Diwali 2024 Lucknow: दीपावली रोशनी और खुशियों का पर्व है। इस दौरान लोग जमकर पटाखे भी छुड़ाते हैं जिससे धुंआ फैलता है और लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है खासकर सांस से जुड़ी समस्या से पीड़ित लोगों को। हर साल पटाखों की वजह से हादसे भी होते हैं इसलिए लोगों को इस दौरान बेहद सावधानी बरतनी चाहिए।


लखनऊ (ब्यूरो)। दीपावली रोशनी और खुशियों का पर्व है। इस दौरान लोग जमकर पटाखे भी छुड़ाते हैं, जिससे धुंआ फैलता है और लोगों को सांस लेने में परेशानी होती है, खासकर सांस से जुड़ी समस्या से पीड़ित लोगों को। हर साल पटाखों की वजह से हादसे भी होते हैं इसलिए लोगों को इस दौरान बेहद सावधानी बरतनी चाहिए। बुजुर्गों, बच्चों, गर्भवती महिलाओं को खासतौर पर सतर्कता बरतनी चाहिए और कोई भी समस्या होने पर तत्काल डॉक्टर को दिखाना चाहिए।सांस के रोगी रखें विशेष ध्यान
रेस्पिरेटरी मेडिसिन विभाग, केजीएमयू के हेड प्रो। सूर्यकांत ने बताया कि सांस के रोगी जहां तक हो सके घर के अदर ही रहें, पानी और पेय पदार्थों का भरपूर सेवन करें और भाप लें। दमा के रोगी अपनी दवायें व इनहेलर नियमित रूप से लें और जरूरत पड़ने पर तुरंत अपने डॉक्टर से सलाह लें। इसके अलावा धूल, गर्दा, व पेंट की खुशबू से सांस का दौरा पड़ सकता है। वहीं, कार्डियोलॉजिस्ट ऋषि सेठी ने बताया कि हाई ब्लड प्रेशर, स्ट्रोक और हार्ट के मरीजों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। क्योंकि पटाखों की तेज आवाज से आदमी अचानक से घबरा जाता है, जिससे कई बार दिल पर जोर पड़ता है। हृदय रोगियों को दूर से ही धमाकेदार आतिशबाजी देखनी चाहिए।आंखों का बचाव करें


केजीएमयू के आई डिपार्टमेंट के डॉ। अरुण शर्मा ने बताया कि पटाखों से निकलने वाली तेज रोशनी से आंखों को बचाना चाहिए। अचानक से आंख में कुछ लगने पर आंख को रगड़ना या मलना नहीं चाहिए। साथ ही आंख में धंसी चीज को निकालने की कोशिश नहीं करनी चाहिए। आंख जल जाने पर अपने हाथ को साबुन से अच्छी तरह धोएं फिर जली आंख को पानी से 10 मिनट तक धोयें और जल्द से जल्द डाक्टर को दिखाएं। वहीं, पटाखे जलाते समय ढीले-ढाले और सिंथेटिक कपड़ों के स्थान पर चुस्त और मोटे सूती कपड़े पहनें।जलने पर ऐसे करें बचाव-जली हुई जगह पर से तुरंत कपड़ा हटाएं।-जली हुई जगह पर ठंडा पानी डालें।-जले स्थान पर मक्खन, चिकनाई, टेल्कम पाउडर या अन्य कोई चीज न लगायें।-आतिशबाजी खुले स्थान पर सावधानी से जलाएं।-बच्चों के साथ बड़ों को जरूर होना चाहिए।-पानी या बालू से भरी बाल्टी को पास रखें।-डाक्टर से पूछ कर ही कोई दवा लें।****************************************दीपावली पर अलर्ट पर रहेंगी 108 एंबुलेंस सेवाएं

