Lucknow News: डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी एकेटीयू के अकाउंट से 120 करोड़ रुपये उड़ाने वाले नटवर लाल गैैंग के सात जालसाजों को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने ट्यूज्डे को गिरफ्तार किया। जालसाजों ने ये रुपये अहमदाबाद के श्री श्रद्धा एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के खाते में ट्रांसफर कराए थे।


लखनऊ (ब्यूरो)। डॉ। एपीजे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) के अकाउंट से 120 करोड़ रुपये उड़ाने वाले नटवर लाल गैैंग के सात जालसाजों को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने ट्यूज्डे को गिरफ्तार किया। जालसाजों ने ये रुपये अहमदाबाद के श्री श्रद्धा एजुकेशनल एंड चैरिटेबल ट्रस्ट के खाते में ट्रांसफर कराए थे। साइबर टीम ने ट्रस्ट और अन्य खातों को फ्रीज कर 119 करोड़ रुपये एकेटीयू के खाते में वापस मंगा लिए। गिरफ्तार आरोपियों में एक फिल्म डायरेक्टर है, जबकि बस्ती का रहने वाला गिरोह का सरगना अनुराग श्रीवास्तव अभी फरार है। पुलिस उसकी और गिरोह के अन्य मेंबर्स की तलाश में दबिश दे रही है।यूनिवर्सिटी के फेक डॉक्यूमेंट्स से खोला गया था खाता


डीसीपी पूर्वी प्रबल प्रताप ङ्क्षसह के मुताबिक, गिरफ्तार जालसाजों में सूरत के अमरौली साई लेक्जीरिया, श्रीकर विद्या स्कूल के पास का रहने वाला जोशी देवेंद्र प्रसाद प्रभाशंकर, अहमदाबाद के बैजलपुर जीवराज पार्क के पास भगवती अपार्टमेंट में रहने वाला पटेल उदय, उन्नाव के आसीवन हसनगंज पानापुर खुर्द मलकादीन का रहने वाला राजेश बाबू, कानपुर रोड एलडीए कालोनी मानसरोवर योजना का गिरीश चंद्र, महानगर चौराहा सेक्टर-बी का रहने वाला शैलेंद्र कुमार रघुवंशी, अमेठी मुसाफिर खाना सलाबथ गढ़ का रहने वाला दस्तगीर आलम और बस्ती अमहट जयपुरवा का कृष्णकांत शामिल हैं। राजधानी में अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी (एकेटीयू) के फेक डॉक्यूमेंट्स के आधार पर बैंक में खाता खोल कर जालसाजों ने यूनिवर्सिटी के 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर कर लिए। जब इसकी जानकारी बैंक को मिली तो हड़कंप मच गया। बैंक मैनेजर ने साइबर क्राइम थाना में आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया है।बैैंक मैनेजर को 100 करोड़ की एफडी का झांसाहजरतगंज की बापू भवन यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ब्रांच के मैनेजर ने साइबर क्राइम थाने में एफआईआर दर्ज कराई थी। डीसीपी पूर्वी के मुताबिक, 3 जून को बैैंक मैनेजर मनाली छुट्टियां मनाने गए हुए थे। इसी दौरान उनके पास डॉक्टर शैलेश कुमार रघुवंशी नाम के व्यक्ति का कॉल आया और उसने 100 करोड़ की एफडी के लिए ऑफर लेटर की मांग की। बैंक में इतनी बड़ी एफडी की बात सुन बैंक मैनेजर ने रघुवंशी को बैंक भेज दिया। इसी दौरान उनके पास एक अन्य व्यक्ति जय कुमार उर्फ एनके सिंह का कॉल आया और उसने खुद को अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी, लखनऊ का फाइनेंस ऑफिसर बताया और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया में खाता खोलने से संबंधित जानकारी मांगी। जिस पर उसे भी बैंक मैनेजर ने ब्रांच में जाने को कहा।बैंक व यूनिवर्सिटी की फेक मेल आईडी

बैंक मैनेजर अनुज सक्सेना के मुताबिक, उसके दूसरे दिन 4 जून को दूसरी कॉल करने वाले जय कुमार का एक आदमी ब्रांच आया और वहां एफडी का ऑफर लेटर लेकर चला गया। इसके बाद उसने यूनियन बैंक की फर्जी मेल आईडी बनाई और उससे अब्दुल कलाम टेक्निकल यूनिवर्सिटी की मेल आईडी पर एफडी का ऑफर लेटर भेज दिया। इतना ही नहीं, यूनिवर्सिटी की एक फर्जी मेल आईडी बना कर बैंक की आधिकारिक मेल आईडी पर एक और ऑफर लेटर की मांग की गई।फेक आईडी से ओपन कराया अकाउंट

बैंक मैनेजर के मुताबिक, 5 जून को एकेटीयू के अधिकृत बैंक खाते से यूनियन बैंक के खाते में 120 करोड़ रुपए ट्रांसफर किए गए। उसी दिन खुद को यूनिवर्सिटी का फाइनेंस ऑफिसर बताने वाले जय कुमार का आदमी अनुराग श्रीवास्तव बैंक आया और यूनिवर्सिटी का चीफ अकाउंट अफसर बताया व यूनिवर्सिटी के कुछ फर्जी कागजात के आधार पर यूनिवर्सिटी के नाम से एक अकाउंट खुलवाया और तत्काल एक चेक बुक भी इशू करवा ली। इसके बाद धीरे-धीरे पूरे 120 करोड़ रुपए गुजरात की श्रद्धा एजुकेशन एंड चैरिटेबल ट्रस्ट में खाते ट्रांसफर कर दिए गए। जब बैंक से 120 करोड़ रुपए कम पाए गए और पैसों के लेन देन की जांच करवाई गई तो बैंक को मामला संदिग्ध लगा। इसके बाद बैंक मैनेजर अनुज सक्सेना ने साइबर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई।इतने बड़े फ्रांड की जानकारी मिलते ही साइबर क्राइम टीम के अलावा सर्विलांस टीम भी लग गई। बाकी रकम को रिकवर करने का प्रयास जारी है। इस मामले में यूनिवर्सिटी व बैैंक से संबंधित कुछ लोगों को भी संदेह के घेरे में रखा गया है। ठगी के मास्टर माइंड अनुराग श्रीवास्तव की गिरफ्तारी के बाद कई और राज खुल सकते हैं।-प्रबल प्रताप सिंह, डीसीपी पूर्वी

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