वजह से महापौर सदन में आ पाई हैं। इसके बाद भाजपा पार्षदों ने विरोध दर्ज कराते हुए हंगामा कर दिया। महापौर के बार-बार कहने के बाद भी कांग्रेस पार्षद ने नामांकन नहीं कराया।क्रॉस वोटिंग नहीं हुई

पहले उम्मीद जताई जा रही थी कि कार्यकारिणी के चुनाव में क्रॉस वोटिंग हो सकती है। कईयों को उम्मीद थी कि अगर ऐसा होता है तो इसका लाभ उन्हें मिल सकता है, लेकिन पूरे चुनाव में क्रॉस वोटिंग जैसी कोई बात सामने नहीं आई।ये हैं कार्यकारिणी सदस्यभाजपा1-रानी कनौजिया2-हरिश्चंद्र लोधी3-रंजीत सिंह4-सौरभ सिंह मोनू5-गिरीश गुप्ता6-मुकेश सिंह मोंटी7-पीयूष दीवान8-शैलेंद्र वर्मा9-उमेश चंद्र सानवाल10-अनूप कमल सक्सेनासपा1-लईक आगा2-सुरेंद्र कुमार वाल्मिकीपहली बैठक का इंतजारकार्यकारिणी का गठन हो चुका है। ऐसे में अब कार्यकारिणी की पहली बैठक जल्द होगी। अभी तारीख तो तय नहीं है, लेकिन संभावना है कि तीन जुलाई से पहले बैठक आयोजित हो सकती है। इसमें हाउस टैक्स समेत कई बिंदुओं पर मंथन किया जाएगा। इस बैठक में जो प्रस्ताव पास होंगे, उन्हें सामान्य सदन में लाया जाएगा, जिसके भी अगले ही महीने होने की संभावना है।

Posted By: Inextlive