दीपावली के मौके पर 108 एवं 102 एंबुलेंस अलर्ट मोड पर रहेंगी। एंबुलेंस सेवा प्रदाता संस्था ने सभी एंबुलेंसों को 24 घंटे अलर्ट रहने के निर्देश दिए हैं। कोई भी व्यक्ति 108 नंबर पर कॉल करके एंबुलेंस सेवा का लाभ ले सकता है। ईएमआईआरआई ग्रीन हेल्थ सर्विसेज के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट टीवीएसके रेड्डी ने बताया कि दीपावली पर 108 सेवा की सभी 2200 एंबुलेंस मरीजों की सेवा के लिए 24 घंटे तैयार रहेंगी। आवश्यकता पड़ने पर मरीजों जल्द से जल्द एंबुलेंस उपलब्ध कराने के लिए अलर्ट जारी किया गया है। सभी एंबुलेंसों में आवश्यक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए गए हैं। दीपावली पर आवश्यकता के मुताबिक, पुलिस व प्रशासन के सहयोग से एंबुलेंस ऐसी लोकेशन पर खड़ी करने के निर्देश दिए गए हैं, जिससे एंबुलेंस जल्दी मरीजों तक पहुंच सके।****************************************शुभ मुहूर्त में पूजन से मिलेगा विशेष लाभ
आज रोशनी और उल्लास का पर्व दीपावली है, जिसको लेकर घरों में तैयारियां पूरी हो चुकी हैं। आज मां लक्ष्मी की कृपा के लिए प्रदोष काल में पूजन करने से धनवर्षा होती है। प्रदोषकाल शाम 5:19 बजे से शाम 6:31 बजे तक है। दीपोत्सव को लेकर राजधानी में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है। बुधवार को नरक चतुर्दशी पर घरों में बड़ा दीपक जलाया गया। मान्यता है कि इस दिन भगवान श्रीकृष्ण ने नरकासुर नामक राक्षस का वध किया था। आचार्य शक्तिधर त्रिपाठी के मुताबिक, शास्त्रों के अनुसार महालक्ष्मी मध्यरात्रि को विचरण करती हैं इसलिए गुरुवार को स्नान करके भगवान विष्णु के निमित दीपक प्रज्ज्वलित करें। शाम को शुभ लग्न में श्रीगणेश, मां लक्ष्मी और भगवान कुबेर का पूजन करें। लक्ष्मी पूजा प्रदोष काल, वृषभ लग्न और ङ्क्षसह लग्न में करना श्रेयस्कर होता है। मां लक्ष्मी का आसन कमल का फूल है। ऐसे में मां को लाल रंग के नव वस्त्रों, कमल पुष्प के साथ ही दूध, दही, मधु, गंगाजल व मिष्ठान का भोग अर्पित करना चाहिए, जिससे विशेष लाभ मिलेगा।दीपावली पूजा का समय-कुंभ लग्न-दोपहर 1:40 बजे से दोपहर 3:09 बजे तक (ऑफिस/व्यवसायिक स्थल में करने पूजा)।-प्रदोषकाल-शाम 5:19 बजे से शाम 6:31 बजे तक।-वृषभ लग्न-सायंकाल 6:13 बजे से-रात 8:09 बजे तक (घर में करें पूजा)।-ङ्क्षसह लग्न-रात्रि 12:47 बजे से-रात्रि 3:01 बजे तक (साधना और सिद्धि की पूजा)।-महानिशिथ काल-रात्रि 11:39 बजे से रात्रि 12:31 बजे तक (काली पूजा)।****************************************भाई दूज व चित्रगुप्त पूजन 3 नवंबर को
दीपोत्सव के बाद भाई दूज और भगवान चित्रगुप्त का पूजन तीन नवंबर को होगा। इस दिन कलम-दवात की पूजा होगी। संयोजक दिलीप श्रीवास्तव ने बताया कि झूलेलाल वाटिका स्थित भगवान श्री चित्रगुप्त धाम छप्पन भोग के साथ भगवान श्री चित्रगुप्त की पूजा होगी। भगवान श्री चित्रगुप्त को दूध से स्नान, विशेष प्रकार के वस्त्रों से शृंगार के साथ भोग लगेगा। मां गोमती की आरती के साथ समारोह का समापन होगा।बहनें लगाएंगी भाई को टीकाकार्तिक मास शुक्ल पक्ष की द्वितीया तीन नवंबर को है। इस दिन भाई दूज भी मनाई जाती है। इसी के साथ पांच दिवसीय पर्व का समापन होता है। आचार्य आनंद दुबे ने बताया कि कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीया दो नवंबर को रात 8:21 बजे से शुरू होकर तीन नवंबर को रात 10:05 बजे समाप्त होगी। उदयातिथि के आधार पर भाई दूज तीन नवंबर को मनेगी। इस दिन बहनें अपने भाइयों को अपने घर भोजन के लिए बुलाती हैं और भाइयों के माथे पर तिलक लगाती हैं। इस दिन यमुना में डुबकी लगाने की परंपरा है। दोपहर 12:56 बजे से दोपहर 3:09 बजे तक तिलक लगाया जा सकता है।****************************************दो को होगा गोवर्धन व अन्नकूट पूजनदीपावली पर्व के बाद गोवर्धन पूजा व अन्नकूट पूजन किया जाता है। कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा को गोवर्धन पूजा होती है। इसबार गोवर्धन पूजा दो नवंबर को होगी। इस दिन भगवान श्री कृष्ण गाय और बैलों का पूजन करते हैं। आचार्य एसएस नागपाल ने बताया कि गोवर्धन पूजा को अन्नकूट पूजा भी कहा जाता है। इस दिन गेहूं, चावल जैसे अनाज, कढ़ी और पत्ते वाली सब्जियों से बने भोजन को भगवान श्री कृष्ण को अर्पित किया जाता है। कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि एक नवंबर को शाम 6:16 बजे से शुरू होकर दो नवंबर को रात 8:21 बजे तक रहेगी। उदयातिथि के आधार पर गोवर्धन पूजा दो नवंबर को ही होगी। सुबह 6:17 से 8:30 बजे तक और शाम को 3:09 बजे से 5:23 बजे तक पूजन करना श्रेयस्कर होगा।

Posted By: Inextlive