Lucknow News: राजधानी के सीवरेज सिस्टम के लिए नाले-नालियों का गठजोड़ बड़ी मुसीबत के रूप में सामने आ रहा है। शहर में एक हजार से अधिक ऐसे प्वाइंट हैैं जहां पर सीवरेज से नाले-नालियां कनेक्ट हो रही हैैं जिसकी वजह से संबंधित एरिया की जनता को जलभराव सीवरेज ओवरफ्लो और कई बार दूषित जलापूर्ति का भी सामना करना पड़ता है।


लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी के सीवरेज सिस्टम के लिए नाले-नालियों का गठजोड़ बड़ी मुसीबत के रूप में सामने आ रहा है। शहर में एक हजार से अधिक ऐसे प्वाइंट हैैं, जहां पर सीवरेज से नाले-नालियां कनेक्ट हो रही हैैं, जिसकी वजह से संबंधित एरिया की जनता को जलभराव, सीवरेज ओवरफ्लो और कई बार दूषित जलापूर्ति का भी सामना करना पड़ता है। इस समस्या को दूर करने के लिए नगर निगम की ओर से कवायद तेज कर दी गई है और चिन्हित प्वाइंट्स पर नाले-नालियों के कनेक्शन को हटाया जा रहा है।लंबे समय से मुसीबत


राजधानी में सालों पुराना सीवरेज सिस्टम है। इस सिस्टम से नाले-नालियां भी जुड़ी हुई हैैं। जिसकी वजह से स्थिति और भी ज्यादा खराब हो जाती हैैं। जिन प्वाइंट्स पर नाले-नालियां सीवरेज से कनेक्ट हो रहे हैैं, वहां पर अक्सर सीवरेज ओवरफ्लो और बारिश होने पर जलभराव की समस्या आती है। मौके पर टीम पहुंचकर सीवरेज की सफाई तो करा देती है, लेकिन नाले-नालियों के कनेक्ट होने से सीवरेज लाइन फिर से चोक हो जाती है। ऐसे में स्थानीय जनता को राहत नहीं मिल पाती है।सभी जोन में हैैं कनेक्टेड

नगर निगम की ओर से जो लिस्ट तैयार की गई है, उसमें साफ है कि लगभग सभी जोन में यह समस्या है। सबसे ज्यादा समस्या उन जोन में है, जिनके अंतर्गत पुराने इलाके आते हैैं। इन इलाकों में मुख्य रूप से लालकुआं, चौक, अमीनाबाद, ऐशबाग, गोमतीनगर, नरही, इंदिरानगर का कुछ हिस्सा इत्यादि शामिल हैैं। अगर इन एरिया को जोन के रूप में देखा जाए तो जोन एक, जोन दो, जोन तीन, जोन चार, जोन छह और जोन सात शामिल हैैं। विस्तारित एरियाज में अभी सीवरेज लाइन नहीं है, ऐसे में वहां के इलाकों को शामिल नहीं किया गया है।ये समस्याएं आती हैं सामने1-सीवरेज ओवरफ्लो2-जलनिकासी की समस्या3-जलभराव की समस्याअब ये होगी कवायदसबसे पहले तो सालों पहले बिछी सीवरेज लाइन की ड्राइंग-डिजाइन देखी जा रही है। अगर किसी प्वाइंट पर ड्राइंग-डिजाइन नहीं मिलती है तो वहां पर नए सिरे से इसे तैयार कराया जा रहा है। इसके बाद ड्राइंग-डिजाइन के आधार पर जिन प्वाइंट्स पर नाले-नालियां सीवरेज से कनेक्ट हो रहे हैैं, उन्हें वहां से रिमूव किया जाएगा। इसके बाद यह व्यवस्था भी बनाई जाएगी कि दोबारा इस तरह की समस्या सामने न आए। कई प्वाइंट्स पर नाले-नालियों को सीवरेज लाइन से अलग भी कर दिया गया है, जिससे वहां पर सीवरेज ओवरफ्लो इत्यादि समस्याओं का समाधान हो गया है।यहां पहले से ही तैयारी

विस्तारित एरियाज में सीवरेज लाइन बिछाई जाएगी तो उस दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाएगा कि सीवरेज या पेयजल लाइन से कोई भी नाले-नाली सीधे रूप से कनेक्ट न हों। जिससे इन एरियाज में रहने वाले लोगों को दूषित जलापूर्ति या जलभराव की समस्या का सामना न करना पड़े।

Posted By: Inextlive