Lucknow News: अगर आप कबाब पराठा या पानी के बताशे खाने के शौकीन तो जरा सावधान रहें। हो सकता है कि जहां आप कबाब पराठा या पानी के बताशे खा रहे हों वहां के विक्रेता की ओर से खाद्य सामग्रियों में निर्धारित मानक से अधिक कलर मिलाया गया हो जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक है।


लखनऊ (ब्यूरो)। अगर आप कबाब पराठा या पानी के बताशे खाने के शौकीन तो जरा सावधान रहें। हो सकता है कि जहां आप कबाब पराठा या पानी के बताशे खा रहे हों, वहां के विक्रेता की ओर से खाद्य सामग्रियों में निर्धारित मानक से अधिक कलर मिलाया गया हो, जो आपकी सेहत के लिए खतरनाक है। यह हकीकत एफएसडीए की ओर से कराई जा रही स्ट्रीट फूड सैैंपलिंग में सामने आई है। जिसके बाद फूड बेचने वालों को चेतावनी दी गई है कि निर्धारित मानक के अनुसार और एफएसएसआई द्वारा अधिकृत एडिबल कलर का ही यूज करें। अगर इसके बाद भी कोई नहीं मानता है तो फिर लीगल एक्शन लिया जाएगा।मानक से अधिक कलर
अभी तक की जांच पड़ताल में यह जानकारी सामने आई है कि छोले से लेकर कबाब और बताशे के साथ दिए जाने वाले पानी में रंगों का यूज अधिक किया जा रहा है। अधिक रंगों का यूज किए जाने से लोग इनकी तरफ आकर्षित हो रहे हैैं। हालांकि, कई स्ट्रीट फूड वेंडर्स ऐसे भी हैैं, जिनके यहां निर्धारित मानक के अनुसार ही एडिबल कलर (खाद्य कलर) यूज होते हुए मिला था।इस तरह से पहचानें


अगर आप स्ट्रीट फूड प्वॉइंट्स पर पानी के बताशे या कबाब पराठा या अन्य कोई भी खाद्य सामग्री खा रहे हैैं तो आपकी आंखें ही जांच के लिए पर्याप्त हैैं। यह सुनने में अटपटा है, लेकिन यह हकीकत है। एफएसडीए अधिकारियों की माने तो अगर बताशे का पानी बहुत अधिक हरा नजर आए या कबाब में लाल रंग बहुत अधिक दिखे, जो आंखों को चुभे तो समझ जाएं कि निर्धारित मानक से अधिक कलर मिलाया गया है। अगर आप उस कंडीशन में खाद्य सामग्री का सेवन करते हैैं तो आपकी सेहत के लिए बेहद हानिकारक हो सकता है।यह है मानकअसिस्टेंट कमिश्नर फूड सेफ्टी ने बताया कि नियमानुसार अगर कोई खाद्य सामग्री दस किलो तक बनाई गई है तो उसमें एक ग्राम से अधिक एडिबल कलर का यूज नहीं किया जाना चाहिए। अगर इससे ज्यादा कलर का यूज हो रहा है तो वह गलत है और लोगों की सेहत के लिए नुकसानदायक भी है। सभी स्ट्रीट फूड वेंडर्स को एफएसएसआई द्वारा अधिकृत एडिबल कलर ही यूज करना चाहिए और वो भी मानक के अनुसार। अभी तक की जांच में यह तथ्य सामने आए हैैं कि ज्यादातर स्ट्रीट फूड वेंडर्स जानकारी के अभाव में मानक से अधिक एडिबल कलर का यूज कर रहे हैैं।अब सर्विलांस सैैंपलिंग होगी

असिस्टेंट कमिश्नर फूड सेफ्टी ने बताया कि लोगों की हेल्थ को देखते हुए अब सर्विलांस सैैंपलिंग पर फोकस किया जाएगा। इस सैैंपलिंग में रिपोर्ट का इंतजार नहीं करना पड़ता है। रिपोर्ट के आधार पर पहले तो संबंधित फूड वेंडर को एडिबल कलर व अन्य बिंदुओं को लेकर जागरूक किया जाएगा। इसके बाद दोबारा पकड़े जाने पर उसे वार्निंग दी जाएगी और अगर फिर भी वो नहीं मानता है तो उसके खिलाफ ठोस एक्शन लिया जाएगा।मिलावटी भोजन के साइड इफेक्ट1-किडनी खराब हो सकती है2-लीवर पर असर3-पेट खराब हो सकता है4-आंखों पर भी असर5-स्किन प्रॉब्लम जैसे एलर्जीमेरी सभी से अपील है कि खाद्य सामग्रियों में निर्धारित मानक के अनुसार ही एडिबल कलर का यूज करें। मानक से अधिक कलर यूज करने की स्थिति में लोगों की सेहत पर नकारात्मक असर पड़ता है। हमारी ओर से अभियान चलाकर फूड वेंडर्स को जागरूक भी किया जा रहा है।विजय प्रताप सिंह, असिस्टेंट कमिश्नर, फूड सेफ्टी, लखनऊ

Posted By: Inextlive