29 रमजान उल मुबारक 1444 हि. मुताबिक 21 अप्रैल को शाम 6 बजे ईद-उल-फित्र का चांद देखने का एहतिमाम मरकजी चांद कमेटी के दफ्तर ईदगाह ऐशबाग में किया गया है। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। मरकजी चांद कमेटी फरंगी महल लखनऊ की ओर से 29 रमजान उल मुबारक 1444 हि। मुताबिक 21 अप्रैल को शाम 6 बजे ईद-उल-फित्र का चांद देखने का एहतिमाम मरकजी चांद कमेटी के दफ्तर ईदगाह, ऐशबाग में किया गया है। इसको लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं। इस बीच लोग शिया-सुन्नी हेल्पलाइन पर अपने सवालों के जवाब हासिल कर रहे हैंसुन्नी सवाल-जवाबसवाल : किसी शख्स ने अपने माल की जकात निकाली, लेकिन उसने किसी हकदार के हवाले नहीं किया और वह रकम साल भर रखी रही तो क्या उस रकम पर जकात है?जवाब : जकात पर जकात नहीं है। उस रकम को जकात में अदा करें।सवाल : किसी व्यक्ति ने यह समझ कर सेहरी खाई कि समय है और बाद में पता चला कि समय निकल गया था तो क्या उसका रोजा हो जाएगा?जवाब : रोजा नहीं होगा, उसकी कजा रखनी होगी।


सवाल : जो रकम जकात की वाजिब हुई अगर उससे ज्यादा खर्च हो जाये तो उस ज्यादा खर्च की हुई रकम को आने वाले साल की जकात की रकम में जोड़ सकते हैं या नहीं?जवाब : अगर ज्यादा रकम जकात की नियत से दे दी गयी हो तो आने वाले साल की जकात में शामिल कर सकते हैं।

सवाल : अगर मुकद्दमा लडऩे वाला जकात का हकदार है तो किया उसको जकात की रकम दी जा सकती है?जवाब : जी हां, दी जा सकती है और अगर जकात की रकम मोहल्ले के जिम्मेदार या पंचायत में दे दिया कि वह जरूरत पडऩे पर इसके मुकद्दमे में खर्च करे तो सही नहीं।सवाल : अगर कोई शख्स सालाना जकात न निकालता हो बल्कि हर माह कुछ न कुछ किसी गरीब को देता रहता हो और उसका हिसाब भी उसके पास हो तो क्या यह रकम जकात में शामिल होगी?जवाब : जकात की नियत से जो कुछ दिया है उतनी जकात अदा हो जायेगी।शिया सवाल-जवाबसवाल : क्या कोई शख्स अपना फितरा दो आदमियों में बांट सकता है?जवाब : एहतयाते वाजिब की बिना पर किसी मुहताज को एक फित्रा से कम न दिया जाए, लेकिन अगर ज्यादा दे दिया तो कोई हर्ज नहीं।सवाल : क्या दूध पीते बच्चे का भी फितरा दिया जाएगा?जवाब : दूध पीते बच्चे का भी फितरा दिया जाएगा।सवाल : ईद के दिन कौन से काम करने चाहिए?

जवाब : ईद के दिन फज्र की नमाज के बाद तकबीरत पढि़ए, फितरा निकालिए, अच्छे कपड़े पहनिए, इत्र लगाइए। ईद की नमाज से पहले कुछ मीठा खाकर रोजा तोडि़ए, इमाम हुसैन अ। स। की जियारत पढि़ए। दुआ, नुदबा और विवरण के लिए अन्य पुस्तकों में देखें।सवाल : क्या अकीका के गोश्त से इफ्तार मस्जिद में कराया जा सकता है?जवाब : अकीका के गोश्त से इफ्तार मस्जिद में कराया जा सकता है।मस्जिदों में अलविदा की नमाज-जामा मस्जिद ईदगाह-12:45 बजे-मस्जिद नदवुल उलमा-1 बजे-मस्जिद सिद्दीकिया कटरा मोहम्मद अली खां-12:45 बजे-मस्जिद दरगाह शाह मीना शाह-1 बजे-मस्जिद तकवियतुल ईमाना, नादान महल रोड-1 बजे-मस्जिद एक मिनारा, अकबरी गेट-1 बजे-मस्जिद अनस, कच्चा पुल-1:15 बजे-मस्जिद मोहम्मदिया चौपटिया मस्जिद उमर, तंबाकू मंडी-12:40 बजे-मस्जिद सारिया, हाता सूरत सिंह-1 बजे-मस्जिद अबू बक्र झवाई टोला-1 बजे-मस्जिद हाजी रहीम बख्श कोटी-1 बजे-मस्जिद मोहम्मदिया महबूब गंज-12:45-मस्जिद अली कटरा विजनबेग-12:45 बजे-मस्जिद मोहम्मदिया हरी नगर-12:50 बजे-मस्जिद दबीरुद्दौला फाटक, चौपटिया-2 बजे-मदरसा नूरूल उलूम राधे खेत-12:45 बजे-मस्जिद सुनहरी कटरा-12:45 बजे-मस्जिद बिस्मिल्लाह शाह चौपटिया-1:15 बजे

Posted By: Inextlive