ट्रैफिक ऑडिट तय करेगी राजधानी के फ्लाईओवर्स की डिजाइन
लखनऊ (ब्यूरो)। राजधानी को ट्रैफिक जाम की समस्या से निजात दिलाने के लिए जगह-जगह फ्लाईओवर्स का जाल बिछाया जा रहा है, लेकिन कई जगहों पर फ्लाईओवर्स के डाउन प्वाइंट पर जाम की समस्या भी सामने आ रही है। जिसकी वजह से जनता परेशान है। इसी को ध्यान में रखते हुए अब एक बड़ा निर्णय लिया गया है। सेतु निगम की ओर से अब राजधानी में जो भी फ्लाईओवर्स बनाए जाएंगे, उनके निर्माण से पहले ट्रैफिक ऑडिट कराया जाएगा। जिसमें यह देखा जाएगा कि फ्लाईओवर्स की डिजाइन किस आधार पर रखी जाए। साथ ही, यह भी देखा जाएगा कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को उक्त फ्लाईओवर का लाभ मिल सकता है।आईआईटी रुड़की की मदद
यह भी जानकारी सामने आई है कि ट्रैफिक ऑडिट के लिए आईआईटी रुड़की या अन्य किसी विशेषज्ञ कंपनी की मदद ली जा सकती है। इसके लिए सेतु निगम की ओर से बकायदा टेंडर निकाला जाएगा। टेंडर प्रक्रिया पूरी होने के बाद जो भी कंपनी सामने आएगी, उसे ही ट्रैफिक ऑडिट की जिम्मेदारी दी जाएगी। ट्रैफिक ऑडिट से रिलेटेड जो भी रिपोर्ट सामने आएगी, उसके आधार पर ही फ्लाईओवर्स का निर्माण कराया जाएगा, ताकि भविष्य में वाहनों की संख्या बढऩे पर भी उस एरिया में ट्रैफिक जाम की समस्या सामने न हो। ऑडिट के दौरान यह भी देखा जाएगा कि फ्लाईओवर्स में अंडरपास किस-किस प्वाइंट पर जरूरी हैैं और उसके आधार पर भी कदम उठाए जाएंगे।मेट्रो स्टेशन से कनेक्ट होगा फ्लाईओवरवर्तमान में जो फ्लाईओवर्स बन रहे हैैं, उनकी बात की जाए तो मुंशी पुलिया से पॉलीटेक्निक तक बनने वाले फ्लाईओवर को अब मुंशी पुलिया मेट्रो स्टेशन से भी कनेक्ट करने की तैयारी है। जिससे मेट्रो स्टेशन की तरफ जाने वाले लोगों को किसी भी तरह की समस्या का सामना न करना पड़े। इसके साथ ही, मेट्रो स्टेशन की कनेक्टिविटी और बेहतर हो सकेगी।तीन से चार फ्लाईओवर प्रस्तावितराजधानी में अभी तीन से चार फ्लाईओवर प्रस्तावित हैैं। इनमें से दो ट्रांसगोमती और करीब दो सिस गोमती में प्रस्तावित हैैं। हालांकि, अभी पूरा फोकस मुंशी पुलिया और खुर्रम नगर फ्लाईओवर पर किया जा रहा है। वहीं, अन्य फ्लाईओवर्स का काम भी जल्द ही शुरू किया जाना है। इसे ध्यान में रखते हुए ही ट्रैफिक ऑडिट कराने पर फोकस किया गया है, ताकि समय रहते डिजाइन इत्यादि में बदलाव कर उसके आधार पर निर्माण कराया जा सके और भविष्य में जनता को जाम रूपी समस्या का सामना न करना पड़े।विशेषज्ञों की ली जाएगी मदद
सांसद प्रतिनिधि की ओर से सेतु निगम को दिए गए सुझाव में साफ है कि आने वाले वक्त में रोड्स पर व्हीकल लोड और भी अधिक बढ़ेगा। साथ ही, इंडस्ट्रियल डेवलपमेंट होने की वजह से देश-विदेश से डेलीगेट्स का आना-जाना भी होगा। ऐसे में, शहर की छवि बेहतर रहे और रूट्स की कनेक्टिविटी बेहतर हो, इस वजह से जरूरी है कि फ्लाईओवर्स के निर्माण से पहले ट्रैफिक ऑडिट कराया जाए। इस सुझाव के आधार पर सेतु निगम की ओर से काम भी शुरू कर दिया गया है और जल्द ही ट्रैफिक ऑडिट संबंधी जिम्मेदारी देने के लिए कंपनी इत्यादि का चयन किया जाएगा।ट्रैफिक ऑडिट होने से सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि फ्लाईओवर्स के निर्माण के बाद पब्लिक को कहीं भी जाम की समस्या का सामना नहीं करना पड़ेगा। फ्लाईओवर्स के निर्माण के बाद लोग आसानी से अपने गंतव्य की ओर जा सकेंगे।-दिवाकर त्रिपाठी, सांसद प्रतिनिधि