Lucknow News: राजधानी में बिछी सालों पुरानी सीवर लाइन से रोड की उम्र घट रही है। आए दिन किसी न किसी एरिया में रोड धंसने के मामले सामने आ रहे हैैं। इतना ही नहीं जब मेंटीनेंस का काम शुरू होता है तो अंडरग्राउंड बिजली के तार बाधा बन जाते हैैं।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी में बिछी सालों पुरानी सीवर लाइन से रोड की उम्र घट रही है। आए दिन किसी न किसी एरिया में रोड धंसने के मामले सामने आ रहे हैैं। इतना ही नहीं, जब मेंटीनेंस का काम शुरू होता है तो अंडरग्राउंड बिजली के तार बाधा बन जाते हैैं। ऐसे में, अब नगर निगम की ओर से सेपरेट डक्ट कांसेप्ट लाने की तैयारी शुरू कर दी गई है। इसका ट्रायल सीएम ग्रिड योजना के अंतर्गत बनने वाली रोड पर किया जाएगा फिर अन्य रोड्स पर भी इसे लागू किया जाएगा।यहां अक्सर समस्या आती है सामने
हाल में ही विकासनगर में कई बार रोड धंसने के मामले सामने आ चुके हैैं। इसी तरह हाल ही में यूनिवर्सिटी के पास भी रोड धंसने का मामला सामने आया था। यूनिवर्सिटी के गेट नंबर चार के पास चार दिन पहले रोड धंस गई थी। जिसके मेंटीनेंस का काम अभी तक चल रहा है। अभी इस काम को पूरा करने में तीन से चार दिन लग सकते हैैं। इस रोड के धंसने की वजह से यहां से गुजरने वाले लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।मेंटीनेंस में आती हैैं चुनौतियां


जब मेंटीनेंस का काम शुरू किया जाता है तो बिजली की अंडरग्राउंड केबिल सामने आ जाती हैैं। यूनिवर्सिटी रोड की बात की जाए तो यहां पर मेट्रो से जुड़े इलेक्ट्रिक वायर सामने आ रहे हैं, जिसकी वजह से जेसीबी का यूज नहीं हो पा रहा है। मैनुअल मेंटीनेंस होने की वजह से इसमें समय अधिक लग रहा है। इसी तरह विकास नगर एरिया में भी अंडरग्राउंड बिजली की केबिल सामने आई थी, जिसकी वजह से मेंटीनेंस वर्क पूरा होने में समय लग गया था।रोड धंसने की वजहअभी तक ज्यादातर मामलों में रोड धंसने की प्रमुख वजह सीवरेज लाइन में लीकेज सामने आई है। सीवरेज लाइन में तकनीकी प्रॉब्लम आने की वजह से रिसाव शुरू हो जाता है, जिसकी वजह से मिट्टी की कटान होती है और रोड धंस जाती है।अब ये है तैयारी

चूंकि सालों पुराने स्ट्रक्चर को बदला नहीं जा सकता, ऐसे में निगम प्रशासन का प्रयास है कि जब भी रोड का निर्माण होगा तो उसके नीचे सेपरेट डक्ट कांसेप्ट लागू किया जाएगा। इससे यह फायदा होगा कि जमीन के नीचे सिस्टमैटिक ढंग से बिजली लाइनें बिछाई जा सकेंगी साथ ही सीवरेज और पेयजल लाइन भी सेपरेट हो जाएगी। जब मेंटीनेंस वर्क होगा तो बिजली की लाइनें व पेयजल लाइन सेपरेट होने से आसानी से इस काम को पूरा किया जा सकेगा। जिससे बेहद कम समय में रोड को रिपेयर किया जा सकेगा। पहले इस कांसेप्ट को सीएम ग्रिड योजना के अंतर्गत बनने वाली नौ किमी की रोड पर अप्लाई किया जाएगा फिर इसे पूरे शहर में लागू कर दिया जाएगा।पुराने एरिया के लिए ये कदमजिन एरियाज में सालों पुरानी सीवरेज लाइन बिछी हुई हैं, वहां तुरंत कोई बड़ा कदम नहीं उठाया जा सकता है। इस काम में वित्तीय खर्च भी बहुत अधिक आएगा। ऐसे में निगम प्रशासन प्रयास कर रहा है कि यहां पर सीवरेज लाइन के नक्शे के आधार पर रोड सेफ्टी से जुड़े कदमों को उठाया जाएगा। जिससे रोड धंसने के मामलों में रोक लगाई जा सके।

Posted By: Inextlive