कोरोना ने रोकी पवन हंस की उड़ान
8 शहरों के लिए राजधानी से चलनी थीं बसें
16 बसें राजधानी से चलाने की थी योजना 32 बसें प्राइवेट ऑपरेटर्स ने खरीद भी लीं - कोरोना संक्रमण को देखते हुए पवन हंस बसों के संचालन की योजना स्थगित की गई - राजधानी सहित कई अन्य शहरों से इसी माह शुरू होना था इन बसों का संचालन LUCKNOW: पवन हंस बस में सफर करने के लिए पैसेंजर्स को अभी और इंतजार करना होगा। कोरोना संक्रमण के कारण इन बसों का संचालन स्थगित कर दिया गया है। गौरतलब है कि राजधानी संग प्रदेश के कई शहरों से इन बसों का संचालन इसी माह शुरू होना था। बस मालिकों का फंसा पैसापवन हंस का संचालन रुकने से इन बसों के मालिक के करोड़ों रुपए फंस गए हैं। उन्होंने परिवहन निगम के साथ होने वाले अनुबंध के चलते इन बसों को खरीद लिया था लेकिन रोडवेज ने इस समय कोरोना संकट को देखते हुए अनुबंध की स्कीम बंद कर रखी है।
पिछले साल बनी थी योजनारोडवेज के अधिकारियों के अनुसार बस बेड़े में अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस बसों को शामिल करने की योजना बनाई गई थी। वॉल्वो और स्कैनिया जैसी सुविधाएं ही पवन हंस बसों में दी जानी थीं। इस योजना को देख प्राइवेट ऑपरेटर्स ने बसें खरीदना शुरू कर दिया था। तीन ऑपरेटर्स ने 32 बसें खरीद ली थीं। कोरोना संक्रमण के कारण बसों में मुसाफिरों को कम संख्या को देख रोडवेज ने फिलहाल अनुबंध की योजना ही बंद कर दी है।
बाक्स डग्गामारी रोकना था मकसद रोडवेज के अधिकारियों के अनुसार पैसेंजर्स डग्गामार बसों की ओर रुख न करें, इसलिए इन बसों को चलाने की योजना बनाई गई है। लखनऊ से आठ शहरों के लिए ये बसें चलाई जानी थीं। फिलहाल यह योजना लटक गई है। कोट प्राइवेट ऑपरेटर्स के साथ बसों का अनुबंध रोक दिया गया है। अनुबंध शुरू होते ही इन बसों को रोडवेज बस बेड़े में शामिल करने पर विचार किया जाएगा। पीआर बेलवारियार, प्रधान प्रबंधक परिवहन निगम बॉक्स इन रूट पर मिलनी थी सुविधा - लखनऊ-गोरखपुर - लखनऊ- प्रयागराज - लखनऊ- देहरादून - लखनऊ-जयपुर - लखनऊ-वाराणसी - लखनऊ-दिल्ली हाईलाइटर इसे भी जानें - दिसंबर 2019 में तैयार की गई थी योजना - फरवरी 2020 में 76 बसों को शामिल करने का लिया गया था निर्णय - कमता बस अड्डे से किया जाना था पवन हंस बसों का संचालन - राजधानी से आठ शहरों के लिए चलाई जानी थी 16 बसें- तीन प्राइवेट आपरेटर्स ने खरीद ली थीं 32 बसें