विभागों में आपसी तालमेल न होने के चलते लखनऊ में विकराल रूप ले रही खुले मैनहोल की समस्या
लखनऊ (ब्यूरो)। कोई भी हादसा होने के बाद नए सिरे से रिपोर्ट बनाने का काम शुरू हो जाता है। ऐसा ही कुछ खुले मैनहोल में गिरकर मौत के गाल में समाए शाहरुख मामले में भी हो रहा है। एक तरफ तो आनन-फानन में खुले मैनहोल कवर करने का काम शुरू कर दिया गया है, वहीं दूसरी तरफ अब नए सिरे से फिर मैनहोल की रिपोर्ट तैयार करने का काम शुरू कर दिया गया है। हैरानी की बात यह भी है कि राजधानी में खुले मैनहोल को कवर करने के लिए अलग-अलग विभागों के पास जिम्मेदारी हैै और उनके बीच कोई परस्पर समन्वय भी नहीं है, जिसकी वजह से हादसा होने के बाद हर कोई अपनी जिम्मेदारी से बचता नजर आता है।इस तरह बंटी है जिम्मेदारी
खुले मैनहोल को कवर करने की मुख्य जिम्मेदारी सुएज इंडिया कंपनी के पास है। कंपनी की ओर से जोन एक, जोन दो, जोन तीन, जोन चार, जोन छह और जोन सात में सीवरेज मेंटीनेंस का काम कराया जाता है। वहीं जानकीपुरम विस्तार, गोमतीनगर विस्तार और निगम के जोन आठ में कई जगह जिम्मेदारी जलकल विभाग के पास है। जलकल की ओर से भी मैनहोल कवर करने के लिए एजेंसियां अधिकृत की गई हैैं। वहीं एलडीए क्षेत्र में खुले मैनहोल को कवर करने की जिम्मेदारी प्राधिकरण प्रशासन की है।आपसी सामंजस्य नहींखुले मैनहोल को कवर करने के लिए इन सभी में कोई आपसी सामंजस्य नहीं है। हर कोई अपनी जिम्मेदारी दूसरे पर डालता हुआ नजर आता है। अगर कहीं मैनहोल खुला हुआ है तो पहले यह देखा जाता है कि इसे सुएज कवर करेगी या जलकल या फिर एलडीए। इसी ऊहापोह के बीच मैनहोल खुला रह जाता है और हादसा होने का खतरा बना रहता है।हर बार बनती है रिपोर्टकोई भी हादसा होने के बाद रिपोर्ट बनाने का काम शुरू कर दिया जाता है। शाहरुख की मौत के बाद भी कुछ ऐसा ही देखने को मिल रहा है। हर कोई अपने स्तर से खुले मैनहोल की रिपोर्ट बनाने में जुट गया है। तीन दिन के अंदर रिपोर्ट तैयार करके वरिष्ठ अधिकारियों के पास भेजी जानी है। यह भी पूरी संभावना है कि जो रिपोर्ट भेजी जाएगी, उसमें यही अंकित होगा कि सभी खुले मैनहोल कवर किए जा चुके हैैं। इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला जाएगा।निगम प्रशासन एक्शन मोड में
इस बार निगम प्रशासन एक्शन मोड में नजर आ रहा है। नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह की ओर से पहले तो जलकल को लेकर कई जिम्मेदारी तय कर दी हैैं, वहीं वाट्सएप नंबर भी जारी कर दिए हैैं। जिसके माध्यम से खुले मैनहोल की जानकारी दी जा सकती है। अब यह देखना है कि यह व्यवस्था कितने दिनों तक प्रभावी रहती है। अगर यह व्यवस्था सही तरीके से चलती रहे तो साफ है कि राजधानी में फिर शाहरुख जैसा हादसा नहीं होगा और किसी परिवार पर गम का पहाड़ नहीं टूटेगा। सोशल मीडिया पर कमेंट्स1-खुले मैनहोल को तुरंत कवर किया जाना चाहिए। इनकी वजह से हादसा होने का खतरा बना रहता है।राकेश, आलमबाग2- बारिश के वक्त तो खुले मैनहोल और भी ज्यादा खतरनाक हो जाते हैैं। इनमें पानी ऊपर तक भर जाता है, जिससे लोगों को नजर नहीं आते।अक्षत, चारबाग3-जिम्मेदार विभाग को तत्काल व्यापक रूप से अभियान चलाकर खुले मैनहोल कवर करने संबंधी अभियान चलाना चाहिए। जिससे जनता को राहत मिल सके।अंजलि, आशियाना4-मैनहोल के ढक्कन न चोरी हों, इसके लिए भी नए सिरे से कार्ययोजना बनाए जाने की जरूरत है। जो भी ऐसा करें, उनके खिलाफ ठोस लीगल एक्शन लिया जाए।रमनदीप, आलमबाग