Lucknow News: बारिश के मौसम में गर्मी और उमस के चलते तमाम तरह की बीमारियां फैल रही हैं। खासतौर पर बुखार और डायरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। राजधानी के अस्पतालों में डायरिया के मरीजों की संख्या 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है।


लखनऊ (ब्यूरो)। बारिश के मौसम में गर्मी और उमस के चलते तमाम तरह की बीमारियां फैल रही हैं। खासतौर पर बुखार और डायरिया के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। राजधानी के अस्पतालों में डायरिया के मरीजों की संख्या 20 प्रतिशत तक बढ़ गई है। डॉक्टर्स के मुताबिक, इस वक्त लोगों को पानी उबालकर पीना चाहिए, बाहर का व बासी खाना खाने से बचना चाहिए।लोकबंधु अस्पतालरोज भर्ती हो रहे चार से पांच मरीज


लोकबंधु अस्पताल के एमएस डॉ। अजय शंकर त्रिपाठी ने बताया कि इस मौसम में पानी जनित बीमारियों के फैलने का खतरा अधिक होता है। डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। इन दिनों ओपीडी में आने वाले मरीजों में करीब 15 प्रतिशत डायरिया के मरीज हैं और रोज करीब चार से पांच डायरिया के मरीजों को भर्ती भी किया जा रहा है। खानपान का विशेष ध्यान रखकर इस बीमारी से बचा जा सकता है।बलरामपुर अस्पतालओपीडी में आ रहे 40 के करीब मरीज

बलरामपुर अस्पताल के सीएमएस डॉ। एनबी सिंह ने बताया कि यह बुखार और डायरिया का सीजन है। जैसे-जैसे बारिश तेज होगी इस बीमारी के मरीजों की संख्या में इजाफा होगा। बुखार और डायरिया की समस्या से पीड़ित 10 के करीब मरीज रोज अस्पताल में भर्ती किए जा रहे हैं। वहीं ओपीडी में बीते दो-तीन दिन से 35 से 40 मरीज डायरिया के आ रहे हैं।सिविल अस्पतालशनिवार को भर्ती किए गए 10 मरीजवहीं, सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉ। राजेश श्रीवास्तव ने बताया कि ओपीडी में रोजाना 15-20 मरीज डायरिया की समस्या के साथ आ रहे हैं। वहीं, शनिवार को 6 बड़ों और 4 बच्चों को डायरिया की समस्या अधिक होने पर भर्ती करना पड़ा है। हालांकि, अभी संख्या ज्यादा नहीं है, लेकिन अस्पताल पूरी तरह से तैयार है। यहां सभी जरूरी दवाएं उपलब्ध हैं।सतर्क रहने की जरूरत

डॉक्टर्स के मुताबिक, इस सीजन में लोगों को पानी उबालकर उसे ठंडा करने के बाद ही पीना चाहिए। क्योंकि दूषित पानी से ही सबसे ज्यादा समस्या होती है। इसके अलावा बाहर खाने से बचना चाहिए, क्योंकि वहां साफ पानी नहीं होता और खाना पहले से बना हुआ होता है। जिससे कई बार खाना खराब होता है और पेट की समस्याएं बढ़ जाती हैं। वहीं, घर पर भी ताजा पका हुआ खाना ही खाना चाहिए। बासी खाने को अवॉइड करें। बच्चों और बुजुर्गों को विशेष ध्यान रखना चाहिए। घर पर नमक और चीनी का घोल बनाकर पीएं या ओआरएस का घोल पीएं। हालांकि, डॉक्टर से सलाह लेेने के बाद ही इलाज शुरू करें। खुद से इलाज करने से बीमारी गंभीर हो सकती है।

Posted By: Inextlive