कोटपा एक्ट: शुरुआत जोरदार फिर सब बेकार
लखनऊ (ब्यूरो)। लखनऊ देश का पहला ऐसा शहर था, जहां तंबाकू उत्पादों की बिक्री करने वाले वेंडर्स को लाइसेंस दिए गए थे। मेयर की ओर से खुद लाइसेंस संबंधी प्रक्रिया शुरू कराई गई थी लेकिन गुजरते वक्त के साथ स्थिति जस की तस हो गई। आलम यह है कि शहर में हर तरफ तंबाकू उत्पादों की बिक्री करने वाली दुकानों में धड़ल्ले से चिप्स, कैंडी, टॉफी और बिस्कुट भी मिल रहे हैं, जो कोटपा एक्ट का उल्लंघन है।
नौ वेंडर्स को दिए गए थे लाइसेंस
17 दिसंबर 2020 को मेयर संयुक्ता भाटिया ने जोन पांच और जोन छह में कुल मिलाकर नौ लाइसेंस वितरित किए थे। मेयर ने स्पष्ट निर्देश दिए गए थे कि हर जोन में तंबाकू वेंडिंग लाइसेंस जारी किए जाएं, जिससे तंबाकू उत्पादों की बिक्री करने वाले वेंडर्स को लाइसेंस बनवाने के लिए निगम मुख्यालय न आना पड़े। इसके बावजूद लगभग सभी जोन में रफ्तार बेहद धीमी है।
जागरुकता अभियान भी नहीं चला
राजधानी में करीब पांच से सात हजार के बीच तंबाकू उत्पादों की बिक्री करने वाले वेंडर्स हैं। वेंडर्स को यह तो पता है कि तंबाकू उत्पादों की बिक्री करने के लिए नगर निगम की ओर से लाइसेंस जारी किया जाता है लेकिन उन्हें यह नहीं पता कि लाइसेंस किस तरह से और कहां पर बनेगा। मतलब साफ है कि नगर निगम की ओर से वेंडर्स को जागरुक तक नहीं किया गया।
कोटपा एक्ट में साफ है कि अगर किसी दुकान में तंबाकू उत्पादों की बिक्री होती है तो दुकानदार टॉफी, बिस्कुट और चिप्स आदि की सेल नहीं कर सकेगा। अगर वह ऐसा करेगा तो उसका लाइसेंस रद कर दिया जाएगा। स्कूलों के पास दुकान नहीं
कोटपा एक्ट में स्पष्ट है कि किसी भी स्कूल से 100 मीटर के दायरे में तंबाकू उत्पादों की बिक्री नहीं होगी लेकिन आलम यह है कि ज्यादातर स्कूलों, कॉलेजों के पास धड़ल्ले से तंबाकू उत्पादों की बिक्री हो रही है। लाइसेंस शुल्क एक नजर में
- 200 रुपये अस्थाई दुकानों का वार्षिक रजिस्ट्रेशन शुल्क
- 1 हजार रुपये स्थाई दुकानों का वार्षिक रजिस्ट्रेशन शुल्क
- 5 हजार रुपये थोक दुकानों का लाइसेंस शुल्क
जुर्माने का प्राविधान
अगर कोई दुकानदार पहली बार कोटपा एक्ट का उल्लंघन करते मिलता है तो उस पर दो हजार रुपये जुर्माना और सामग्री जब्त की जाएगी। वहीं दूसरी बार पकड़े जाने पर पांच हजार जुर्माना और सामग्री जब्त और तीसरी बार में पांच हजार जुर्माना, सामग्री जब्त और कानूनी कार्रवाई होगी।रोड को लाल करते रहें, कोई रोकने वाला नहीं
नगर निगम की ओर से कई बार रोड पर थूकने वालों के खिलाफ कार्रवाई की योजना तो बनाई गई लेकिन अभी तक इसे सख्ती से लागू नहीं किया जा सका है। लोग धड़ल्ले से रोड्स को लाल कर रहे हैैं।
100 रुपये जुर्माना, लेकिन कागजों में
रोड्स या सार्वजनिक स्थानों पर थूकने वालों पर 100 रुपये जुर्माना लगाए जाने का प्राविधान है। इसके बावजूद अभी तक ये जुर्माना वसूला नहीं जाता है।
कोई मॉनीटरिंग नहीं
निगम प्रशासन की ओर से जोनवार कोई भी मॉनीटरिंग सिस्टम नहीं है। जिससे इस नियम का कड़ाई से पालन नहीं हो रहा है। दो साल पहले एक दो जोन में जागरुकता अभियान तो चला था लेकिन उसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
फैलती हैैं बीमारियां
सार्वजनिक स्थानों पर थूकने की वजह से एक तरफ तो स्वच्छता पर दाग लगता है, वहीं दूसरी तरफ बीमारियों के भी फैलने का खतरा बना रहता है। इसके बावजूद अभी तक इस पर रोक लगाने के लिए कोई कदम नहीं उठाया गया है।
कोटपा एक्ट के अंतर्गत वेंडर्स के लाइसेंस जारी करने संबंधी प्रक्रिया में तेजी लाई जाएगी। इसके साथ ही एक्ट की अन्य गाइडलाइंस का भी सख्ती से पालन कराया जाएगा।
संयुक्ता भाटिया, मेयर